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दुख-दर्द

दौड़ा-दौड़ा कर बुरी तरह पीटे गए मीडियाकर्मी

इंस्टीट्यूट के संचालकों-छात्रों का कहर : पांच कैमरे व दो मोबाइल फोन लूटे : एसपी देहात की मौजूदगी में भी हुई बदसलूकी : नाराज लोगों ने बाईपास जाम किया :  आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न होने पर मेरठ बंद की चेतावनी : मेरठ में बाईपास स्थित वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी में मंगलवार को कवरेज के गए मीडिया कर्मियों पर इंस्टीट्यूट संचालकों और छात्रों ने मिलकर हमला बोल दिया। उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। इस दौरान लाइसेंसी पिस्टल से फायरिंग की गयी।

<p align="justify"><font color="#003366">इंस्टीट्यूट के संचालकों-छात्रों का कहर : पांच कैमरे व दो मोबाइल फोन लूटे : एसपी देहात की मौजूदगी में भी हुई बदसलूकी : नाराज लोगों ने बाईपास जाम किया :  आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न होने पर मेरठ बंद की चेतावनी : </font>मेरठ में बाईपास स्थित वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी में मंगलवार को कवरेज के गए मीडिया कर्मियों पर इंस्टीट्यूट संचालकों और छात्रों ने मिलकर हमला बोल दिया। उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। इस दौरान लाइसेंसी पिस्टल से फायरिंग की गयी। </p>

इंस्टीट्यूट के संचालकों-छात्रों का कहर : पांच कैमरे व दो मोबाइल फोन लूटे : एसपी देहात की मौजूदगी में भी हुई बदसलूकी : नाराज लोगों ने बाईपास जाम किया :  आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न होने पर मेरठ बंद की चेतावनी : मेरठ में बाईपास स्थित वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी में मंगलवार को कवरेज के गए मीडिया कर्मियों पर इंस्टीट्यूट संचालकों और छात्रों ने मिलकर हमला बोल दिया। उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। इस दौरान लाइसेंसी पिस्टल से फायरिंग की गयी।

हमलावरों ने पांच कैमरे और दो मोबाइल फोन लूट लिये। मौके पर पहुंचे एसपी देहात की मौजूदगी में मीडिया से दोबारा बदसलूकी हुई। इस दौरान बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी, राजनेता और भीड़ इकट्ठी हो गयी, जिससे बाईपास जाम हो गया। यह स्थिति तीन घंटे रही। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कंकरखेड़ा पुलिस ने मामले में हत्या के प्रयास, लूट और एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

बाईपास स्थित जटौली रेलवे क्रासिंग के निकट ये इंस्टीट्यूट है। यहां दो छात्र दुर्घटना में घायल हो गए थे। इस मामले को लेकर मंगलवार को हंगामा हुआ। जानकारी मिलने पर मीडियाकर्मी कवरेज को इंस्टीट्यूट पहुंच गए। इसी बीच इंस्टीट्यूट के चेयरमैन सुधीर गिरी और डायरेक्टर आशीष बालियान ने मीडिया के पहुंचने पर नाराजगी जताते हुए अपशब्द कहने शुरू कर दिए। उनसे अभद्रता करते हुए छात्रों और कुछ बाहरी तत्वों को मीडियाकर्मियों पर हमला करने के लिए भड़का दिया। इंस्टीटयूट के मुख्य गेट को बंद कर मीडियाकर्मियों को बंधक बना लिया गया।

मीडियाकर्मी जान बचाने के लिए बाहर की ओर भागे, लेकिन इंस्टीट्यूट का मुख्य गेट बंद करा दिया गया। कवरेज करने वालों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। इसमे फोटोग्राफर आशीष कन्नौजिया, फोटोग्राफर नीटू, कैमरामैन अनिल मार्टिन, कैमरा मैन शोभित त्यागी, पत्रकार प्रमोद चौधरी और दुष्यंत राघव घायल हो गए। उनके पांच कैमरे और दो मोबाइल फोन भी छीन लिये गए। सूचना मिलने पर एसपी देहात पुलिस लेकर पहुंचे और मीडिया को बंधन मुक्त कराया। लेकिन तभी मीडिया कर्मियों पर फिर हमला बोल दिया गया और फायरिंग भी की गई।

