मीडिया को गुलाम बनाने की मंशा से सरकार द्वारा प्रस्तावित किए गए काले कानून के खिलाफ भड़ास4मीडिया के आह्वान पर 15 जनवरी को काला दिवस मनाने और विभिन्न तरीकों से विरोध करने का आह्वान का जबरदस्त असर हुआ। देश के कोने-कोने से विरोध की खबरें और तस्वीरें भड़ास4मीडिया के पास पहुंचीं हैं। इनमें से रतलाम, श्रीगंगानगर, लखीसराय, साहिबाबाद, इटारसी, अलीगढ़, औरैया, शाहजहांपुर में हुए विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें-खबरें यहां दी जा रही हैं। इन जगहों के पत्रकारों ने काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया और ज्ञापन सौंपकर कानून को रद्द करने की मांग की। कई जगहों पर केंद्र सरकार का पुतला और प्रस्तावित काले कानून की प्रतियां जलाई गईं। प्रधानमंत्री के काले कानून को फिलहाल न लागू करने के बयान को अपनी तात्कालिक जीत बताते हुए साहिबाबाद के पत्रकारों ने विजय दिवस मनाया।
रतलाम (मध्य प्रदेश) से वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के जिलाध्यक्ष नरेंद्र जोशी ने बताया कि रतलाम प्रेस क्लब ने प्रस्तावित मीडिया बिल के विरोध मे कलेक्ट्रेट परिसर मे नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। बाद में प्रधानंमत्री के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर एम.के.ज्ञानी को सौंपा। ज्ञापन में सरकार से मांग की गई है कि मीडिया पर सेंसरशिप लागू करने की मंशा वाला यह कानून रद्द किया जाए और भविष्य में भी इसकी पुनरावृत्ति न हो।
श्रीगंगानगर (राजस्थान) में टीवी जर्नलिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले पत्रकारों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम एक ज्ञापन जिला कलेक्टर राजीव सिंह ठाकुर को सौंपा। जी न्यूज चैनल के गोविंद गोयल, ईटीवी के राकेश मितवा, एनडीटीवी के राजेश अग्रवाल, एमएच1 न्यूज की मिस स्वाति अग्रवाल, डीडी के आत्मा राम और पंजाब के टाइम टीवी के पत्रकार सुनील सिदाना आज सुबह काली पट्टी बांधकर जिला कलेक्टर आफिस गए। इन पत्रकारों ने मीडिया की आजादी छीनने वाले प्रस्तावित काले कानून का विरोध किया। बाद में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप दिया। इन टीवी पत्रकारों ने आज पूरे दिन काली पट्टी बांधकर काम किया।
लखीसराय जिले के पत्रकारों ने भारत सरकार द्वारा इलेक्ट्रानिक मीडिया पर नकेल कसने के लिए गुपचुप तरीके से बनाए जा रहे काले कानून के खिलाफ विरोध मार्च निकालकर जिला समाहरणालय पर धरना दिया। पत्रकारों ने लोकतंत्र के चौथे खंभे को उखाड़ने की साजिश पर कड़ा आक्रोश व्यक्त करते हुए काला बिल्ला लगाकर काले कानून की सांकेतिक प्रतियां जलाईं। यूनआई संवाददाता त्रिलोचन सिंह चावला एवं साधना न्यूज संवाददाता पुरूषोतम कुमार सिंह के नेतृत्व में दो दर्जन पत्रकारों ने जिलाधिकारी को इस कानून के विरोध में प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा। इस मौके पर डॉ. लक्ष्मी प्रसाद सिंह (प्रभात खबर), राकेश कुमार सिंहा (महुआ न्यूज), अरूण कुमार (हिन्दुस्तान), विनोद कुमार वर्मा (दैनिक जागरण), रंजीत सम्राट (एनडीटीवी), गोपाल कुमार सिंह (राष्ट्रीय सहारा), कृष्णमोहन सिंह (आज), मुकेश कुमार (दैनिक जागरण), दिवाकर सिंह (आज), ललन कुमार ( राष्ट्रीय सहारा), गोपाल कुमार आर्य (इंडिया न्यूज), मनोज कुमार (जी न्यूज), संजीव गांधी (सन्मार्ग), दिलीप कुमार (दैनिक जागरण) आदि मौजूद थे।
