पत्रकारों से हॉकी विश्व कप को खतरा! : दो दिन पहले की बात है। हॉकी टीम दिल्ली में मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में प्रैक्टिस कर रही थी। पत्रकारों और फोटोग्राफरों को अंदर घुसने नहीं दिया गया था। एक अंग्रेजी दैनिक के फोटोग्राफर ने जोर-जबरदस्ती की तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और चार घंटे तक पुलिस स्टेशन में बिठाए रखा गया। यह हालात तब हैं जबकि विश्व कप शुरू होने में अभी 22 दिन बाकी हैं। 28 फरवरी से जब विश्व कप का आयोजन होगा उस समय सुरक्षा के नाम पर पत्रकारों और फोटोग्राफरों को और क्या-क्या झेलना होगा इसकी बानगी नजर आने लगी है।
यह अच्छी बात है कि सुरक्षा को लेकर सरकार और अन्य एजेंसियां संजीदा हैं। खिलाड़ियों आदि की सुरक्षा महत्वपूर्ण है भी। इससे दुनिया में भारत के सुरक्षित होने का संदेश भी जाएगा लेकिन सुरक्षा का असली इम्तिहान तो विश्व कप कवर करने वाले पत्रकारों को देना पड़ रहा है। हर पत्रकार को स्टेडियम में एंट्री का पास तभी मिलेगा जब उसकी पुलिस वेरिफिकेशन हो जाएगी। हर पत्रकार से पुलिस वेरिफिकेशन के नाम पर एक फॉर्म भरवाया जा रहा है। इस फॉर्म में पत्रकारों को कुछ ऐसे सवालों के जवाब देने पड़ रहे हैं जिनके बारे में शायद ही कभी किसी पत्रकार ने सोचा होगा। इनमें एक सवाल है कि आपको कभी आपके नियोक्ता ने टर्मिनेट तो नहीं किया। एक और सवाल है क्या आप कभी गिरफ्तार तो नहीं हुए या फिर आपको पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन में नहीं बिठाए रखा गया।
mahesh Jaadon
February 6, 2010 at 10:48 am
Media ko jitna Chor Badmas AAj kal Officer samajh rahe uska karan unka media curreption janta tak laraha isko rokne ke aise aarop laga rahe hai .