हमले में घायलों को पहले आशुतोष और फिर लोकप्रिय अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस घटना से आक्रोशित मीडियाकर्मी नेशनल हाईवे पर एकत्रित हो गए। हमले की खबर सुन कई राजनैतिक दलों के नेता और भीड़ भी बाईपास पर जुट गयी, जिससे सड़क पर काफी देर तक जाम लगा रहा । डीआईजी ने बाद में एडीएम सिटी महावीर सिंह आर्य और एसपी सिटी प्रबल प्रताप सिंह को भेजा। उन्होंने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया तभी भीड़ सड़क से हटी। मामले में इंस्टीट्यूट के चेयरमैन सुधीर गिरी और डायरेक्टर एडमिनस्ट्रेशन आशीष बालियान समेत एक दर्जन से ज्यादा अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 307, 392, 342, 323, 506, एससीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।

इंस्टीट्यूट के चेयरमैन सुधीर गिरी का कहना है कि हमारी मंशा मीडियाकर्मियों पर हमले की नहीं थी। इसके बावजूद छात्रों और मीडियाकर्मियों के बीच दुखद घटनाक्रम हो गया। मुझ पर लगाए जा रहे फायरिंग के आरोप गलत हैं। मामले में मैंने संस्थान के आशीष वालियान और पवन को दोषी पाते हुए सस्पेंड कर दिया है। मुझे घटना पर खेद है। हमने कोई तहरीर नहीं दी है। उन्होंने छात्रों के बाहर इलाज पर फाइन की बात को गलत बताया। उनका कहना था कि इलाज के लिए संस्थान ने ही अस्पताल भिजवाया था।

मेरठ के डीएम भुवनेश कुमार के मुताबिक पूरे मामले की पहले जांच होगी और उसमें जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। डीआईजी अखिल कुमार कहते हैं कि प्रकरण बहुत गंभीर है। इस मामले में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन छात्रों की पहचान करायी जा रही है, जो हमले में शामिल रहे हैं। उन्हें यह पता चला है कि इसमें कई बाहरी छात्रों की भूमिका भी रही है। इंस्टीटयूट की तरफ से एफआईआर के लिए जो प्रार्थनापत्र दिया गया है, उसे जांच में शामिल कर लिया गया है।

बाईपास स्थित वेंकटेश्वर इंस्टीटयूट में बीटेक प्रथम वर्ष के भलसौना निवासी छात्र अनुज और उसके साथी प्रशांत की कांच से नस कट गई थी। आरोप है कि दोनों छात्रों का इंस्टीट्यूट प्रशासन ने इलाज नहीं कराया। हालत बिगड़ने पर घायलों को सहयोगी छात्र अस्पताल ले गए। इस पर संस्थान प्रबंधन ने पांच-पांच हजार रुपये का फाइन कर दिया। उसका कहना था कि छात्रों के बाहर इलाज से संस्थान की बदनामी हुई है। यह बात छात्रों ने अपने परिजनों को बतायी, जिस पर मंगलवार सुबह जिला पंचायत सदस्य मनिन्दर पाल बात करने पहुंचे थे। उन्होंने फ‌र्स्ट एड न करने और फाइन पर नाराजगी जताई। इसी दौरान छात्रों की ओर से भी हंगामा और नारेबाजी प्रारंभ हो गयी। इसके कवरेज को ही मीडियाकर्मी वहां पहुंचे थे।

मीडिया कर्मियों पर हुए हमले की चौतरफा भ‌र्त्सना जारी है। मेरठ के संयुक्त व्यापार संघ ने आरोपियों के खिलाफ 72 घंटे में कड़ी कार्रवाई न होने पर मेरठ बंद की चेतावनी दी है। घटना स्थल पर पहुंचे अध्यक्ष विजेन्द्र अग्रवाल, महामंत्री नवीन गुप्ता, कोषाध्यक्ष कमल ठाकुर व अशोक ग्रोवर आदि ने मीडिया कर्मियों पर सुनियोजित हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई किये जाने की मांग की। श्री अग्रवाल ने 72 घंटे में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई न किये जाने पर मेरठ बंद की चेतावनी दी है।