साहिबाबाद (गाजियाबाद, यूपी) में पत्रकारों ने मीडिया के खिलाफ कानून को टाले जाने के प्रधानमंत्री के बयान के बाद इसे अपनी तात्कालिक जीत मानते हुए विजय दिवस का आयोजन किया। साहिबाबाद प्रेस क्लब के बैनर तले मोहन नगर चौक पर इकट्ठा हुए पत्रकारों ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी भेजा जिसमें मीडिया बिल को पूरी तरह रद्द करने की मांग की गई है। कार्यक्रम में हेमंत त्यागी, एसपी चौहान, राजू मिश्रा, चंदन शर्मा, प्रवीण साहनी, सुब्रत भट्टाचार्य, राजीव शर्मा, सौरभ श्रीवास्तव, संजय गिरि, सुबरन, राहुल पांडेय, राजेश यादव, नरेश कुमार, संजीव कुमार, नरेश कश्यप, जेपी भारद्वाज, मनोज, धर्मवीर, आईपी त्रिपाठी, बबीन, ताहिर अली, विजय समेत कई पत्रकार और फोटोग्राफर मौजूद थे।
इटारसी (मध्य प्रदेश) से मिली खबर के अनुसार मीडिया को शिकंजे में कसने के लिए प्रस्तावित काले कानून के खिलाफ शहर के पत्रकारों ने एकजुट होकर आवाज उठाई। स्वतंत्रता स्मारक जय स्तंभ पहुंचकर सभी पत्रकारों ने सरकार से मीडिया बिल को रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस मौके पर सभी पत्रकारों ने काली पट्टी बांधी और नारेबाजी की। अपने संबोधन में वरिष्ठ पत्रकार जामू सिंह उप्पल ने कहा कि सरकारें गुपचुप मीडिया के खिलाफ कानून बना देती हैं। 70 के दशक में भी ऐसा ही हुआ था। हमारी मांग है कि यह बिल सरकार रद्द कर दे। वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद पगारे ने कहा कि जस्टिस जेएस वर्मा की निगरानी में समाचार चैनलों के संगठन एनबीए ने क्या दिखाएं, क्या नहीं दिखाएं, इसके लिए आचार संहिता बना दी है तो फिर सरकार को कानून बनाने की कोई जरूरत ही नहीं है। सरकार जो कानून लाना चाह रही है वो मीडिया को गुलामी की ओर ले जाने वाला है। होशंगाबाद जिले के पत्रकार इस बिल के विरोध में देश के पत्रकारों के साथ हैं। वरिष्ठ पत्रकार खिलावन चंद्राकर ने कहा कि प्रस्तावित बिल मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला है। इसे किसी भी हालत में लागू नहीं होने दिया जाएगा। भारत भूषण गांधी ने कहा कि मुंबई हमले के बाद इलेक्ट्रानिक मीडिया ने सरकार की जो कमजोरी उजागर की, उसी के बाद सरकार दमनकारी नीति अपनाते हुए बिल लाने जा रही है। नरेश भगोरिया ने कहा कि लोकतंत्र में मीडिया चौथा स्तंभ होता है। प्रस्तावित बिल के जरिए सरकार मीडिया को कमजोर करने के साथ-साथ लोकतंत्र को भी कमजोर करने की कोशिश कर रही है। इसलिए इस बिल को टालने की नहीं बल्कि रद्द होने की घोषणा करनी चाहिए। इस अवसर पर दिनेश थापर, महेश तिवारी, शैलेष जैन, संजय शर्मा, पुनीत दुबे, शिव भारद्वाज, रोहित नागे, जगदीश पवार, नवनीत कोहली, जितेंद्र ओझा, अशोक रोहले, मनोज सारन, मनीष ठाकुर, इंद्रपाल सिंह और अन्य पत्रकार एवं फोटोग्राफर मौजूद थे।
