गांधीवादी विचारधारा पर आधारित सामाजिक संगठन ‘सेंटर फॉर एक्सपीरिएंसिंग सोशियो-कल्चरल इन्टरेक्शन’ ने “माया कोने अवार्ड” से मथुरा के पत्रकार विजय कुमार आर्य विद्यार्थी तथा लखनऊ के सामाजिक कार्यकर्ता अजय पांडेय को नवाजा है। इन दोनों को मदुरई (तमिलनाडु) में 24 नवंबर को 10 हजार की धनराशि, प्रमाण-पत्र तथा शॉल प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। ‘सेंटर फॉर एक्सपीरिएंसिंग सोशियो-कल्चरल इन्टरेक्शन’ की स्थापना स्विट्जरलैंड की एक पेशेवर साइकियाट्रिक नर्स एवं फोटो जर्नलिस्ट माया कोने तथा भारत के प्रख्यात गांधीवादी व सामाजिक परिवर्तन के अगुआ पीवी राजगोपाल ने 1994 में की थी।
स्थापना के पांच वर्ष बाद ही सुश्री माया की कैंसर रोग से मृत्यु हो गयी। संस्था द्वारा सन 2000 से उनकी स्मृति में प्रतिवर्ष सामाजिक क्षेत्र के विषयों को मुखरता से उठाने वाले एक पत्रकार एवं एक सामाजिक कार्यकर्ता को “माया कोने अवार्ड” से सम्मानित किया जाता है।
एवार्ड से नवाजे गए मथुरा के पत्रकार 47 वर्षीय विजय कुमार आर्य विद्यार्थी पिछले 18 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं तथा सामाजिक सरोकारों से जुड़े विषयों पर कलम चलाते रहते हैं। लावारिस लाशों को सीधे यमुना में बहाने की उनकी एक खबर पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पुलिस को खासी डांट पिलाई थी और ऐसे सभी शवों का सम्मानजनक निस्तारण करने का आदेश दिया था।
1991 में सांस्कृतिक-सामाजिक पत्रिका “ब्रज रागिनी” का प्रकाशन करने से पत्रकारीय जीवन प्रारंभ करने वाले विद्यार्थी दैनिक कुबेर टाइम्स, दैनिक इन दिनों, ब्लिट्ज (साप्ताहिक), दैनिक भास्कर, वीर अर्जुन के संवाददाता रहे हैं तथा दैनिक जागरण में बतौर उपसंपादक कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा वे अमर उजाला, पंजाब केसरी, लोकमत, दैनिक भास्कर, राजपथ, सहारा समय (साप्ताहिक) आदि प्रतिष्ठित समाचार पत्रों एवं पत्रकाओं के लिए स्वतंत्र लेखन करते रहे हैं। सम्प्रति संवाद एजेंसी पीटीआई-भाषा के मथुरा संवाददाता हैं।