बहुत कम लोग हैं जो इस दुनिया से जाने वाले पत्रकारों को समय-समय पर याद करते हैं और श्रद्धांजलि देते हैं. ऐसा ही एक कार्यक्रम पिछले दिनों स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में भारत के चार दिवंगत पत्रकारों समेत वर्ष 2009 में 33 देशों में पत्रकारिता कार्यों के दौरान जान गंवाने वाले 137 पत्रकारों को श्रद्धांजलि दी गई. ज्ञात हो कि वर्ष 2003 से ‘स्टॉकहोम व्यावसायिक विदेशी संवाददाता संघ’ कई चर्चों के सहयोग से हर साल इस समारोह का आयोजन करता है.
इस साल सेंट इरिक कैथोलिक कैथेड्रल चर्च में आयोजित समारोह में 2009 में दिवंगत हुए चार भारतीय पत्रकारों वेंकटेश चपलगांवकर, अनिल मजूमदार, प्रकाश कुमार नाथ और अमन कश्यप को श्रद्धांजलि दी गई. असम के पत्रकार अनिल मजूमदार को गुवाहाटी में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी. स्टार माझा टीवी के पुणे ब्यूरो चीफ चपलगांवकर की मौत एक सडक हादसे में हो गई थी. फोटो पत्रकार नाथ और कश्यप की मौत भी काम के दौरान सडक दुर्घटनाओं में हुई थी. समारोह में अफगानिस्तान और वेनेजुएला में काम के दौरान शहीद हुए पत्रकारों को भी याद किया गया. कार्यक्रम में भारत, पाकिस्तान, मेक्सिको, कोलंबिया, जार्जिया और अल सल्वाडोर के राजदूतों के अलावा स्वीडन के पत्रकार संगठन, रेडियो टीवी पत्रकार संगठन, एमनेस्टी इंडरनेशनल के प्रतिनिधि और स्वीडन के वित्त मंत्री भी मौजूद थे. स्वीडन में भारत के राजदूत बालकृष्ण शेट्टी ने कहा कि हम भारत में प्रेस की आजादी के महत्व को समझते हैं. लोकतंत्र-प्रशासन के विकास में इसकी भूमिका स्वीकार करते हैं. पत्रकारों के योगदान को याद करने वाले इस कार्यक्रम के आयोजन पर हम आपके कृतज्ञ हैं.’
saras bajpai
June 3, 2010 at 4:57 pm
aaj hjhjklll kjklsjklsl kjskjjsll
hari om mishra
June 3, 2010 at 5:55 pm
chalo koi to hai patrkaro ko yad krne vala.
hari om mishra
June 3, 2010 at 5:56 pm
chalo koi to hai patrkaro ko yad krne vala.
sunil kumar
June 5, 2010 at 3:36 am
yashwant jee mai aapko kahna chaunga ki kya sabhi patarkaro ko sardanjali dee gayee mai nahi manta sabhi shaeed patarkaro ko yaad kiya gaya syad ye log ek patarkar ka naam bhool gaye wo tha AJAY TIWARY jis ne coverage ke dauraan apnee jaan de de thi kya aap log use sahadaat nahi maante hai ye dardnaak hadsa abhi pichle maheene (05-05-2010) hi hua tha akhir bade bade logo ko sardanjali kar ye drama kyu jab sadak durgatna walo ko sardanjali dee jaa rahi hai to ajay tiwary ko kyu nahi is liye ke ajay tiwary ek stringer tha sharam aane chaiya in sardanjali dene walo ko kyu bhool jaate hai ye log kee kisi ne bhi apne kaam ke dauraan shadat dee thi