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‘मी न्यूज’ व ‘मी होम’ के पास लाइसेंस नहीं!

[caption id="attachment_17534" align="alignnone" width="505"]सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जवाबसूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जवाब[/caption]

पत्रकारिता का ‘प’ ना जानने वाले व्यवसायी पैसा कमाने के लिये किस हद तक गिर सकते हैं, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। अभी कुछ समय पूर्व मैंने ‘मी न्यूज’ एंव ‘मी होम’ (कंपनी- मानव इंटरटेनमेंट एंड मीडिया प्राईवेट लिमिटेड) चैनलों के बारे में कुछ बातें अपने मीडिया भाइयों के समक्ष रखी थी। इस पर आप सभी ने मेरे इस प्रयास को काफी सराहा था। आज उसी कड़ी में इस चैनल के मालिक पीयूष सपू्र / गोपी सप्रू एंव उनके कर्मचारियों के कुछ और कारनामों का खुलासा कर रहा हूँ। कुछ समय पूर्व मैंने आप सभी को बताया था कि इस चैनल को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) से कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया था।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जवाब

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जवाब

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जवाब

पत्रकारिता का ‘प’ ना जानने वाले व्यवसायी पैसा कमाने के लिये किस हद तक गिर सकते हैं, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। अभी कुछ समय पूर्व मैंने ‘मी न्यूज’ एंव ‘मी होम’ (कंपनी- मानव इंटरटेनमेंट एंड मीडिया प्राईवेट लिमिटेड) चैनलों के बारे में कुछ बातें अपने मीडिया भाइयों के समक्ष रखी थी। इस पर आप सभी ने मेरे इस प्रयास को काफी सराहा था। आज उसी कड़ी में इस चैनल के मालिक पीयूष सपू्र / गोपी सप्रू एंव उनके कर्मचारियों के कुछ और कारनामों का खुलासा कर रहा हूँ। कुछ समय पूर्व मैंने आप सभी को बताया था कि इस चैनल को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) से कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया था।

इसके जवाब में इस चैनल के मालिकान एवं उनके कर्मचारियों ने मुझे क्या-क्या नहीं कहा। यहां तक कि इस चैनल के कई कर्मचारियों ने तो मुझे पत्रकारिता न करने की नसीहत दे डाली थी। उस दौरान मैंने चैनल के मालिक एवं कर्मचारियों से इसी वेबसाइट पर चैनल के लाइसेंस की कापी की मांग की थी, जिसका जवाब मुझे आज तक नही मिला! हां, ‘मी न्यूज’ व ‘मी होम’ चैनलों द्वारा उत्तर प्रदेश के कई शहरों में लोगो को आडिशन एवं न्यूज चैनल में ब्यूरो बनाने के नाम पर बेवकूफ बना कर पैसे कमाने का धंधा आज भी जारों से चल रहा है।

पिछले मॉह की 11,12,13 मई को लखनऊ के गांधी भवन प्रेक्षागृह में इस चैनल के मालिक एवं उनके कर्मचारियों द्वारा बच्चों एवं 18 से 25 वर्ष उर्म तक के लागों के आडिशन कराये गये। यिसमें चैनल के लागों ने लाखों रुपये की कमाई से अपनी जेबें भरी। इसी फर्जी योजना के तहत अब ये प्रदेश के इलाहाबाद एवं कानपुर समेत कई अन्य जिलों की जनता को बेवकूफ बनाने एवं उनके पैसे से अपने काले कारोबार को दो से चार गुना करने मे लगे हुये हैं।

मैंने इस चैनल के लाइसेंस के बारे में जब दिल्ली स्थिति सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार से जानकारी मांगी तो काफी चौंकाने वाले तथ्य सामने आये। जिस पत्र में ये कहा गया है कि ‘मी न्यूज’ एवं ‘मी होम’ नाम के चैनलों को किसी भी प्रकार की संस्तुति नहीं दी गयी हैं, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा भेजे गए उस पत्र की प्रति आप के जानकारी हेतु यहां दे रहा हूं।

मैं इस वेबसाईट के माध्यम से उन सभी अधिकारियों (सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय एवं जिले के आलाधिकारियों) की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाना चाहता हूं, जिनके नाक के नीचे ऐसे न जाने कितने और फर्जी चैनल अपने गोरखधन्धों की राटियां सेक रहे होंगे और पता नहीं इन्होंने कितने मां-बापों के लाखों रुपये हड़पे होंगे एवं मासूमों के सपने को चूर किए होंगे।। क्या भारत सरकार या जिले के अधिकारी इनके इस फर्जीवाड़े में दोषी नही हैं, जो बिना किसी कागजी जांच के इनकी कारगुजारियों को अन्देखा करते है एवं उन्हें अपने जिले में इस तरह के आयोजनों को करने की अनुमति प्रदान करते हैं?

