Press Release
भारतीय टीम के उप-कप्तान और धमाकेदार बल्लेबाज़ वीरेंद्र सहवाग ने इंडिया न्यूज़ से खास मुलाकात की। इस मुलाकात में सहवाग ने अपने दिल की बातें साफ-साफ कहीं, सहवाग ने कप्तान धोनी की तारीफ करते हुए कहा कि वो सौरव गांगुली से भी आगे जाएंगे। इंडिया न्यूज़ पर ये बातचीत दिखाए जाने के बाद देश भर की मीडिया ने सहवाग के इस बयान का प्रमुखता से इस्तेमाल किया। इंडिया न्यूज़ की ये खबर सभी मुख्य अखबारों समेत करीब 100 अखबारों में प्रमुखता से छपी। इसी खबर को समाचार चैनलों ने भी विशेष के रूप में इस्तेमाल किया। आमतौर पर मीडिया से दूर रहने वाले वीरेंद्र सहवाग ने इंडिया न्यूज़ के एसोसिएट एडीटर राजीव मिश्रा से खुलकर बात की।
उन्होंने अपने करियर, परिवार और खाली वक्त के बारे में भी बताया। इस बातचीत में सहवाग ने बताया कि उनकी टीम इंडिया में धमाकेदार वापसी की वजह कप्तान अनिल कुंबले रहे, अनिल कुंबले को याद करते हुए सहवाग ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए शामिल करना ज़िंदगी का निर्णायक मोड़ बताया, साथ ही उन्होंने कहा कि 2008 का साल उनके करियर के लिए सबसे अहम रहा क्योंकि इस साल न केवल उन्होंने एक हज़ार से ज़्यादा टेस्ट रन बनाए बल्कि उन्होंने महत्वपूर्ण पारियां उस वक्त खेलीं जब वो टीम में जगह बचाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। सहवाग ने टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की भी खुल कर तारीफ की, उन्होंने कहा कि धोनी में सौरव गांगुली से बेहतर कप्तान साबित होने की काबिलियत है और वो सौरव गांगुली के रिकॉर्ड को भी तोड़ देंगे। सौरव गांगुली के बारे में सहवाग ने कहा कि उन्होंने टीम इंडिया को विदेश में लड़ना और जीतना सिखाया। पाकिस्तान के मुल्तान में वीवीएस लक्ष्मण के रिकॉर्ड को तोड़कर तिहरा शतक लगाने वाले सहवाग ने कहा कि रिकॉर्ड टूटने के बाद लक्ष्मण उन्हें बधाने देने वाले पहले खिलाड़ी थे।
अपनी बेहतरीन पारियों को याद करते हुए सहवाग ने बताया कि श्रीलंका के गॉल में नाबाद 200 रन की पारी को सबसे बेहतर मानते हैं। हालांकि वो दो तिहरे शतक लगाने वाले इकलौते भारतीय हैं। उन्होंने अपने ओपनिंग जोड़ीदार गौतम गंभीर की भी काफी तारीफ की और कहा कि दोनों को खेलते वक्त तालमेल की कोई दिक्कत नहीं होती है। सहवाग ने इंडिया न्यूज़ को बताया कि हाल ही में उन्होंने अपने परिवार के साथ रब ने बना दी जोड़ी और गजनी फिल्में देखीं। उनके मुताबिक उनकी सफलता में उनकी मां और पत्नी का सबसे बड़ा योगदान है।