सर, अभी अभी खबर मिली है…. सोनू बहुत उत्साहित था।
क्या…? विशाल ने पूछा।
सर, तख्ता पलट होने वाला है… सोनू बोला।
क्या मतलब…? विशाल ने पूछा।
सीईओ जाने वाला है….।
विशाल के चेहरे पर मुस्कान थी।
सर, हंस क्यो रहे हैं…? सोनू ने पूछा।
यार ये तो चलता रहता है…विशाल बोले।
इस बार नहीं चलेगा… सीईओ बदला जाएगा… मैनेजमेंट बिल्कुल भी खुश नहीं है…. 15 करोड़ खर्च हो चुके हैं… सीईओ जिम्मेदारी लेने को तैयार नही है…एक साल में सिर्फ 15 लाख का बिजनेस हुआ है… ऐसा लग रहा था सोनू प्रोड्यूसर नहीं सीओओ हो, चैनल के लिए बहुत चिंतित था।
11 महीनों में चैनल सिर्फ 3 महीने दिखा है… बिजनेस कहां से आएगा… विशाल ने तर्क दिया।
कुछ भी हो, धंधा तो नहीं आया ना…. सीईओ तो जाएगा ही, साथ ही उसके लोग भी जाएंगे… एक लिस्ट बन रही है… सोनू आंख दबा कर बोला।
विशाल भी तो सीईओ का आदमी था…. उसकी जिज्ञासा और बढ़ गई थी।
खबर पक्की है क्या…?
एकदम पक्की है सर… सोनू बोला।
तुझे किसने बताया?
मेरी एमडी और चेयरमैन से बात हुई थी… सोनू विशाल की आंखो में आंखे डाल कर बोला।
सीईओ को बहुत गाली दे रहे थे…लेकिन आप बिल्कुल चिंता मत करिए, मैं संभाल लूंगा।
बस जो भी लिस्ट बने, उस पर अपनी मोहर लगा देना… सोनू की अकड़ देखने वाली थी।
सोनू की हरकतें देख कर विशाल का सर भन्नाने लगा था। अचानक ही वो चाल साल पीछे चला गया।
सर आपसे कोई मिलने आया है… रिसेप्शनिस्ट बोली।
मैं अभी किसी से नहीं मिल सकता… विशाल ने कहा।
सर, जेएस ने कहा है आपसे मिलने के लिए…रिसेप्शनिस्ट ने कहा।
जेएस भी ना बस… सब को मेरे पीछे बांध दो… जो चिरकुट खुद से नहीं संभलता उसे मेरे पीछे बांध देते हैं… विशाल फोन पटकते हुए झल्ला रहा था।
ठीक है, भेज दो…।
सर… एक हल्की सी आवाज केबिन का दरवाजा खोलते ही।
आओ बैठो… विशाल ने कुर्सी की तरफ इशारा करते हुए कहा।
एक शर्मीला, गोरा-चिट्टा लड़का विशाल के सामने बैठा था।
बताओ क्या काम है…क्या नाम है तुम्हारा?
सर, सोनू, जेएस ने कहा था आपसे मिल लूं।
किसलिए…?
सर नौकरी चाहिए… उसने बायोडाटा आगे बढ़ाते हुए कहा।
यार देखो, चैनल आने में अभी वक्त है। जितने लोग अभी चाहिए थे, वो रख लिए गए हैं। 15-20 दिन बाद फोन कर लेना। देखते हैं, क्या हो सकता है… विशाल बायोडाटा देखते हुए बोला।
सर, आपके ही हाथ में है सब कुछ। बड़ी उम्मीद लेकर आया था। जेएस ने भी कहा है कि अगर आपको जरूरत है तो रख लें। मैंने जेएस के पुराने चैनल में भी काम किया है। नीनू मेरे बॉस थे। नीनू भी जेएस के चेले हैं। सोनू ये सब बड़ी हल्की जुबान में बोल रहा था।
यार, मैने कहा ना, 15-20 दिनों में फोन कर लेना। मै पूरी कोशिश करूंगा। चापसूली भरी बातों से विशाल को खुंदक आने लगी थी।
सर, एक महीने के लिए इंटर्नशिप के लिए ही रख लो। काम पसंद आए तो सेलरी डिसाइड कर लेना। सोनू ने कहा…।
हम्म्म….ये ठीक रहेगा। अगर लड़का ठीक हुआ तो रख लेंगे वर्ना…… विशाल मन ही मन सोच रहा था।
ठीक है। एक महीने की इंटर्नशिप के बाद सेलरी डिसाइड करेंगे… विशाल ने बायोडाटा पर कुछ लिखते हुए कहा।
