कई दशकों से दिल्ली से प्रकाशित हो रहे उर्दू अखबार ‘नईदुनिया वीकली’ ने अपने वार्षिक पाठक सर्वेक्षण में हिंदी नईदुनिया को वर्ष-2009 का सर्वश्रेष्ठ हिंदी अखबार घोषित किया है। जाने-माने पत्रकार और राजनेता शाहिद सिद्दकी के संपादन में निकल रहे इस प्रमुख उर्दू अखबार द्वारा हर साल मीडिया के कामकाज पर पाठकों के बीच सर्वे कराया जाता है। इस बार कराए गए सर्वेक्षण में हिंदी नईदुनिया के साथ ही दिल्ली के अंग्रेजी दैनिक ‘मेल टुडे’, हिंदी न्यूज चैनल ‘आई.बी.एन.7’ तथा अंग्रजी न्यूज चैनल ‘ एनडीटीवी-24×7’ को सर्वश्रेष्ठ माना है।
उर्दू नईदुनिया वीकली के संपादक शाहिद सिद्दकी ने अपनी घोषणा में कहा है- ‘विभिन्न विषयों पर बेहतरीन आलेख, विश्लेषण और बिना पक्षपात की रिपोर्टिंग ने ‘नईदुनिया हिंदी’ न्यूजपेपर आफ द ईयर-2009 का अवार्ड दिला दिया है।’ शाहिद के मुताबिक, ‘कहा जाता है कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है लेकिन वर्तमान समय में ऐसा लग रहा है कि मीडिया केवल नाम और बेतहाशा रुपए कमाने का दूसरा नाम है। इक्कीसवीं सदी में मीडिया का क्या रोल होना चाहिए, लेकिन आज मीडिया क्या भूमिका अदा कर रहा है, हम इसी सिलसिले में बात कर रहे हैं। आज चाहे इलेक्टॉनिक मीडिया (टीवी, इंटरनेट आदि) हो या प्रिंट मीडिया (अखबार, पत्रिका आदि), हमारे समाज में इसकी बहुलता है। इसमें कुछ ऐसे हैं जिन्होंने सही मायने में पत्रकारिता के मकसद को और लोकतांत्रिक उसूलों को बढ़ावा देने में भरपूर किरदार अदा किया है।’
उर्दू नईदुनिया वीकली में कहा गया है कि ‘नईदुनिया’ बहुत पहले इंदौर से निकलना शुरू हुआ था लेकिन अब आलोक मेहता के संपादकत्व (संपादन) में दिल्ली से भी निकल रहा है। आलोक मेहता हिंदी के वरिष्ठ पत्रकार हैं जो सेक्यूलर रवायत के उसी तरह पक्षधर हैं जिस प्रकार मृणाल पांडे सेक्यूलर चलन की हामी थीं लेकिन अब उन्होंने वहां (हिंदुस्तान) से इस्तीफा दे दिया है क्योंकि उन पर यह दबाव था कि वे अपने उसूलों से समझौता करते हुए सेक्यूलर रवायत को छोड़ दें।’ अब हिंदी ‘नईदुनिया’ दिल्ली से प्रकाशित हो रहा है। इसका संपादकीय विभिन्न समस्याओं और संवेदनशील मुद्दों पर आधारित होता है। इसकी रिपोर्टिंग भी इस साल अच्छी और महत्वपूर्ण रही है, क्योंकि इस अखबार ने अपने रंगारंग प्रकाशन, ताजातरीन खबरों, विश्लेषणों और सुर्खियों की बदौलत भारत के एक बड़ी रीडरशिप पर अपना दबदबा कायम कर लिया है और दिन-ब-दिन इसके पाठकों में बढ़ोतरी हो रही है। उर्दू वीकली ‘नईदुनिया’ का इस वर्ष का ‘हिंदी न्यूजपेपर आफ द ईयर’ का पुरस्कार ‘नईदुनिया हिंदी’ को दिया जाता है।
chandrakar khilavan, itarsi(m.p.)
January 16, 2010 at 4:31 pm
i am not agreed with this because उर्दू ‘नईदुनिया वीकली’ is related newspaper to हिंदी नईदुनिया, indore
vps
January 19, 2010 at 9:03 pm
Naidunia real me no.1 hai nai dunia ki khabre saare baaki abhbaaron se alag hai main peoples samachar me hoon lekin nai dunia ki baat hi alag hai. main nai dunia ko badhaai deta bhoon.
ishant
January 20, 2010 at 7:58 am
nayi duniya news paper me kafi khas baate hai…..
iss news paper me printing or iss news paper ko kafi aakarshak banaya gaya hai..
iss news paper me khbaro ka plasment b bahot ache tarike ka hai…’
iss paper me news ki language dusre news paper k mukable kafi saral hai…
or yeh news paper dusre news paper k mukable kafi tezi se ubhar raha hai.
dindayalupadhay
February 4, 2010 at 5:46 am
naiduniya bahut badhiha akhwar hai par akhwar menejment ki disa me kafhi kamjor hai _ mai bhi naiduniya se juda hu chatisgadh me mujhe nahi lagta ki esese badhiha akhawar hai _
dusare aany akhawar se mai lamby smay se juda rha hu naidunia ko behtar bnane ke liye menejment sudharna jaruri hai