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इंडिया न्यूज से एक साथ 50 लोग बाहर

एक टीवी जर्नलिस्ट दिन भर लाइव करता रहा। काम में जुटा रहा। शाम को उसके पास उसके न्यूज चैनल से एक फोन आता है। उस फोन में उसे ‘थैंक्यू’ बोल दिया जाता है। यह ‘थैंक्यू’ अच्छा काम करने के लिए नहीं बल्कि नौकरी से हटाए जाने के लिए बोला गया। एक प्रोड्यूसर दिन भर नया शो शूट करता रहा। लोकेशन पर डटा रहा। शाम को उसके पास चैनल से एक फोन आता है और उसे भी ‘थैंक्यू’ कह दिया जाता है। यहां भी ‘थैंक्यू’ कहने का मतलब नौकरी से निकाला जाना ही है। यह घटनाक्रम हुआ टीवी न्यूज चैनल ‘इंडिया न्यूज’ में। इस चैनल में काम करने वाले करीब 50 से 55 लोगों को एक झटके में कार्यमुक्त कर दिया गया है। भड़ास4मीडिया तक पहुंच रही सूचनाओं के अनुसार निकाले गए लोग आउटपुट, इनपुट, रिपोर्टिंग सहित समस्त विभागों से हैं। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में मीडियाकर्मियों के निकाले जाने से इंडिया न्यूज में काम करने वालों के बीच मातम की स्थिति है। हर शख्स डरा-सहमा हुआ है कि उसकी नौकरी सुरक्षित है या नहीं।

एक टीवी जर्नलिस्ट दिन भर लाइव करता रहा। काम में जुटा रहा। शाम को उसके पास उसके न्यूज चैनल से एक फोन आता है। उस फोन में उसे ‘थैंक्यू’ बोल दिया जाता है। यह ‘थैंक्यू’ अच्छा काम करने के लिए नहीं बल्कि नौकरी से हटाए जाने के लिए बोला गया। एक प्रोड्यूसर दिन भर नया शो शूट करता रहा। लोकेशन पर डटा रहा। शाम को उसके पास चैनल से एक फोन आता है और उसे भी ‘थैंक्यू’ कह दिया जाता है। यहां भी ‘थैंक्यू’ कहने का मतलब नौकरी से निकाला जाना ही है। यह घटनाक्रम हुआ टीवी न्यूज चैनल ‘इंडिया न्यूज’ में। इस चैनल में काम करने वाले करीब 50 से 55 लोगों को एक झटके में कार्यमुक्त कर दिया गया है। भड़ास4मीडिया तक पहुंच रही सूचनाओं के अनुसार निकाले गए लोग आउटपुट, इनपुट, रिपोर्टिंग सहित समस्त विभागों से हैं। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में मीडियाकर्मियों के निकाले जाने से इंडिया न्यूज में काम करने वालों के बीच मातम की स्थिति है। हर शख्स डरा-सहमा हुआ है कि उसकी नौकरी सुरक्षित है या नहीं।

भड़ास4मीडिया के पास करीब दो दर्जन मीडियाकर्मियों के नाम हैं, जिन्हें प्रबंधन कार्यमुक्त कर चुका है लेकिन उनके नाम उनके करियर के हित को देखते हुए यहां प्रकाशित नहीं किए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि न्यूज सेक्शन से करीब 15 लोग निकाले गए हैं। इनमें कुछ लोग दिल्ली रिपोर्टिंग की टीम के भी हैं। कैमरा सेक्शन से 8 लोगों को हटाए जाने की बात पता चली है। कुछ महिला पत्रकार भी छंटनी के दायरे में आ चुकी हैं।

चैनल से जुड़े एक सूत्र का कहना है कि प्रबंधन ने इस बार छंटनी की लिस्ट बहुत चालाकी के साथ बनाई। सभी वरिष्ठ लोगों से ऐसे नाम मांगे गए जो अच्छा परफार्म नहीं कर रहे हैं। वरिष्ठों ने कुछ तो उनके नाम दिए जो वाकई परफार्म नहीं कर रहे थे लेकिन कुछ नाम उनके भी दे दिए जो अच्छा काम कर रहे थे लेकिन किसी दूसरे गुट से जुड़े हुए थे। प्रत्येक वरिष्ठ ने नाम देने में ‘मेरा आदमी-तेरा आदमी’ का ध्यान रखा। प्रबंधन ने हर तरफ से आए सभी नामों को कंपाइल किया और सबको एक झटके में बाहर कर दिया। इस प्रकार इस छंटनी में वे लोग बलि के बकरा बन गए हैं जो अच्छा काम कर रहे थे लेकिन किसी के करीब होने के चलते उन्हें छंटनी की लिस्ट में आ जाना पड़ा।

सूत्रों का कहना है कि प्रबंधन ने जिस तरीके से मीडियाकर्मियों को कार्यमुक्त किया है, उसको लेकर लोगों में खासी नाराजगी है। न तो किसी को मौका दिया गया और न ही एक महीने की अग्रिम सेलरी दी गई। कल पिछले माह का वेतन सभी के एकाउंट में आया और कल ही छंटनी की लिस्ट में शामिल लोगों को थैंक्यू बोल दिया गया। सूत्रों का कहना है कि इंडिया न्यूज प्रबंधन ने जिस क्रूरता और अमानवीयता के साथ अपने कर्मियों को कार्यमुक्त किया है, उसकी हर ओर आलोचना हो रही है। ज्ञात हो कि इंडिया न्यूज चैनल में लांचिंग के बाद से कई राउंड छंटनी और उठापटक का दौर चल चुका है। सूत्रों का कहना है कि प्रबंधन अब न्यूनतम खर्चे पर चैनल संचालित करना चाहता है इसलिए अतिरिक्त स्टाफ और परफार्म न करने वाले स्टाफ के नाम पर छंटनी कर दी गई। अब जबकि छंटनी हो चुकी है, चैनल के वरिष्ठ लोग ठीकठाक काम करने वालों को बचाने में जुट गए हैं और कुछ लोगों की वापसी कराने की भी खबर है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही है।

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