पिछले दिनों एनसीआर टुडे नामक एक अखबार लांच किया गया था पर इस अखबार में काम करने वाले आजकल सेलरी के लिए परेशान हैं. एनसीआर टुडे लांच किया था संजय शर्मा और टिल्लन रिछारिया ने. सेलरी न मिलने से नाराज होकर करीब आधा दर्जन रिपोर्टरों-सब एडिटरों ने एनसीआर टुडे के आफिस के बाहर धरना दिया, रोड जाम किया और नारेबाजी की. आंदोलनकारी पत्रकारों ने बताया कि हम छह लोगों ने दो महीने तक काम किया. ज्वायनिंग के समय सभी लोगों को न्यूजपेपर आईकार्ड, पांच हजार रुपये सेलरी, 1300 रुपये इनसेंटिव देने का वादा किया गया. गाजियाबाद स्थित एनसीआर टुडे के आफिस में ये लोग जाते रहे और काम करते रहे.
एक महीने तक काम करवाने के बाद कहा गया कि अभी मार्केट में अखबार लांच नहीं हुआ है इसलिए पैसे अगले महीने मिलेंगे. अगला महीना पूरे होने के पहले इन छह लोगों को निकाल दिया गया. इनकी जगह नए लड़कों को रखा गया. निकाले गए लोगों से कहा गया कि आप लोगों का काम ठीक नहीं था. इन लोगों ने दो महीने की सेलरी मांगी तो आश्वासन मिलता रहा पर सेलरी नहीं मिली. हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर टाला जाता रहा. आजिज आकर इन छह रिपोर्टरों-सब एडिटरों ने आंदोलन का फैसला किया और सड़क जाम कर दिया. पोस्टर लगाकर इन लोगों ने नारेबाजी भी की. आंदोलन करने वाले पत्रकारों के नाम हैं निरंजन दुबे, दीनबंधु सिंह, नीलम, रितिका, अमिताभ भारती और खुशबू. एनसीआर टुडे के एडिटर इन चीफ संजय शर्मा हैं और मैनेजिंग डायरेक्टर टिल्लन रिछारिया हैं.
Avinash
January 19, 2010 at 4:31 pm
yeh log naye patrakaro ke saath achcha nahi kiya.
Jitender Bhati
January 20, 2010 at 6:56 am
जब ओकात न हो तो मीडिया मैं आते ही क्यूँ हैं?
rajesh
January 22, 2010 at 5:15 pm
sab log news paper nahi chala sakta hai. yeh log aise hi naye log ko murkh banate hai…
vikram
January 22, 2010 at 5:21 pm
yeh log paisa banae aate hai aur naye logon ke saath bhadda mazak karte hai…