अखिलेश चन्द्रा

पत्रकार

लखनऊ

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0 Comments

  1. अनिल राकेश

    June 9, 2010 at 12:13 pm

    आदरणीय यशवंत जी, मैं आपके माध्यम से उन दिल्ली में बैठे उन तमाम अफसरानों का ध्यान एक छोटी सी बात पर दिलाना चाहता हूं छोटी सी बात इसलिए क्योंकि यह अब एक आम बात हो गई है,मैं बात कर रहा हंू मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के रीजनल चैनल टाइम टुडे की .जब से यह चैनल अस्तित्व में आया है विवादों से ही घिर रहा है,लाइसेंस के फ र्जी बाडे के साथ इस चैनल के तथाकथित मालिक रमेश लांबा जो इस चैनल का मालिक खुद को बाताते रहे हैं ने बडे ही शानदार ढंग से लोगों को चूना लगा रहे हैं.चैनल के अस्तित्व में आने से लेकर अब तक दोनो प्रदेश के तमाम स्ट्रिगरों को पैसा मिला है। तीन महीने में एक बार भोपाल स्थित आफिस में काम कर रहे कर्मचारयिों को वेतन मिल रहा है,यहां पर काम कर रहे कर्मचारी जब कभी पैसों की बात करते हैं तो उन्हें सीधा सा जबाब दिया जा ता है की सिर्फ काम करों नहींं तो बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा.मूलत गाडियों को बेचन और खरीदने का धंधा करने वाले कभी सहारा से निकाले गये मुरैना के स्ट्रिगर रमेश लांबां ने यह फतबा भी जारी कर रखा है कि वे जितनी बार आफिस में अपने के बिन से बाहर आये ं उन्हें सलाम ठोंका जाये नहीं तो बाहर का रास्ता उनके लिए खुला है.किसी भी कर्मचारी को कोई भी नियुक्ती पत्र नहीं दिया गया है। वेतन भी सरकारी नियमेो की अनदेखी कर दिया जा रहा है।रमेश लांबा के ताना शाही रवैये से परेशान होकर अब तक चैनल से जुडे लगभग सभी वरिष्ट लोगो ने इसे छोड दिया है .आउचपुट एडीटर वीरेंद्र शर्मा ,डेस्क प्रभारी ह्यद्धह्म्ह्वह्लद्ब ठ्ठद्बद्वद्बह्यद्ध मार्केंटिग हैड विजय दुबे साथ ही छत्तीसगढ़ से नितिन चौबे और हालिया चैनल के सबसे मेहनती और समझदार व्यक्ति इनपुट एड़ीटर रिजवान अहमद सिद्दीकी ने भी चैनल को बाय बाय कह दिया है । सिर्फ इतना ही नहीं चैनल के पास लिखित रूप से कोई प्रमाण नहीं की बह क्या कर रहा है जो सैलरी दी जाती है वह भी चेक के द्वारा दी जाती है ना तो पीएफ की कोई पालिसी है और नाही टीडीएस की। पिछले कई महीनेों से बाकया स्ट्रिगरों की पैमेट ना देना पडे इसलिए ये लोगो अब किसी भी बात को आधार बना कर तमाम जिलों में ३० हजार रूपये लेकर चैनल की आई डी बांट रहे हैं। साथ ही एक बात और बताना चाहता हंू कि चैनल ने अब तक अपनी किसी भी स्टोरी केो लाइब्रेरी में संभाल कर नहीं रखा है।जबकि नियम हैं कि ६ माह तक खबरों को स्टोर कर रखा जाना चाहिए। इन हालिया घटनाओं के बाद आधे ज्यादा लोग लेबर कोर्ट का सहारा ले रहे हैं। और चैनल के खिलाफ केस करने की तैयारी कर रहे हैं।
    चैनल का एक मारा करमचारी
    अनिल राकेश

  2. ashish tiwari

    June 9, 2010 at 12:42 pm

    yeh behad dukhad hai, patrakarita ke naam par dukaan chalane walon ke khilaaf kadi karyawaahi honi chahiye, khud media ke purane logon ko aisi dhadali ko rokne ke liye aage aana chahiye, dhanywaad akhilesh ji aap ne kaiyon ko bacha liya………..

  3. jhansi ka patrkar

    June 9, 2010 at 6:39 pm

    are bhai jis channel ka md birjesh nigam khud ko batata ho jo khud jhansi ki galiyon me dalali aur blackmailing ko lekar kai baar pit chuka ho. kai baar pulis ke mukadme jhel chuka ho, jo apni likhi script khud na padh sake .. wah channel kya aayega , kcuh din pahile ek interview ke dauran unhone ek national channel me kaam kar chuki ladki se kaha ki tum naukri pane ke liye kis had tak ja sakti ho to us ladki ne in md sahab ko chappa dikha kar kaha is had tak ….

