यूपी के रीजनल न्यूज चैनल जनसंदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद पुरानी टीम को पूरी तरह कार्यमुक्त कर दिया गया है। गिरीश जुनेजा, एसएन द्विवेदी, अमरेश झा, तड़ित प्रकाश, सचिन विजय सिंह समेत कई वरिष्ठ अब इस चैनल के हिस्से नहीं रहे। जनसंदेश, उत्तराखंड को फ्रेंचाइजी पर लेने वाली न्यूज एजेंसी एनएनआई से कांट्रैक्ट खत्म हो गया है। एनएनआई के कर्ताधर्ता उमेश कुमार भी इस चैनल से अलग हो चुके हैं। ये सभी लोग इस्तीफा दे चुके हैं। इनके अलावा करीब एक दर्जन से ज्यादा जनसंदेश कर्मी चैनल से हट चुके हैं या हटाए जा चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक चैनल के मालिकाना हक में बदलाव के बाद अक्टूबर माह के आखिरी दिनों में पुरानी टीम को बाहर जाने के लिए नए और पुराने, दोनों प्रबंधन ने इशारा कर दिया था। इन लोगों ने तब कुछ दिनों-महीनों की मोहलत मांगी थी ताकि वैकल्पिक व्यवस्था की जा सके।
बताया जा रहा है कि गिरीश जुनेजा एंड कंपनी अब एक नया चैनल लाने की कवायद में जुट गई है। नाम है ‘कैम न्यूज’। जो सज्जन ‘सीएनएन टुडे’ नामक अखबार निकालते हैं वही ‘कैम न्यूज’ नाम से न्यूज चैनल लाने की योजना बनाए हैं। इन सज्जन का नाम है प्रिंस सोलंकी। वेस्ट यूपी में रीयल स्टेट और स्क्रैप का काम करने वाले प्रिंस को जुनेजा एंड कंपनी ने चैनल सफलतापूर्वक लांच करा देने का आश्वासन दिया है। सूत्रों के मुताबिक इस नए न्यूज चैनल में जनसंदेश की पुरानी टीम के ज्यादातर लोग जुड़ रहे हैं। इस तरह जुनेजा एंड कंपनी फिर से एक नए प्रोजेक्ट को लाने और चलाने के काम में जुट गई है। गिरीश जुनेजा जनसंदेश के पहले सीएनईबी की लांचिंग टीम में थे पर चैनल लांचिंग के आसपास इन्हें हटना पड़ा था। ‘कैम न्यूज’ में उमेश कुमार सीईओ के रूप में काम देख रहे हैं।
उधर, जनसंदेश में मैनेजिंग एडिटर के रूप में काम संभालने वाले सैयदेन जैदी अपनी टीम बनाने में जुट गए हैं। वे ‘जुनेजा एंड कंपनी’ की विदाई के बाद अपने नजदीकी लोगों को चैनल में ला रहे हैं। कहा जा सकता है कि जनसंदेश में जल्द ही जैदी एंड कंपनी हर तरफ काबिज दिखेगी। जैदी की टीम में ज्यादातर वही लोग आ रहे हैं जो उनके साथ इंडिया न्यूज या लहरें में काम कर चुके हैं। जैदी की दिल्ली-मुंबई की नई टीम के जो कुछ लोग हाल-फिलहाल हिस्सा बने हैं, उनके नाम इस तरह हैं- कमर अंसारी, मोहित मिश्रा, विजय कुमार यादव, शैलेश निगम, पुनीत सिंह। सूत्रों के मुताबिक सैयदेन जैदी जनसंदेश में पुरानी टीम के हटने के बाद खाली हो रही जगह पर अपने करीबी लोगों की नियुक्ति कर चैनल को नई दिशा देने की कोशिश में जुटे हैं। पुरानों के जाने और नयों को आने की इस प्रक्रिया में एक दूसरे को बदनाम करने की अंदरखाने चालें भी चली जा रही हैं। इसी कारण आजकल जनसंदेश चर्चा में बना हुआ है।