मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में कार्यरत पत्रकारों को इस समय पुलिस जबरन फसा रही है. पत्रकारों पर एक के बाद एक फर्जी मुक़दमे लगाकर प्रताड़ित किया जा रहा है. जबकि कई बार पत्रकार समाचार संकलन करने के उद्देश्य से क्षेत्र में गए थे मगर बिना जाँच पड़ताल उन पर मुकदमे लगा जेल तक भेज दिया. विगत कई माह से कई पत्रकार पुलिस द्वारा लगाये गए फर्जी मुक़दमे से परेशान हैं. जिले की पुलिस ने पत्रकारों पर लूट व डकैती जैसे गंभीर अपराध भी लगाये हैं.
हाल ही में दैनिक जागरण के रिपोर्टर पर लूट का मामला लगाया गया और उसे एक महीने तक जेल में रहना पड़ा तब कहीं जाकर उसे जमानत मिल पाई. एक सप्ताह बाद राज एक्सप्रेस के रिपोर्टर पर भी ऐसा ही मामला मढ़ दिया गया. उमरिया से निकलने वाले लोकल साप्ताहिक अख़बार के दो अलग-अलग पत्रकारों पर संगीन अपराध फर्जी रूप से लगा दिए गए.
पुलिस की इस कार्यवाही से जिले के पत्रकार सकते में हैं. वहीं जिले के भ्रष्ट अधिकारी, कांट्रेक्टर और नंबर दो के काम करने वाले लोगों के हौसले बुलंद हैं. हालांकि जिले के सभी पत्रकारों ने लामबंद होकर पुलिस के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है. प्रथम चरण में पुलिस से संबंधित खबरों का बहिष्कार किया गया है. उमरिया कलेक्टर को प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा गया जिसमें उमरिया पुलिस अधीक्षक को हटाने की मांग की गई है. लेकिन अभी तक पुलिस वालों के खिलाफ कोई उचित कार्यवाही नहीं की गयी है.
Deep Chand Yadav
July 17, 2010 at 9:35 am
Sach ke liye ladne wale sipahi ko aisi choti moti baaton se ghabrana nahi chahiye. unhe apna kaam karne de aur aap apna kartavya nibhate rahe
Rakesh bhartiya austraila
July 17, 2010 at 12:56 pm
udaa deyga koi saley khaki waley gunndo ko
firoz khan
July 18, 2010 at 7:12 am
patrkaro ke liye kanoon ki jaroorat hai .naye niyam aur kanoon banne ke baad hi kuch sudhar ho sakta hai nahi to bhavisya me kalam chalane wale hathiyar chalaayenge aur kya …