ठीक है सर, मैं कब से आ जाऊ? सोनू होंठ दबा कर हंस रहा था मानो आधी जंग उसने जीत ली हो।
आज से ही शुरू करते हैं। तुम मेरे अंडर में काम करोगे। कैरियर के उपर एक प्रोग्राम बनाना है। उसकी रूपरेखा तैयार करो, इंस्टीट्यूट लाइनअप करो और पायलट शूट करने की तैयारी करो। मै भी शूट पर चलूंगा… विशाल सोनू को समझाते हुए बोला…।
सोनू अपने काम में ठीक था। बहुत ही जुगाडू… ऐसा लगता था मानो जुगाड़ ही उसके जीवन का मूलमंत्र है। दिन बीतते गए। अब विशाल को भी सोनू की आदत सी होने लगी थी। चैनल की सारी खबरें सोनू के पास होती थी। सोनू इन खबरों को विशाल को बताया करता था। इतना मृदुभाषी, निष्ठावान, ईमानदार, व्यक्ति विशाल को आज तक नहीं मिला था। विशाल अब सोनू पर आंख बंद कर विश्वास करने लगा था। सोनू ने हर तरह से विशाल का दिल जीत लिया था। एक महीना पूरा होते ही, सोनू को आठ हजार की सेलरी पर रख लिया गया। विशाल के आगे पीछे घूमने वाला सोनू अब एक असिस्टेंट प्रोडयूसर के पद पर लग चुका था।
सर, सर क्या सोच रहे हैं… सोनू विशाल का हाथ हिला कर बोल रहा था।
कु….कुछ नहीं… विशाल ने कहा।
सर मैं बोल रहा हूं ना, आप बिल्कुल परेशान ना हो। बस जो मैं कहूं वो ही करें…
सोनू, क्या मैनेजमेंट चैनल चलाना चाहता है ? चैनल कहीं भी नहीं दिख रहा है। गाड़ी वालों की पेमेंट भी नहीं हुई है। आज 16 तारीख है, सेलरी अभी तक नही मिली है। मेरी तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है। तुम तो मैनेजमेंट के नजदीक हो… वो क्या सोच रहे हैं ? विशाल ने सोनू से पूछा।
जब तक ये सीईओ है, वो पैसा नहीं लगाएंगे… सोनू के चेहरे पर कुटिल मुस्कान थी… वो जल्द कोई डिसीजन लेंगे।
सोनू के हाव-भाव देखने वाले थे। विशाल ने सोनू को ऐसे कभी नहीं देखा था। वो एक ऐसे सांड़ की तरह हो चुका था, जिसको संभाल पाना हर एक के बस की बात नहीं थी।
अरे वीनू, गेस्ट आ गए क्या…कौन आ रहे हैं? नई होमलोन रेट या आरबीआई का डाटा भिजवा दो, आज गेस्ट से यही बात करेंगे… विशाल ने फोन पर बोला …सात बज रहे थे… आज का लाइव शो विशाल को करना था।
जब से डिस्ट्रीब्यूसन निल हुआ है, लाइव शो करना मुश्किल हो गया है…विशाल बुदबुदाया।
सर, बस आप देखते जाओ…हम बहुत जल्द टाटा या डिश टीवी पर आने वाले हैं… एमडी ने मुझसे कहा है… सोनू बोला।
यार तेरे पास काफी खबरे हैं। काफी नजदीक हो गया है तू… मेरा भी नम्बर आने वाला है क्या… बोरिया बिस्टर बांध लूं… विशाल हंसते हुए बोला,
अरे क्या सर, आप क्या बात करते हैं… आप तो सेफ जोन में है… सब सेटिंग हो चुकी है… सोनू हंस रहा था।
अच्छा भाग यहां से… लाइव का टाइम हो गया है… मेकअप भी करवाना है… और हां 8:30 बजे बात करना… कुछ और खबर हो तो देना।
गाड़ी हाइवे पर आ चुकी थी। विशाल को अंदर से लग रहा था कि अब टाइम खत्म। ट्रक, बस, आटो सब पीछे छूतते जा रहे थे। इस आफिस में अब कुछ ही दिन बचे हैं… विशाल ने मन में सोचा।
हां, सोनू बोल…विशाल ने एक ही घंटी में फोन उठा लिया …क्या खबर है…?
