: राष्ट्रीय सहारा में प्रकाशित आज खबर से पुष्टि हुई : पंचायत चुनावों के प्रस्तावित कार्यक्रम को राज्य सरकार द्वारा मंजूरी दिए जाने की जो गलत खबर कल लखनऊ के अखबारों हिंदुस्तान, जागरण और अमर उजाला में प्रमुखता से प्रकाशित हुई, उस खबर का एक तरह से खंडन आज राष्ट्रीय सहारा, लखनऊ में प्रकाशित हुआ है. राष्ट्रीय सहारा अखबार में पेज नंबर वन पर प्रकाशित खबर में पंचायत चुनाव को लेकर सही तस्वीर पेश की गई है. अधिकारियों के वर्जन व तथ्यों पर आधारित खबर से स्पष्ट हो चला है कि तीन अखबारों ने गलत सूचनाएं अपने पाठकों तक पहुंचाई. राष्ट्रीय सहारा, लखनऊ में आज प्रकाशित पूरी खबर इस प्रकार है-
पंचायत चुनाव कार्यक्रम पर सरकार की मंजूरी का इंतजार
विभागीय प्रमुख सचिव के पास पड़ी है फाइल
पंचायती राज मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने विभागीय अधिकारियों के साथ की चर्चा
लखनऊ (एसएनबी)। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश में पंचायत चुनाव के प्रस्तावित कार्यक्रम पर राज्य सरकार अभी तक कोई फैसला नहीं ले सकी है। आयोग से सम्बंधित प्रस्ताव की पत्रावली अभी शासन में प्रमुख सचिव पंचायती राज के दफ्तर में पड़ी हुई है। इस सम्बंध में पंचायती राज मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार की शाम विभागीय अधिकारियों को तलब कर उनसे चुनाव कार्यक्रम पर चर्चा की।
उधर पता चला है कि अयोध्या मुद्दे पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा सितम्बर महीने में ही निर्णय दिए जाने की संभावना के मद्देनजर मुख्यमंत्री के स्तर से ही आयोग द्वारा प्रस्तावित पंचायत चुनावों की तिथियों पर फैसला लिया जा सकेगा। राज्य निर्वाचन आयोग के संयुक्त आयुक्त जे.पी. सिंह ने कहा है कि आयोग को भी सरकार के फैसले का इंतजार है। सरकार द्वारा आयोग के प्रस्ताव पर किसी तरह का निर्णय लिए जाने की उन्हें जानकारी नहीं है। सरकार के निर्णय के बाद ही पंचायत चुनाव की आगे की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी। अगर आयोग का प्रस्ताव मान्य हुआ तो सरकार चुनाव की अधिसूचना 16 सितम्बर को जारी कर सकती है। अगले दिन आयोग उस पर चुनावी प्रक्रिया शुरू कर देगा।
आयोग ने 23 अगस्त को पंचायत चुनाव के कार्यक्रम का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है। इसमें 11 अक्टूबर को पहले चरण के मतदान की व्यवस्था की गयी है। आयोग का प्रस्ताव पंचायती राज विभाग में पहुंच तो गया, लेकिन प्रमुख सचिव के राजधानी से बाहर होने के कारण उस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। विभाग के विशेष सचिव बी.एल. अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को सम्बंधित पत्रावली को प्रमुख सचिव पंचायती राज के यहां भेजा है। उच्च स्तरीय सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार पंचायत चुनावों में किसी तरह का विघ्न नहीं चाहती है।
मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर गृह विभाग तक इस मंथन में है कि अयोध्या मुद्दे पर उच्च न्यायालय का संभावित फैसला यदि 17 सितम्बर तक आया तो राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में पंचायत चुनाव कराने में बाधा पड़ सकती है। इसलिए आयोग द्वारा सौपे गये पंचायत चुनाव कार्यक्रम पर सोच समझ कर निर्णय लिया है। अधिकारियों ने इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री पर छोड़ दिया है। मुख्यमंत्री सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पूछने पर बताया कि पंचायत चुनाव के कार्यक्रम पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
Ramesh shukla
August 28, 2010 at 11:26 am
Thanks, bhadas 4media, Aap ne sahi pictur samne rakh dee.Jagran jyada serculation ke andh me galat shalat khabre chaota rahta haie.
C.K.Sharma,Lucknow.
August 28, 2010 at 11:38 am
Galat cuchna dene vale jagran, hindustan aur amar ujala ke reportero ka jaise koi racket chal raha hai. Galat khabar dene ke liye aise reportero ko dandit kiya jana chaiya, lekin yah akhbar aisa kuch nahie karenge.sama,same, same for wrong news.
H.S.Bafhel Gkp
August 29, 2010 at 6:38 pm
Galat khabar aur paisa lekar chunav me khabar chapne ka in akhbaro ka purana iyihas raha hai.paid news in dono akhbaro ka hi suru kiya prachalan hai.