  4. इटावा से एक पत्रकार

    June 9, 2010 at 7:42 pm

    उ0प्र0 के इटावा जनपद मे भी एक लोकल चैनल चल रहा है जिसका नाम है ए0सी0एन0 न्यूज इनके पास भी चैनल चलाने का कोई लाइसेन्स नहीं है और इनके यहां भी हमेशा पत्रकारिता के इच्छुक लडके व लडकियों को काम करने के इश्तियार जनपद के केबिल आपरेटर व्दारा चलाया जाता है लेकिन जनपद का कोई भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देता क्योंकि अधिकारी जनपद मे टी वी पर अपनी पाजिटिव खबरे इसी चैनल के माध्यम से इटावा की जनता को दिखाते है इसलिये इटावा के जिलाधिकारी की भी हिम्मत नहीं कि इस लोकल न्यूज चैनल के काले कारनामो पर नजर डाले। इस चैनल के रिपोर्टर बेखौफ होकर शहर मे लोगों को ठगते घूमते है पूर्व मे ऐसे कई लोकल न्यूज चैनल इटावा मे अधिकारियों के व्दारा बंद कराये जा चुके है ।उसके बाद भी आये दिन ऐसे चैनलों का शुरु हो जाना जिला प्रशासन की नाकामी का जीता जागता उदाहरण है। इस चैनल के मालिक अपने रिपोर्टरों को मेहताने के नाम पर ठगई करने का धन्धा बता कर छोड देते है। पत्रकारिता के ग्लैमर से प्रभावित लडके व लडकियों का यहां शोषण किया जाता है इतना ही नहीं कुछ राष्ट्रीय चैनलों के रिपोर्टर भी इस लोकल न्यूज चैनल को अपनी बनायी खबरो को देने मे नहीं हिचकते कारण सिर्फ इतना कि राष्ट्रीय न्यूज चैनलों की टी आर पी सूची मे इटावा आता नहीं है इसलिये केबिल आपरेटर की मर्जी है तो चैनल चलायेगा नहीं तो बंद इसलिये चंद राष्ट्रीय चैनलों के रिपोर्टर अपने चैनल को चलवाने के लिये अपनी राष्ट्रीय स्तर की खबर को देने मे नहीं हिचकते इसलिये इनका धन्धा बदस्तूर चल रहा है रही बात प्रशासन की तो प्रशासन की चाटुकारिता करना इस लोकल चैनल की प्रथमिकता है । अतः आपसे निवेदन है कि ऐसे लोकल चैनलों के विरुध अपना अभियान चलाते रहिये और पत्रकारिता के ऐसे कलंकित चेहरों को बेनकाब करिये जो समाज मे पत्रकारिता और पत्रकारो को बदनाम करने का धन्धा कर रहे है।

  5. manoj

    June 10, 2010 at 10:58 am

    If ACN doing illegal work ? then give me Address of ACN News and Details of Owner…. Court me case thokta hoon , illegal work ke kya fayde hai unhe malum hai ! but Nuksan kitna hai legally batata hoon…..

  6. rajesh

    June 10, 2010 at 11:33 am

    sir,
    pranam
    mai aksar bhadas padhata hu, jisme sabhi ke comments padhe, parantu aaj bhi hum log sirf likh kar ya padh kar hi kam chala lete hia.kabhi koi karyawahi nahi hone se media ea sabse sasta aur tikau vyapar ban gaya hai , jahan koi shiksha jaruri nahi hai.

  7. S.Kumar

    June 10, 2010 at 2:24 pm

    Akhilesh Ji
    Aap aur yaswant ji jaisa har patrakar soch ne lage to pori media me sudhar jaye. Good job.
    my best wishes for your future.

  8. mssmsm

    June 10, 2010 at 5:27 pm

    उ0प्र0 के इटावा जनपद मे भी एक लोकल चैनल चल रहा है जिसका नाम है ए0सी0एन0 न्यूज इनके पास भी चैनल चलाने का कोई लाइसेन्स नहीं है और इनके यहां भी हमेशा पत्रकारिता के इच्छुक लडके व लडकियों को काम करने के इश्तियार जनपद के केबिल आपरेटर व्दारा चलाया जाता है लेकिन जनपद का कोई भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देता क्योंकि अधिकारी जनपद मे टी वी पर अपनी पाजिटिव खबरे इसी चैनल के माध्यम से इटावा की जनता को दिखाते है इसलिये इटावा के जिलाधिकारी की भी हिम्मत नहीं कि इस लोकल न्यूज चैनल के काले कारनामो पर नजर डाले। इस चैनल के रिपोर्टर बेखौफ होकर शहर मे लोगों को ठगते घूमते है पूर्व मे ऐसे कई लोकल न्यूज चैनल इटावा मे अधिकारियों के व्दारा बंद कराये जा चुके है ।उसके बाद

  9. M.Agarwal

    June 12, 2010 at 5:57 pm

    Nice article but all media person you can do some thing new because mai sun sun kar thak chuka ho ki media me ye galat ho raha hai lekin kewal badh te to abmi hai.ek akhilesh chandra aur dosre yaswant ji ya aur sub log patrkrita nahi karte.

    Thanks
    A.Agarwal
    Barabanki

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