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व्यापारी नेता नितिन जोशी, अमित गुप्ता, नीरज त्यागी व विनीत शारदा आदि ने भी आरोपियों की सम्पत्ति की जांच व गिरफ्तारी की मांग की। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक राजेन्द्र शर्मा ने मीडिया पर हमले को निंदनीय बताते हुए दोषियों को दंडित किये जाने की मांग की। उन्होंने बताया कि प्रकरण की जानकारी प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी को दे दी है। उचित कार्रवाई न होने पर कांग्रेस आंदोलन करेगी। जिलाध्यक्ष अशोक त्यागी, रणवीर राणा, नसीम कुरैशी, वरिष्ठ नेता डा. प्रदीप अरोड़ा, विनय प्रधान, नवनीत नागर, सलीम भारती व अभिमन्यू त्यागी आदि भी घटना की निंदा की। भाजपा पूर्व विधायक लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने आरोप लगाया कि बसपा से जुड़े लोग मीडिया पर हमला कर लोकतंत्र की हत्या करने में लगे है। जिलाध्यक्ष विजय पाल तोमर, पूर्व विधायक राजकुमार त्यागी व किसान मोर्चा प्रदेश मंत्री सतेन्द्र भराला, ओपी सिंह व सतनाम नामी आदि ने हमले के आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।

सपा विधायक व पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर ने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठक शीर्ष नेताओं का संरक्षण पाए लोगों लोकतंत्र की हत्या करने पर तुले है। गोपाल अग्रवाल, राजपाल सिंह, कुलदीप उज्जवल, अतुल प्रधान व रफीक अंसारी आदि सपाइयों ने हमलावरों के पीछे बसपाइयों के चेहरे उजागर करने की मांग की। रालोद विधायक हरपाल सिंह, सुनील रोहटा, राजकुमार सांगवान व जिलाध्यक्ष यशवीर सिंह आदि ने हमलावारों पर कार्रवाई किये जाने की मांग की। तालाबंदी आठ को मेरठ: सफाई मजदूर संघ अध्यक्ष राजू धवन की अध्यक्षता व महामंत्री कैलाश चंदोला के संचालन में आयोजित बैठक में नगर निगम प्रशासन द्वारा उनकी मांग पूरी न करने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए आठ अप्रैल को निगम पर तालाबंदी का ऐलान किया। वक्ताओं में अशोक राजौरिया, नंद किशोर, मदन पहलवान, सुरेन्द्र व विनेश आदि प्रमुख थे।

रालोद नेता सुनील रोहटा ने कहा कि मीडिया ही सभी कमजोर लोगों की आवाज उठाती है। मीडिया पर हुए जानलेवा हमला निंदनीय है। इस मामले में वह चुप नही बैठेंगे। रालोद एमएलसी हरपाल सैनी लोकप्रिय अस्पताल में भर्ती घायल मीडियाकर्मियों को देखने पहुंचे। उन्होंने इसकी कड़ी भ‌र्त्सना करते हुए कहा कि इस मामले में आंदोलन से भी पीछे नहीं हटा जाएगा। रालोद नेता नरेश नंगला, गौरव जिटौली, राजेश मार्टिन, ने भी घटना की निंदा की। मेरठ केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष इंद्रपाल सिंह ने भी घटना की निंदा की और मीडिया के साथ मिलकर आंदोलन करने की बात कही।

एसपी देहात शरद सचान की भूमिका को लेकर मीडिया में भारी आक्रोश देखा गया तभी उनके जिले से बाहर तबादले की मांग की गई। इस पूरे प्रकरण में एसपी देहात की भूमिका बेहद लापरवाही की रही। जिस वक्त वे इंस्टीटयूट में पहंुचे तो मीडियाकर्मी बंधक बने थे और गेट बंद था। उनकी मौजूदगी में भी मीडिया पर हमला हुआ। जब उनसे इस बात का विरोध किया गया तो वे साफ मुकर गए। मीडिया ने उनकी भूमिका को गंभीरता से लेते हुए उन्हें जिले से हटाने की मांग की। साभार : दैनिक जागरण

 

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0 Comments

  1. dharmendra kumar agra

    April 11, 2010 at 8:27 am

    utter pradesh main jagah jagah aye din loktantra ke 4the stambh ke sath is tarah ki ghatnaon ki punaravriti chinta ka vishay hai. is tarah ki ghatnaon se media ki takat kam koti ja rahi hai…

  2. abhinav agarwal

    April 10, 2010 at 6:26 pm

    is hadse se hum sab media walo ko sabak lena chahiye ki agar ab bhi hum ek nahi hui to vo din door nahi jb koi bhi sadak chalta media walo ki pitai kar dega,jago media walo jago….apni takat ko pehachano bhai…aaj vo vakt aagaya hai ab hume kuch kar ke dekhana hai…yaa to apna sammaan vapas lenge yaa apni jaan denge….abhinav_ienn

  3. varun panwar

    April 8, 2010 at 12:11 pm

    Media kermiyon per hue humle ki jitni ninda ki jayi utni kum hai.. humla kerne wale logon ke kilaf police ko sakt se sakt karwayi kerni chhaiye..