सर, सीईओ की कल सुबह चेयरमैन से मीटिंग है और कल ही फैसला हो जाएगा… सब कुछ बदलने वाला है… सोनू बहुत खुश था।
ये वही सीईओ जेएस था जिसने चार साल पहले सोनू को नौकरी पर रखने के लिए विशाल से सिफारिश की थी। और आज वही सोनू जेएस का एकदम विरोधी हो गया था। शायद इसीलिए की जेएस को सोनू की चमचागिरी पसंद नही थी। सोनू की मैनेजमेंट से नजदीकी जेएस को अखरती थी। मैनेजमेंट की आड़ लेकर सोनू कई गलत काम करने लगा था। सोनू को इस चैनल में लाने वाला जेएस ही था। कई चक्कर काटे थे सोनू ने जेएस के आफिस के। पिछले चार साल से सोनू और विशाल में अच्छी बनती थी। चाहे सोनू की शादी हो या उसकी बहन की, विशाल हर जगह उपस्थित रहता था।
सोनू मुझे कुछ नहीं होने देगा… कुछ दिन और कटेंगे… मंदी का दौर है… कहीं और नौकरी मिलना और वो भी सीनियर पोजीशन पर मुश्किल है… विशाल ने सोचा… घर आ गया था।
अरे विशाल फोन उठाओ… कब से बज रहा है… रोमी (विशाल की पत्नी) ने कहा।
सुबह, सुबह किसका फोन आ गया… आराम से सोने भी नहीं देते… विशाल बुदबुदा रहा था।
फोन जेएस का था… विशाल, आज 11:30 पर मीटिंग है… जेएस की आवाज आई…काफी खुश लग रहा था जेएस।
सर एजेंडा क्या है…?? विशाल ने घबरा कर पूछा।
11:30 पर पता चल जाएगा… दूसरी तरफ से आवाज आई।
लगता है सोनू की बात सच हो गई है। विशाल को सोनू से हुई बातचीत याद आ गई।
सीईओ तो गया…कहीं मेरा नम्बर…..!!! नहीं ऐसा नहीं हो सकता। सोनू ने कहा था कि मै सेफ जोन में हूं… सोनू सब संभाल लेगा… ये सारे विचार विशाल के दिमाग में कौंध रहे थे।
अनमने मन से तैयार होकर विशाल आफिस पहुंचा।
गुड मार्निंग सर… विजया की आवाज थी।
गुड मार्निंग विजया… सोनू आया क्या…?
नहीं… विजया बोली।
अपने केबिन में पहुंचते ही विशाल कोट की जेब से मोबाइल निकालने लगा।
कहां गया साला… अम्…. ये रहा… अरे बैटरी खत्म होने वाली है… जल्दी से सोनू से खबर लूं… क्या सच में सीईओ गया… विशाल सोनू का नम्बर मिला चुका था।
ये नम्बर इस समय कवरेज एरिया से बाहर है…कुछ देर बाद डायल करें… कहां चला गया ये चिरकुट… विशाल को घबराहट होने लगी थी… 11:30 बज चुके थे।
मे आई कम इन सर… विशाल ने जेएस के कमरे घुसते ही पूछा।
आओ… आओ बैठो… सुमित और नारायणन को भी बुला लो… जेएस बोला।
कुछ ही देर में सुमित और नारायणन भी आ गए।
अब मैं आप लोगों के साथ कुछ ही देर हूं… चेयरमैन से बात हो गई है। एमडी चैनल को अपने ढंग से चलाना चाहते हैं… सब जेएस को हैरान होकर देख रहे थे।
देखो, मेरे जाने के बाद सुमित और विशाल डेंजर जोन में हैं। एमडी इन दोनों से पीछा छुड़ाएगा… तुम दोनों मेरे आदमी माने गए हो… जेएस बोले जा रहा था। सोनू ने भी बहुत आग लगाई है सब के बारे में… एक-एक आदमी की रिपोर्टिंग की है सोनू ने… साले को इतने साल तक पाल के रखा… सांप को दूध पिलाया है… जेएस की आवाज तेज हो गई थी।
विशाल की समझ में नहीं आ रहा था कि एक चमचे की इतनी औकात हो सकती है की वो तख्ता पलट दे… पीछे से जेएस सोनू को लगातार गालियां दे रहा था… मै तो सेफ हूं… सोनू ने कहा था मुझे कुछ नहीं होगा… विशाल अपना मन पक्का कर रहा था।
सर, मैं आपके साथ हूं… मैं भी आज ही इस्तीफा दे दूंगा… सुमित बोला।
