कैश के बिना काम भी नहीं चलता और कैश एक मुसीबत भी है। आपके पास चाहे कितना भी कैश हो, आप मकान रजिस्ट्री नहीं करा सकते हैं, विदेश में पढ़ने के लिए फीस नहीं अदा कर सकते हैं, पंच सितारा हॉस्पिटल में इलाज नहीं करा सकते हैं। पैन नंबर नहीं हो तो बैंक वाले कैश से ड्राफ्ट बनाने से मना कर देते हैं। पर जमीन या मकान बेचने जाएं तो आधा पैसा कैश में भुगतान किया जाता है। गांव का खेत बेचिए तो पूरा का पूरा कैश में ही लेना पड़ता है। इस बीच यदि इनकम टैक्स विभाग की नजर आपके कैश पर पड़ गई तो खोप सहित कबूतराय नम:। सारा का सारा पैसा टैक्स पैनल्टी और इंटेरेस्ट के नाम पर जब्त कर लिया जाएगा। तो कैश का आखिर करें क्या? दुनिया भर के लोग कैश कैसे मैनेज कर रहे हैं और आपको कैसे करना चाहिए- इन सभी मसलों पर तकसील से चर्चा की गई है ‘मनी मंत्र’ पत्रिका की कवर स्टोरी में। ‘मनी मंत्र’ का नया अंक बुक स्टॉल पर आ चुका है। इसके हर लेख में कुछ न कुछ नया है। इस पत्रिका की कवर स्टोरी है- उफ! ये कैश
यदि आप कमेडिटी में निवेश के जरिए मालामाल होने की योजना बना रहे है तो जरा संभलिए। कमोडिटी बाजार में जितनी तेजी से पैसा बढ़ता है उससे भी अधिक तेजी से पैसा डूबता है। कमोडिटी मार्केट के इस खतरनाक खेल को समझने के लिए पढ़िए कमोडिटी में कमाई भी मोटी और गंवाई भी। बैंक आपसे तमाम तरह के हर्जाने वसूलता है। कभी मिनिमम बैलेंस के नाम पर तो कभी चेक बाउंस होने के नाम पर। कई बार ऐसा होता है कि बैंक अपनी सेवाएं ढंग से नहीं दे पाते है, ऐसी दशा में आप भी बैंक से हर्जाना वसूल सकते है। पर वसूलें कैसे, बैंक से हर्जाना वसूलना तो बेहद कठिन होगा। जी नहीं, बैंकों से हर्जाना वसूलना कोई कठिन काम नहीं है। मशहूर कंज्यूमर एक्टिविस्ट पुष्पा गिरिमाजी ने अपने स्तंभ में बताया है कि बैंकों की नकेल कैसे कसी जा सकती है। तो देर किस बात की, पढ़िए और हावी हो जाइए बैंकों पर।
मॉनसून और बाढ़ का चोली दामन का रिश्ता है। मॉनसून आने से पहले आप घर की मरम्मत कराते हैं, सरकार नाले की सफाई करवाती है। पर बाढ़ आने पर सारे सरंजाम धरे के धरे रह जाते हैं। यदि आप थोड़ी सी मशक्कत करके बाढ़ का बीमा करा लें तो बीमा कंपनियां आपके नुकसान की भरपाई करेंगी। बाढ़ का बीमा कराने की प्रक्रिया को विस्तार से जानने के लिए पढ़िए मनी मंत्र का लेख ताकि आप बाढ़ में डूबने से बच सकें। इस अंक में किसानों को फसल का बीमा कराने की विधि भी बताई गई है। किसी समारोह में जाएं और सबके आकर्षण का केंद्र न बनें तो जाने का क्या फायदा? पर आकर्षण का केद्र बनने के लिए महंगी पोशाक और आभूषण भी तो चाहिए। आपकी इस मुश्किल का जवाब है ‘मनी मंत्र’ के पास। दिल्ली में कई ऐसे व्यापारिक संस्थान हैं जो किराए पर पोशाक और आभूषण देते है। इनके नाम पते के साथ-साथ किराए पर लेते वक्त बरती जाने वाली सावधानियों का भी जिक्र है किराए पर लीजिए ‘आभूषण’ नामक लेख में।
‘मनी मंत्र’ पत्रिका आपको बाजार की चाल के बारे में एडवांस में बता देती है। इसके लिए न केवल तकनीकी विश्रेषकों का व्यू-प्वाइंट लिया जाता है बल्कि शेयर बाजार की भविष्यवाणी करने वाले दे मशहूर ज्योतिर्विदों- पंडित जयगोविंद शास्त्री और पंडित धर्मेश जोशी के आकलन भी दिए जाते है। जयगोविंद शास्त्री जी दैनिक आधार पर शेयर बाजार की चाल का आकलन पेश करते है। आप आजमा कर देखिए, हैरत में पड़ जाएगे। पंडित धर्मेश जोशी तो पंद्रह दिन पहले ही शेयर बाजार के मूवमेंट का ग्राफ तक बना डालते हैं। इनका ग्राफ मनी मंत्र में नियमित आधार पर छापा जाता है। आप इसे शेयर बाजार के मूवमेंट से मिल कर देखिए। यदि आप और अधिक जानकारी चाहते हैं तो मनी मंत्र कार्यालय से भी संपर्क कर सकते है।
मनी मंत्र के फुरसत सेक्शन में इस बार है गिफ्ट को पर्सनल बनाने के नुस्खों का ब्योरा। छोटे से छोटे गिफ्ट को इस तरह पर्सनलाइज किया जा सकता है कि पाने वाला उसे इस्तेमाल करने को विवश हो जाए। इसके अलावा धन की विभिन्न गतियों पर विमर्श किया है लाइफस्टाइल गुरू विजय अग्रवाल ने। यदि आपको महंगी घड़ी का शौक है तो लखटकिया समय आपके लिए सेल्स मैन की भूमिका अदा करेगी।
‘मनी मंत्र’ में इसके अलावा भी है बहुत कुछ। 84 पृष्ठ की इस पत्रिका में आमदनी बढ़ाने, बचत करने और निवेश के जरिए मुनाफा कमाने के तमाम गुणों का बखान है। (प्रेस रिलीज)