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दुख-दर्द

भूमाफियाओं ने पत्रकार को मारा, मूत्र पिलाया

मध्‍य प्रदेश में चौथे स्‍तम्‍भ पर हमला लगातार जारी है. प्रदेश के विदिशा जिले में एक पत्रकार पर जानलेवा हमला किया गया जिसमें उसे गंभीर चोटें आई हैं. पत्रकार का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने सत्‍ता संरक्षण में पल रहे भू-माफियाओं के खिलाफ समाचार लिखने की गुस्‍ताखी की.

<p style="text-align: justify;">मध्‍य प्रदेश में चौथे स्‍तम्‍भ पर हमला लगातार जारी है. प्रदेश के विदिशा जिले में एक पत्रकार पर जानलेवा हमला किया गया जिसमें उसे गंभीर चोटें आई हैं. पत्रकार का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने सत्‍ता संरक्षण में पल रहे भू-माफियाओं के खिलाफ समाचार लिखने की गुस्‍ताखी की.</p> <p>

मध्‍य प्रदेश में चौथे स्‍तम्‍भ पर हमला लगातार जारी है. प्रदेश के विदिशा जिले में एक पत्रकार पर जानलेवा हमला किया गया जिसमें उसे गंभीर चोटें आई हैं. पत्रकार का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने सत्‍ता संरक्षण में पल रहे भू-माफियाओं के खिलाफ समाचार लिखने की गुस्‍ताखी की.

बताया जाता है कि विदिशा के गंज बसोदा में स्‍पूतनिक पत्रिका के रिपोर्टर विजय रघुवंशी को भू-माफियाओं ने सरेआम पीटते हुए पूरे गंज बसोदा में चक्‍कर लगवाया. इसके बाद भी उनका मन नहीं भरा तो उन्‍होंने पत्रकार को मूत्र पिलाया. इस हमले में पत्रकार विजय के हाथ और पैर की कई हड्डियां टूट गई हैं. इस हमले में वहां के एक अखबार के वरिष्‍ठ पत्रकार के भी शामिल होने का आरोप है, जो पत्रकारिता की आड़ में खुद भू-मा‍फिया बन गया है. सरेआम हुई इस घटना के बाद से गंज बसोदा के पत्रकारों में इस कदर दहशत है कि कोई भी अपना मुंह खोलने को तैयार नहीं है.

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0 Comments

  1. sunil kaushik kanina

    July 21, 2010 at 9:50 am

    sanghthit
    ho
    virodh
    karna
    chahiye

  2. Lakhan

    July 21, 2010 at 10:24 am

    Ab to Patrakaaron ko Churiyan Pahan kar Burke mein Ghumna Chahiye Ya Jo Ek-Do Dogle Bhumafiya Patrakaar hai unki sharan me rahna chahiye.
    Mutra hi pilaya pitkar gadhe par baitha kar gumana chahiye……
    is tarah ki khabar ke baad bhi MP ke patrakaaron ka khoon nahi khaula…….
    Morcha kholkar in bhu mafiyaon ki saat pushton ki kalai kholne me jut jaana chahiye….

  3. Lakhan

    July 21, 2010 at 10:28 am

    मुंह छुपाकर बुर्के में पत्रकारिता करो……………या पत्रकारिता की आड़ में खुद भू-मा‍फिया बनो…..
    ………..अरे यार…बदला लेने के लिए सिर पर कफन बांध कर उतर जाओ..विजय अवश्य होगी, नहीं तो जी को शुकून अवश्य मिलेगा….

  4. radheshyam tewari

    July 21, 2010 at 2:26 pm

    abhi to shuruaat hai janeman agar vpne aap ko nahin sudharoge to gu khilayenge. bhu mafia akhwar nikalenge to yahi hoga.lobh men paroge to yahi hoga

  5. lali jabalpur

    July 21, 2010 at 7:11 pm

    lage raho kabhi to sach ki jeet hogi bhai.bhool jao ki tum aam aadmi ho balki tum aam aadmi ki buland awaj ho

  6. yadvendra singh munnu hazaribagh

    July 22, 2010 at 3:57 am

    Lanat hai madhya pradesh ke patrakaron par jo itna hone par bhi chup baithe hain agar itna hi dar hai jamin ke in dalalon se to patrakarita chod kar ghar men chudiyan pahan kar kyon nahin baith jate ? jinke bal par ye bhumafiya uchhal rahen hain tatha jo patrakar unki madad kar rahen hain pahle unko sareaam nanga karne ki suruat karen .aaye din jo yah ho raha hai iske liye aapas ke gile sikwe bhul kar ekjut ho kar aawaz buland karen tabhi patrkaron ki ijjat bachegi nahin to wo din dur nahin jab agle shikar aap honge .m p ke patrakar pahal karen hum aapke saath hain .[img][/img][img][/img]

  7. yadvendra singh munnu hazaribagh

    July 22, 2010 at 4:08 am

    burayi ka virodh karne men paresaniyan aati hai kyoki yah kalyug hai phir bhi vichlit na hon .patrkarita ke shakti ko pahchanen aur uska upyog karen iske pahle aap swakch patrkarita par dhyan den ho sakta hai ki log aapki chhavi is karan bhi kharaab karna chhahe .
    yadvendra singh munnu hazaribagh 22 july10

