: पत्रकार कमलेश के हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए जिला प्रशासन को 48 घंटे का अलटीमेटम : सोनभद्र में दो दिनों पहले पत्रकार कमलेश की हुई हत्या के खिलाफ जिले के पत्रकारों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राबर्ट्सगंज नगर स्थित पीडब्लूडी निरीक्षण भवन से सैकड़ों पत्रकारों ने काली पट्टी बांधकर मोटरसाइकिल जुलूस निकाला।
पत्रकारों ने जुलूस के दौरान पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद, कमलेश के हत्यारों को गिरफ्तार करो, पत्रकार संगठन जिंदाबाद का नारा लगाया और कुछ समय के लिए वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग जामकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। पत्रकारों ने लोढ़ी स्थित कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचकर जिलाधिकारी के प्रतिनिधि उप-जिलाधिकारी कैलाश सिंह को अपना तीन सूत्रीय ज्ञापन सौंपा और हत्यारों की गिरफ्तारी के साथ पिपरी और बभनी थानाध्यक्षों के खिलाफ 58 घंटे के दौरान कार्रवाई करने की मांग की। मामले की सीबीसीआईडी जांच की मांग भी पत्रकारों ने प्रशासन से की।
गौरतलब है कि बीती शुक्रवार की रात अज्ञात लोगों ने हिंदुस्तान हिन्दी दैनिक के क्षेत्रीय संवाददाता (बभनी) कमलेश कुमार की हत्या कर उसका शव लभरी गांव के पास फेंक दिया था। पिपरी थाना पुलिस रात में कमलेश के शव को पास के एक ढाबा में फेंककर वापस चली आई। पुलिस के इस मानवीय व्यवहार से क्षुब्ध क्षेत्रीय पत्रकारों ने पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
आनन-फानन में शनिवार की सुबह पुलिस ने शव को पंचनामा किये बिना ही पोस्टमार्टम के लिए दुद्धी सामुदायिक केंद्र भेज दी। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव को जल्द से जल्द जला दिया। पुलिस के इस कार्रवाई से क्षुब्ध पत्रकारों ने रविवार को दुद्दी में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया और दुद्धी एवं पिपरी थाना की पुलिस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की।
सोनभद्र जिला मुख्यालय पर भी पत्रकारों ने रविवार को शोकसभा कर आंदोलन की रणनीति तैयार की। पहले से तय कार्यक्रम के तहत पत्रकारों ने सोमवार की सुबह 11 बजे राबर्ट्सगंज नगर से काली पट्टी बांधकर मोटरसाइकिल जुलूस निकाला और प्रशासन से मृतक पत्रकार कमलेश के परिजनों को दस लाख रुपये का मुआवजा, दुद्धी और पिपरी थाना की पुलिस के खिलाफ कार्रवाई, मामले की सीबीसीआईडी जांच समेत कमलेश के बड़े भाई की हत्या का भी पर्दाफाश करने की मांग की।
पूर्व में कमलेश के बड़े भाई की भी हत्या कुछ लोगों ने कर दी थी, जिसमें पुलिस प्रशासन आज तक हत्यारों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। जुलूस में राहुल श्रीवास्तव, राकेश पांडेय, शिवदास गुमनाम, विवेक पांडेय, रवि पांडेय, बृजेश पाठक, बृजेश सुक्ला, कौशलेंद्र पांडेय, जुल्फिकार हैदर खां, तृप्त चौबे, आशुतोष सिंह, मिथिलेश द्विवेदी, बच्चन, अजय श्रीवास्तव, विमल जालान समेत सैकड़ो पत्रकार शामिल रहे।
सोनभद्र से शिवदास गुमनाम की रिपोर्ट
sanjay s jadhao
August 3, 2010 at 11:41 am
Pure Bharat ke Patrakaro ke liye ek aisa kanun banaye jaay, jo har patrakar ki suraksha ho…
Lokshai ka 4 tha adharstamb…
ye bat kitabo me hi likhit hai.. bahar esse koi bhi nahi manta… aaj desh ke har patrakar ki jan khatre me hai.. sarkar ne abhi tak kanun kyu nahi banaya…
Bahut sare patrakar ke office me todfod ki jati hai, dhamkiya di jati hai, hatya ho rahi hai.. patrakar ki suraksha ke bare me nirnay qu nahi leti ? kabtak aant dekhegi…Sonbhadra ke patrakar ki hatya hui.. eske liye sarkar hi jimmewar hai…
kabtak aisa chala rahega…….
sanjay jadhao, reporter, Buldana (maharashtra)