मध्य प्रदेश राज्य के जनसंपर्क एवं संस्कृति मन्त्री लक्ष्मीकान्त शर्मा को अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन द्वारा एक समारोह में संस्कृति भूषण सम्मान से विभूषित किया गया। सम्मेलन के प्रान्तीय अधिवेशन में साहित्यकारों और कला समीक्षकों को भी सम्मानित किया गया। जनसंपर्क-संस्कृति मन्त्री शर्मा ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि साहित्यकारों कलाकारों को पूरा प्रोत्साहन मिले। इसमें धनराशि के कारण कोई बाधा न आयें। राज्य शासन के जनसंपर्क विभाग ने भी कला समीक्षकों के लिए पुरस्कार शुरू किया है। कला संवाददाता भी साहित्यकार ही है।
इस अवसर पर डॉ. मूलाराम जोशी और डॉ. सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी को सरस्वती सम्मान से विभूषित किया गया। डॉ.राम कृष्ण सराफ और डॉ.शरद पगारे एवं डॉ.बी.मारिया कुमार को भारत भाषा भूषण सम्मान से अंलकृत किया गया। डॉ. चन्द्रप्रकाश वर्मा श्रेष्ठ साधना सम्मान, वीरेन्द्र सिंह और कमलकान्त सक्सेना को दिया गया। रमेश चन्द्र खरे को साहित्य सम्मान, प्रमोद रामावत, राकेश वर्मा हेरत, डॉ. अंजिला आनन्द और श्रीमती मंजू जैन को समन्वय सम्मान से सम्मानित किया गया। साहित्य सेवी सम्मान अशोक चन्द्र दुबे और मनोज जैन मधुर को दिया गया।
अखिल भारतीय साहित्य सम्मेलन में कला संवाददाताओं और समीक्षकों को संवाद सम्मान देने की परंपरा प्रारंभ की है। इस वर्ष यह सम्मान विनय उपाध्याय, शाहरोज आफरीदी, दीपक पगारे, बसन्त सकरगाए, रविन्द्र स्वप्निल प्रजापति, रामप्रकाश अग्रवाल, सुश्री राखी झंवर और सुश्री आशा सिंह को दिया गया। अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष मूलाराम जोशी ने प्रदेश में साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए राज्य सरकार की प्रशंसा की। राष्ट्रीय महासचिव सतीश चतुर्वेदी ने सम्मानित होने वाले साहित्यकारों, कला समीक्षकों एवं संस्कृति मन्त्री का प्रशस्ति वाचन किया। सम्मेलन के प्रान्तीय अध्यक्ष रामगोपाल चतुर्वेदी और प्रान्तीय महामन्त्री डॉ. राम वल्लभ आचार्य ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
dharmendra kumar sharma
January 22, 2010 at 12:59 pm
मंत्रीजी केवल अवार्ड लेते रहिएगा या कुछ काम भी कीजियेगा, नहीं तो जनता इस बार तो बिलकुल छोड़ेगी नहीं
praveen mishra
January 24, 2010 at 3:53 pm
yah samman milne par aap ko badai
aviral
January 26, 2010 at 6:21 pm
those who receive award from the hands of BJP minister are not entitled for any respect of for being called as writer. such people are soulless, shameless and senseless beings.