  8. Mazhar Husain

    July 22, 2010 at 9:51 am

    शर्म करो मध्य प्रदेश के पत्रकारों
    शर्म नहीं आती मध्य प्रदेश के पत्रकारों को क्या वहा के पत्रकारों कि मर्दानगी ख़त्म हो गयी है एक पत्रकार को सच लिखने के कारण पीटा जाता है और मूत्र पिलाया जाता है और वहा के पत्रकार हाथो में चूड़ियाँ पहन कर बैठे रह जाते है l क्या कलम में ताक़त ही नहीं बची या अपराधियों माफियाओ के हाथो गिरवी रख फिय है l सबसे शर्म कि बात तो ये है कि इस हमले में विद्सा के एक पत्रकार भी शामिल थे कौन हैं ये कमीना जो अपने ही साथी को पीटने वालो के साथ था ऐसा आदमी पत्रकार तो कतई नहीं हो सकता हां भडुआ ज़रूर हो सकता है l उतना सब होने के बाद भी मध्य प्रदेश के पत्रकार खामोश है इनके पास जवाब नहीं अरे बेशर्म पत्रकारों अब तो जाग जाओ नहीं तो कल तुम्हे भी पीटा जायेगा और तुम्हे मूत्र पिलाया नहीं जायेगा बल्कि तुम लोगो के मुंह में पेशाब किया जायेगा और इसी तरह सब तमाशा देखते रहेंगे l ऐसा हमारे यहाँ हो जाये तो कसम है पत्रकारिता कि या तो पत्रकारिता और बेशर्म नामर्द पत्रकारों का साथ छोड़ दूंगा या फिर पत्रकार साथियों के साथ ऐसी गन्दी हरकत करने वालो कि ज़िन्दगी चीन लूँगा क्योंकि जब सम्मान नहीं रहेगा तो पत्रकारिता करने और जीने का क्या मतलब अब तो होश में आजाओ मेरे इतना लिखने के बाद अगर होश में न आये तो चूड़ी पहनो और मुंह में कालिक पोत कर घर में बैठ जाओ पत्रकारिता छोड़ दो l वरना अपनी कलम उठाओ और दिखा दो इन गंदे लोगो को कि पत्रकार नामर्द नहीं अब भी कलम में ताक़त है l वैसे इक बात कहू रघुवंशी जी के साथ ऐसा हादसा होने के पीछे हमारी आपकी ही ख़ामोशी और नाज़रंदाज़ी है इस ख़ामोशी को तोडना होगा वरना ऐसे ही हमारे साथ होता ही रहेगा और हम मारे ही जाते रहेंगे l मैं इस घटना कि निंदा करता हूँ और सरकार से दोषियों को गिरफ्तार किये जाने और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिये जाने कि मांग करता हूँ
    मजहर हुसैन …बस्ती उत्तर परदेश [email protected]

  9. manohar pal

    July 22, 2010 at 12:25 pm

    yashwant ji
    khabar mai sachhai hai
    मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के अंतर्गत गंजबासौदा में इंदौर से प्रकाशित स्पूतनिक सामाचार पत्र के संवाददाता विजय रघुवंशी को खनिजमाफियाओं ने शहर में घुमाकर घसीट-घसीट कर मारा व हाथ-पैर तोड़ दिए, लेकिन स्थानीय पुलिस ने विजय की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की और उल्टे विजय के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया।
    गंभीर हालत में विजय रघुवंशी के परिजन भोपाल लेकर आए और प्राइवेट अस्पताल अपेक्स में भर्ती किया, जहां उनका डेढ़ माह इलाज चला। स्थानीय पत्रकारों को जब इस मामले का पता चला तो सभी उन्हें देखने पहुंचे और मप्र के जनसंपर्क विभाग से 15 हजार की आर्थिक सहायता मंजूर कराई। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल भी विजय रघुवंशी का हाल-चाल जानने अस्पताल पहुंचे।
    सभी जानते हैं कि गंजबासौदा में एक हजार एकड़ में हो रहे अवैध उत्खनन में लोकसभा की नेता प्रतिपक्ष व स्थानीय सांसद सुषमा स्वराज का संरक्षण होने के कारण प्रशासन इस अवैध उत्खनन पर कार्रवाई नहीं करता। पत्रकार विजय रघुवंशी ने यहां हो रहे अवैध उत्खनन के खिलाफ समाचार लिखा था।

  10. adharsharma

    July 22, 2010 at 6:51 pm

    मुंह छुपाकर बुर्के में पत्रकारिता करो……………या पत्रकारिता की आड़ में खुद भू-मा‍फिया बनो…..
    ………..अरे यार…बदला लेने के लिए सिर पर कफन बांध कर उतर जाओ..विजय अवश्य होगी, नहीं तो जी को शुकून अवश्य मिलेगा….

  11. markanday mani gkp

    July 22, 2010 at 8:38 pm

    nakhi kam ho to gorakhpur lana. badla hum lenge. yaha ke patrakar MARD hai
    OK BAHI

  12. karamchand

    July 26, 2010 at 4:41 pm

    hamare aligarh main tamancha sasta milta hai, goli bhi. dono free mein dunga. bus le jakar danadan utaar do unke. pattarkaro ki naak bach jayegi.

  13. CHANDAN GOSWAMI

    July 26, 2010 at 6:30 pm

    aise vyvhar hona patrkarita ke lya galat hei. doshio ko collector.aur police ne kdikarvyahi karna chhhaiea,

  14. ravishankar vedoriya

    July 27, 2010 at 10:37 am

    ese log jo isprakar se patrakaro ke sath apni manmarji chala rahe hai un logo ke sath jile ke sabhi patrakaro ko eksath hokar iska virodh karna hoiga nahi tou aaj vijay ji hai kal or koi bhi ho sakta hai is baat ko vidhan sabha mai utana chahiye
    hum apke sath hai
    milkar vijay ka sath dena hoga

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