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टीवी संपादकों को गिरिजा व्यास ने दिए सुझाव

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा गिरिजा व्यास से आज टीवी के दिग्गजों ने मुलाकात की, ब्राडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन (बीईए) और न्यूज ब्राडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) के बैनर तले. गिरिजा व्यास ने दो-तीन सुझाव संपादकों को दिए. इसमें महिलाओं से जुड़े कानून के बारे में लोगों को एजुकेट व अवेयर करना और ‘आनर किलिंग’ शब्द के इस्तेमाल से परहेज करना. गिरिजा व्यास का कहना था कि ‘आनर किलिंग’ शब्द से हत्यारोपियों का महिमामंडन होता लगता है. बैठक के बाद बीईए और एनबीए की तरफ से जो प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई, वो इस प्रकार है…

<p style="text-align: justify;">राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा गिरिजा व्यास से आज टीवी के दिग्गजों ने मुलाकात की, ब्राडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन (बीईए) और न्यूज ब्राडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) के बैनर तले. गिरिजा व्यास ने दो-तीन सुझाव संपादकों को दिए. इसमें महिलाओं से जुड़े कानून के बारे में लोगों को एजुकेट व अवेयर करना और 'आनर किलिंग' शब्द के इस्तेमाल से परहेज करना. गिरिजा व्यास का कहना था कि 'आनर किलिंग' शब्द से हत्यारोपियों का महिमामंडन होता लगता है. बैठक के बाद बीईए और एनबीए की तरफ से जो प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई, वो इस प्रकार है...</p>

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा गिरिजा व्यास से आज टीवी के दिग्गजों ने मुलाकात की, ब्राडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन (बीईए) और न्यूज ब्राडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) के बैनर तले. गिरिजा व्यास ने दो-तीन सुझाव संपादकों को दिए. इसमें महिलाओं से जुड़े कानून के बारे में लोगों को एजुकेट व अवेयर करना और ‘आनर किलिंग’ शब्द के इस्तेमाल से परहेज करना. गिरिजा व्यास का कहना था कि ‘आनर किलिंग’ शब्द से हत्यारोपियों का महिमामंडन होता लगता है. बैठक के बाद बीईए और एनबीए की तरफ से जो प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई, वो इस प्रकार है…

The Chairperson of the National Commission of Women,  Ms. Girija Vyas lauded the efforts of  electronic news media  towards self –regulation as she strongly felt that self-regulation was the only way to make media more purposeful.

With a view to interacting with leaders of various institutions, the Broadcast Editors’ Association (BEA) and News Broadcasters Association (NBA) jointly held a discussion with the National Commission for Women (NCW) on Wednesday, at the behest of the latter.

Ms. Vyas  appreciated  the  role  of the two bodies  and suggested that media should also educate the masses about the laws so that the victims could seek legal recourse. The two broadcast media organizations readily agreed to  this suggestion.

NBA and BEA also welcomed another suggestion from the Chairperson that a joint interaction with other statutory bodies like the National Human Rights Commssion (NHRC) and the Law Commission should be held in near future  for a better understanding of emerging social issues.

The Chairperson also drew the attention of the editors towards use of phrase “honor killing” which is in the vogue. Her contention was that, inadvertently though, the use of this phrase glorified the killers.

NBA  Secretary General  Annie Joseph  and BEA  President Shazi Zaman assured the NCW chief that media would remain alive to the cause of women. BEA General Secretary N K Singh said ,  as the question of killings of women marrying out of their caste or  gotra was more a product of parochial thinking, a right social messaging hand in hand with stringent laws will work as an effective deterrent.
BEA executive members and editors  who spoke on the occasion were Milind Khandekar, Satish K Singh, Deepak Chaurasia, Vinod Kapri, Prabal Pratap Singh, Sanjay Bragta and Vasindra Mishra.

Shazi Zaman, President

N K Singh, General Secretary

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Broadcast Editor’ Association (BEA)

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0 Comments

  1. seema

    June 23, 2010 at 7:48 pm

    girja ji is right…..ban word honor killing for tvnews……it can be called attack on fundamental right……as our constitution give us right to chose religion and choising life partner is personal choice……..take action before it became modi’s and varun’s new agenda

  2. govind goyal,sriganganagar

    June 24, 2010 at 1:30 am

    —- चुटकी—-

    बस !
    ओनर किलिंग
    मत करो यारो,
    वैसे चाहो
    जिसको मारो।

  3. satya prakash

    June 24, 2010 at 5:01 am

    .BEA ने सायमा के मसले पर क्या किया है आजतक ..महिलाएं आपके मीडिया हाउस में ज्यदा असुरक्षित होती जा रही हैं

  4. shreee

    June 24, 2010 at 6:40 am

    Even I suggest to not use phrases like ” Fidayeen” for terrorists and ” Yuvraj ” for Rahul Gandhi….this shows we the media people are still suffering from ” Raje -rajwade” syndrome.

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