भड़ास4मीडिया तक देर से पहुंची सूचना के मुताबिक दैनिक जागरण, अलीगढ़ में चुनावी कवरेज से संबंधित एक विश्लेषण में आगरा की फतेहपुर सीकरी सीट से बसपा प्रत्याशी के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ने वाली सीमा उपाध्याय को सिंधी समाज से संबंधित बता दिया गया। इस गलती से नाराज सीमा ने आगरा के सिकंदरा थाने में जागरण प्रबंधन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराया और प्रबंधन से एतराज जताया। बाद में दैनिक जागरण ने गलती दुरुस्त करते हुए खंडन प्रकाशित किया। खंडन में कहा गया है- ”…एक रिपोर्टर की नासमझी के चलते फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी श्रीमती सीमा उपाध्याय को गैर ब्राह्मण बताते हुए खबर छप गई है, जिसका हमें बेहद अफसोस है…”। बताया जा रहा है कि खबर लिखने वाले रिपोर्टर को छुट्टी पर भेज दिया गया है जबकि जागरण के अंदरुनी सूत्रों का कहना है कि रिपोर्टर को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है।
अलीगढ़ में बैठे रिपोर्टर द्वारा आगरा की चुनावी समीक्षा लिखना और बिना तथ्यों की पड़ताल किए उसे प्रकाशित करा देने को जागरण प्रबंधन ने गंभीरता से लिया है। दैनिक जागरण, आगरा के स्थानीय संपादक सरोज अवस्थी ने इस प्रकरण को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए संबंधित रिपोर्टर के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की बात को स्वीकार किया।
जिस खबर पर विवाद हुआ, वो और खबर का खंडन इस प्रकार है-
2 मई, पेज 9 (दैनिक जागरण)
लव अपना हिट-हिट, वोट पूरा फिट-फिट
अलीगढ़ : बिल्लू फिल्म का गाना लव अपना हिट-हिट लोकसभा चुनाव के कई प्रत्याशियों पर बिल्कुल फिट बैठता है। अन्य जाति की प्रेमिका से शादी का तोहफा खुशहाल जिंदगी के रूप में तो इन्हें मिला ही है, अब चुनाव में भी जातीय गणित का लाभ लेने में उनका यह फार्मूला मदद कर सकता है। इसके लिए प्रत्याशियों के जीवन साथी प्रचार के माध्यम से सजातीय वोटों को लुभाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अलीगढ़ व आगरा मंडल के लगभग आधा दर्जन से अधिक प्रत्याशी ऐसे हैं जिन्होंने अंतरजातीय-अंतरधर्मीय विवाह किया है। इनका यह फार्मूला दो जातियों-समुदायों को लुभाने में मददगार साबित हो रहा है। शुरुआत करते हैं फिल्म अभिनेता व आगरा जिले की फतेहपुर सीकरी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी राजबब्बर से। राजबब्बर लोकसभा के लिए तीसरी बार मैदान में हैं। उनकी पत्नी नादिरा बब्बर मुसलमान हैं। पिछले चुनाव में गौर करें तो राजबब्बर की पत्नी नादिरा ने उनकी चुनावी नैया पार लगाने के लिए दिन रात एक कर दिया था। स्वाभाविक बात है कि उनके प्रचार से मुसलिम वोट बैंक में सेंध लगाने में काफी मदद मिली। दूसरा नंबर आता है हाथरस से भारतीय जनता पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल की संयुक्त प्रत्याशी सारिका सिंह का। वे स्वयं अनुसूचित जाति की हैं और उनके पति बघेल समाज से हैं।
राजनीतिक परिवार होने के कारण उन्हें पार्टी के साथ ही बघेल व अपने समाज के वोट बैंक को आकर्षित करने में काफी सहजता होगी। इस क्रम में अगला नाम सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के पुत्र अखिलेश यादव का है। इनकी पत्नी डिंपल ठाकुर जाति की हैं। हालांकि वह चुनाव प्रचार में ज्यादा सहयोग नहीं कर रही हैं, मगर करने निकल पड़ें तो असर अवश्य डालेंगी। फिरोजाबाद सीट से एक दमदार प्रत्याशी हैं एसपी सिंह बघेल। उनकी पत्नी मधु बघेल पंजाबी हैं। वह भी पति को जिताने के लिए अपने समाज में आसानी से सेंध लगा रही हैं। साथ ही अन्य समाज के वोटरों से पति को जिताने की अपील भी कर रही हैं। अलीगढ़ सीट पर हालांकि ऐसा कोई प्रत्याशी नहीं है, लेकिन अतरौली की विधायक प्रेमलता स्वयं निषाद हैं। वे अपने ससुर कल्याण सिंह के लिए एटा संसदीय क्षेत्र में समाज के लोगों से वोट देने के लिए प्रचार कर रही हैं।
