शिवसेना ने हमले की जिम्मेदारी ली : शिव सेना ने आईबीएन के आफिसों पर हमले की जिम्मेदारी ले ली है। इस बीच, टीवी न्यूज चैनलों के संपादकों की संस्था ब्राडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन ने मुंबई और पुणे में आईबीएन-लोकमत आफिसों पर हमले की कड़ी निंदा की है। संस्था के प्रेसीडेंट शाजी जमान (एडिटर, स्टार न्यूज) और महासचिव एनके सिंह (एडिटर, ईटीवी) ने एक विज्ञप्ति जारी कर इस हमले को अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया है। पूरी विज्ञप्ति इस प्रकार है-
BEA condemns attack on IBN-Lokmat office
New Delhi, 20 November : Broadcast Editors’ Association condemns the attack on IBN-Lokmat office. BEA, the body of television editors, said, this is an attack on freedom of expression. It is the handiwork of elements who want to undermine the role of pen, microphone and camera. Such attacks go against the basic tenets of democracy and need to be condemned in harshest possible terms. BEA demands a thorough probe and action against the wrong-doers. Press Release
किसने क्या कहा–
ये शिवसेना की गुंडागर्दी है। इस घटना से साबित होता है कि इस पार्टी का लोकतांत्रिक व्यवस्था में यकीन नहीं है। ये प्रदेश सरकार की विफलता है।
ऐसा माहौल समाज में पैदा नहीं होना चाहिए जहां ऐसी ताकतों को किसी तरह की इज्जत या जगह मिले। ये जनता की आवाज पर हमला है।
-शाजी जमां, स्टार न्यूज के न्यूज डायरेक्टर
ये सिर्फ आईबीएन7 पर नहीं बल्कि पूरे मीडिया पर हमला है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। ऐसे संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
देश के लिए ये शर्मनाक है। एक तरफ हम सूचना की क्रांति की बात कर रहे हैं दूसरी ओर ये गुंडे इस तरह तोड़फोड़ कर रहे हैं। ये मीडिया के लिए काला दिन है। अगर ये साबित हो जाता है कि ये शिवसेना के लोग हैं तो चुनाव आयोग को इनपर कार्रवाई करनी चाहिए।
-पंकज पचौरी, मैनेजिंग एडिटर एनडीटीवी
ये दुख की बात है कि कई बार पुलिस आती है। लोगों को पकड़ती है लेकिन आज तक सजा किसी को नहीं मिली। मेरी इतनी उम्मीद है सरकार इसपर कार्रवाई करेगी।
मैं इसे लोकतंत्र के खिलाफ हमला मानता हूं। बाल ठाकरे, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे जैसे लोगों पर टाडा लगना चाहिए। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, और बिहार में अराजकता के बीच भी कभी ऐसे हमले नहीं हुए जैसे मुंबई जैसे शहर में हुए हैं।
-आलोक मेहता, नई दुनिया के संपादक