नहीं…आप लोग ऐसा कुछ नहीं करेंगे… जब तक एमडी ना कहें। शायद चैनल को आप जैसे प्रोफेशनल लोगो की जरूरत है… ठीक है… आप लोग अपने अपने केबिन में जाइए… मै निकलता हूं… जेएस ने कहा।
विशाल धम्म से अपनी कुर्सी पर गिरा…
लगता है आज मेरा आखिरी दिन है इस चैनल में… नहीं ऐसा नहीं हो सकता… सोनू ने कहा था मै सेफ जोन में हूं… मुझे अभी रुकना पड़ेगा… विशाल ये सब सोच रहा था।
विशाल ने अपनी घड़ी देखी…दो बज रहे थे…जेएस जा चुका था…स्टाफ में ज्यादा हलचल नहीं है…सोनू भी नहीं दिख रहा है। साले को आज ही गायब होना था… विशाल बड़बड़ाया।
सर, नीनू ने ज्वायन कर लिया है… सोनू अभी अभी उसे लेकर घुसा है… नीनू एमडी के साथ बैठा है… नारायणा का फोन था।
नीनू… विशाल हंस रहा था। नीनू और सीईओ!! वो चपरासी बनने के लायक नही है और एमडी उसे सीईओ बना रहा है।
एमडी नहीं, सोनू बना रहा है… नारायणन बोला।
ऐसा हो ही नहीं सकता… सोनू नीनू के बारे में अच्छी तरह से जानता है… नीनू उसका भी तो पैसा लेकर भाग गया था (नीनू लोगो से पैसे मांग कर वापस नहीं करता)…विशाल बोला
सर, सोनू नीनू का भी चमचा है… सोनू ने ही नीनू को एमडी से मिलवाया था और जेएस के जाते ही उसे सोनू ने ज्वायन करवा दिया… मै अंदर जा रहा हूं… एमडी ने बुलवाया है…
विशाल का सर घूम रहा था…. सोनू ने ऐसा क्यों किया…नहीं नहीं ऐसा नही हो सकता…सोनू तो मेरा नजदीकी है…वो ऐसा नहीं कर सकता…
इस चोर के साथ कैसे काम होगा… एमडी से बात करता हूं… विशाल ने सोचा।
सोनू पूरे न्यूजरूम में छाती चौड़ी करके घूम रहा था। अभी तक वो विशाल से नहीं मिला था या शायद आंखें चुरा रहा था। सोनू की हरकतों से लग रहा था कि ये काम उसी का है। सोनू अब किंग मेकर हो गया था।
साले ने सामने से वार किया है… विशाल बोला… साले की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी…निशाना एकदम सही लगा है…
सर, अंदर आ जाऊ… विशाल ने एमडी से पूछा।
हां आओ, बोलो… एमडी ऐसे ही बात करता था।
सर वो… जेएस से नहीं बन रही थी आपकी… बहुत दिन लगा दिए डिसीजन लेने में… विशाल कुर्सी पर बैठ चुका था।
कुछ समय चाहिए था दूसरा आदमी ढूढने के लिए… एमडी ने बोला।
और आपको नीनू ही मिला… और कोई नहीं… विशाल बोला।
क्यों, क्या खराबी है नीनू में…?? एमडी ने पूछा।
विशाल ने एक ही सांस में नीनू की ‘तारीफ’ में कसीदे पढ़ डाले… एमडी हंस रहा था।
मेरी इससे नहीं बनेगी… इसके साथ बहुत मुश्किल है काम करना… मै इसको रिपोर्ट नहीं कर सकता… विशाल ने हंसते हुए बोला।
ठीक है कल बात करते हैं… एमडी ने कहा।
ओ.के. सर, गुड नाइट… विशाल उठते हुए बोला।
वापसी सारे रास्ते विशाल सोनू के बारे में सोच रहा था। एक छोटे से बच्चे ने उसे हरा दिया। उसी बच्चे ने जिसे उंगली पकड़ कर चलना सिखाया। जिसकी हर गलत बात पर परदा डाल कर रखा। उसके छोटे काम को भी बढ़ा चढ़ा कर दिखाया । जेएस से लड़ा था सोनू के काम को लेकर, जेएस की बातों पर विश्वास नहीं किया।
खैर….
सुबह आफिस से फोन आ चुका था…. रिपोर्ट तो नीनू को ही करना पड़ेगा….
विशाल का इस आफिस में वो आखिरी दिन था।
नाश्ता करते हुए विशाल सोच रहा था…. सोनू किसका चमचा था, उसका, नीनू का, या मैनेजमेंट का…???
ये बात विशाल की समझ से बाहर थी।