फतेहपुर सीकरी से बसपा प्रत्याशी श्रीमती सीमा उपाध्याय को भी इसी कड़ी में जोड़ सकते हैं। बसपा में खासा रसूख रखने वाले प्रदेश के ऊर्जामंत्री रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय सिंधी समाज से हैं। हालांकि उनके लोकसभा क्षेत्र में इस समाज का वोट बैंक काफी कम है, लेकिन ब्राह्मण वोटों के साथ ही उन्हें अपने समाज का वोट भी मिलना तय सा है। इसके अलावा राष्ट्रीय परिदृश्य में देखें तो सचिन पायलट ने फारुख अब्दुला की बेटी से विवाह किया है और अजमेर से चुनावी समर में कूद पडे़। इस तरह के कई और राजनीतिक प्रेमी जोडे़ प्यार की डोर का सहारा लेकर राजनीतिक भंवर से अपनी कश्ती पार होने की आस लगाए हुए हैं। देखना यह है कि एक-दूसरे के प्यार में डूबे इन जोड़ों को समाज व वोटरों का कितना प्यार मिलता है।
3 मई, पेज 9 (दैनिक जागरण)
सीमा उपाध्याय के खिलाफ शर्मनाक दुष्प्रचार
अलीगढ़: सारी मर्यादाओं और असलियत को ताक पर रखकर लोकसभा चुनाव में दुष्प्रचार किस हद तक हावी होता जा रहा है, इसका जीता-जागता उदाहरण गत दिवस लव अपना हिट-हिट, वोट पूरा फिट-फिट समाचार में देखने को मिला है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय और उनकी पत्नी फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी सीमा उपाध्याय के खिलाफ दुष्प्रचार की मुहिम पहले तो फर्जी पर्चे छपवाकर की गई और अब अलीगढ़ में एक रिपोर्टर की नासमझी को हथियार बनाकर दैनिक जागरण में बे-सिर पैर की ये खबर छपवा दी गई कि श्रीमती सीमा उपाध्याय गैर ब्राह्मण हैं, जबकि सारे सबूत ये चीख-चीख कह रहे हैं कि वे निर्विवाद रूप से मेरठ के ब्राह्मण परिवार की बेटी हैं जो बाद में श्री रामवीर उपाध्याय की धर्मपत्नी बनीं। जब इस भ्रामक खबर पर आज श्री रामवीर उपाध्याय और उनके ससुरालीजनों ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए उपरोक्त खबर का खंडन किया तो जागरण ने खबर की पूरी जांच-पड़ताल कराई।
जागरण को मिले अकाट्य सबूतों ने निर्विवाद रूप से ये साबित कर दिया है कि श्रीमती सीमा उपाध्याय शास्त्रीनगर, मेरठ निवासी श्रीमती सुधा शर्मा पत्नी स्व. कैलाश चंद्र शर्मा की पुत्री हैं। एक रिपोर्टर की नासमझी के चलते फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी श्रीमती सीमा उपाध्याय को गैर ब्राह्मण बताते हुए खबर छप गई है, जिसका हमें बेहद अफसोस है। इस गलती के पीछे श्रीमती सीमा उपाध्याय और उनके पति श्री रामवीर उपाध्याय की छवि तथा प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। तथ्यों को परखे बगैर उक्त खबर फाइल करने वाले रिपोर्टर को हटा दिया गया है। जाति संबंधी गलत तथ्य के कारण श्रीमती सीमा उपाध्याय के मायके एवं ससुराल पक्ष को जो मानसिक वेदना और सामाजिक प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा है, उनके लिए हमें अत्यंत खेद है। श्रीमती सीमा उपाध्याय की मां श्रीमती सुधा शर्मा ने भी दैनिक जागरण को पत्र भेजकर अपने ब्राह्मण परिवार के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। श्रीमती सीमा उपाध्याय ब्राह्मण ही हैं, इसमें न तो दैनिक जागरण को कोई संशय है और न ही किसी और को होना चाहिए।