अलीगढ़ के पत्रकारों ने राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन मंडलायुक्त को सौंपा। ज्ञापन में मीडिया को सरकार का प्रवक्ता न बनने देने के लिए नए आने वाले काले कानून को तुरंत रद्द करने की मांग की गई है। ज्ञापन पर आलोक सिंह (ईटीवी), सोमेश शिवंकर (एनएनआई / डीएलए), प्रदीप सिंह (एमएच1), शील (सीएनईबी), सुंदर सिंह तोमर (एनईटीवी), अनुपम मिश्रा (ईटीवी), जेपी सिंह (निष्पक्ष प्रतिदिन), रूप किशोर (हिंदी दैनिक पंच), डीके शर्मा (मजमून मैग्जीन), प्रदीप पंडित (सिटी चैनल), पंकज शर्मा (आईबीएन7), अंशुल राघव (न्यूज24), अनिल चौधरी (जैन टीवी), पंकज धीरज (पंजाब केसरी), धीरेंद्र सिंह (सहारा), पंकज सिंह (वीओआई), अदनान खान (चैनल नंबर1) आदि ने हस्ताक्षर किए।
औरैया (यूपी) से मिली जानकारी के अनुसार जिले के पत्रकारों ने काला दिवस के मौके पर प्रदर्शन किया और जिला प्रेस क्लब के निर्णय के अनुसार सभी सरकारी कार्यक्रमों के कवरेज का बहिष्कार किया। पत्रकारों ने हांथों पर काली पट्टी बांधकर केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे काले कानून के प्रति गुस्से का इजहार किया। अध्यक्ष सुरेश मिश्रा के नेतृत्व में जनसंदेश के रिपोर्टर गौरव त्रिवेदी, इंडिया न्यूज के कार्यालय प्रभारी पावस उपाध्याय, ईटीवी से अभिषेक शर्मा, महुआ न्यूज के अश्विनी बाजपेयी, सहारा समय के वेद प्रकाश आर्य, जी न्यूज के हरिओम त्रिवेदी, आज तक के सब्बीर शेख, स्टार न्यूज के मो. खालिक, न्यूज24 के अनुराग तिवारी, यूपी न्यूज के विनीत त्रिपाठी, आजाद न्यूज के विवेक विश्नोई, दैनिक जागरण के राजीव दुबे, अमर उजाला के रवि वर्मा, राष्ट्रीय सहारा के मिथिलेश दुबे ने प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को सौंपा। इस मौके पर प्रेस क्लब अध्यक्ष सुरेश मिश्रा ने कहा कि जब तक काला कानून रद्द नहीं किया जाता तब तक पत्रकार काली पट्टी बांधकर विरोध जारी रखेंगे। पत्रकारों ने आज पूरे दिन ‘मनमोहन सरकार होश में आओ, मीडिया को गुलाम न बनाओ, मीडिया के खिलाफ काला कानून वापस लो’ लिखी तख्तियां लेकर काम पर भी जुटे रहे। पत्रकारों के इस आंदोलन का जनता ने भी भारी समर्थन किया है।
शाहजहांपुर (यूपी) के पत्रकारों ने केबिल टेलीविजन नेटवर्क (रेगुलेशन) एक्ट में केंद्र सरकार द्वारा मीडिया विरोधी संशोधन किए जाने के खिलाफ राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में कहा गया है कि केन्द्र सरकार के संशोधन प्रस्ताव का शाहजहांपुर की मीडिया एक स्वर से विरोध करती है। इस प्रस्ताव के लागू होने के बाद इलेक्ट्रानिक मीडिया की आजादी पूरी तरह से खत्म हो जाएगी जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक साबित होगा। केवल वही फुटेज दिखाया जाएगा जो सरकारी अधिकारी उपलब्ध कराएंगे। ज्ञापन पर प्रेम शंकर (सहारा समय), शिव कुमार (जी न्यूज), सौरभ पाण्डेय (इंडिया न्यजू), विनय पांडेय (आज तक), संजय श्रीवास्तव (आंखों देखी), दीप श्रीवास्तव (ईटीवी), साजिद खान (एमएच1) के हस्ताक्षर हैं।
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