  4. BANA LAL SINGH RAJPUT

    April 8, 2010 at 10:48 am

    patrakar to vaise bhi din bhar dodta hi rahte hai. unhe dodne ki achhi adat hoti hai. aksar samodak dodate hai. ab dusro ne doda diya hai. sach khabar likho to log dadate hai. galt khabar likho to sampadak dodate hai. bas yahi karte karte umra nikal jati hai. mujhe lagta hai ab aane vali peedi is field me aane se katraya karegi. is tarah dodne se achha hai ki kahi bandua mazduri kar lena chahiye. BANA LAL SINGH BERASIA BHOPAL.

  5. ताजी खबर

    April 8, 2010 at 5:49 am

    पत्रकारों पर दर्ज मुकदमे होंगे वापस
    विगत 2 अप्रैल को परिवहन निगम के कर्मचारियों एवं पत्रकारों के मध्य हुए विवाद के संदर्भ में बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक एवं पत्रकार प्रतिनिधिमंडल के मध्य वार्ता हुई। वार्ता के उपरांत मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने पत्रकारों के विरुद्ध दर्ज मुकदमों को वापस लेने के निर्देश पुलिस महानिदेशक को दिये है। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने कहा कि पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की जायेगी और जो भी दोषी होगा, उसके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।

  6. Haryashva Singh

    April 7, 2010 at 2:37 pm

    यह घटना दुखद है। साथ ही उत्‍तरप्रदेश की वास्‍तविक हालातों को भी दर्शाती है। मंगलवार को हुई इस घटना के बाद भी प्रशासन नहीं जागा और शहर में बुधवार को भी इसी तरह की घटना की पुनरावृति हो गई। बुधवार को एक नकली दवा फैक्‍ट्री पकडी गई, जिसमें लीवर से संबंधित दवाइयां बनाई जा रही थी। मंगलवार की तरह यहां भी मीडियाकर्मियों को दौडा दौडा कर पीटा गया। दो दिन में दो बार लोकतंत्र के चौथे स्‍तंभ पर हमला और पुलिस-प्रशासन का रुख शासन की मंशा को साफ स्‍पष्‍ट करता है। मंगलवार को जब मीडियाकर्मियों, राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं गिरफतारी की मांग कर रहे थे, तो वहां पहुंचे एसपी सिटी प्रबलप्रताप सिंह की मुखमुद्रा देखने लायक ही थी। उनको देखकर लग रहा था कि अभी बेटे के नामकरण संस्‍कार से निकल कर ही आ रहे हो। प्रशासन का ऐसा रुख निंदनीय है।

  7. Rakesh bhartiya

    April 7, 2010 at 12:42 pm

    shem-shem!!!!doshiyno key virud sakt sey sakat karywai honi chaiyey

  8. vikram srivastava

    April 7, 2010 at 6:27 am

    Dehradun me bhi ishi tarh ghatna hui thi jisme roadways karchario ne bandhak bana kar paterkaro ko pita tha. dehradun ke sbhi paterkar appke sath hai .

  9. BANA LAL SINGH RAJPUT

    April 7, 2010 at 7:48 am

    ab yahi din aur dekhane ka rah gaya tha. is ghatna se kuch sabak lekar ab to ek hokar pure media ko awaj uthana chahiye. varna gariv ki logai ki tarah koi bhi mediakarmiyo ke samman ko thes puhucha ne me jara bhi sankoch nahi karega. jago media jago. atyachar sahan karna bhi atyachar karne ke barabar mana jata hai.

  10. chandan

    April 7, 2010 at 8:29 am

    Media kermiyon per hue humle ki jitni ninda ki jayi utni kum hai.. humla kerne wale logon ke kilaf police ko sakt se sakt karwayi kerni chhaiye..

  11. chandan

    April 7, 2010 at 8:34 am

    Media kermiyon per hue humle ki jitni ninda ki jayi utni kum hai.. humla kerne wale logon ke kilaf police ko sakt se sakt karwayi kerni chhaiye..

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