‘आईबीएन-लोकमत’ में छंटनी के लिए हरी झंडी का इंतजार : ‘सीएनएन-आईबीएन’ और ‘आईबीएन7’ में भी री-स्ट्रक्चरिंग संभव : अभी स्टाफ शिवसेना के हमले से उबरा नहीं है कि एक और हमले की चेतावनी इस चैनल के मीडियाकर्मियों तक कानोंकान पहुंच रही है। यह हमला कोई और नहीं बल्कि खुद प्रबंधन ही अपने लोगों पर करने जा रहा है। शिवसेना वालों ने तो सिर्फ कपड़े फाड़े थे और वार किया भी था तो बिलकुल सामने से लेकिन प्रबंधन गुपचुप ढंग से और पेट पर लात मारने जा रहा है। शिवसेना के हमले के खिलाफ पूरे देश में त्राहिमाम मच गया लेकिन प्रबंधन जब अपने मीडियाकर्मियों पर हमले कर रहा है तो कहीं से कोई आवाज नहीं आ रही है।
सूत्रों के मुताबिक टीवी18 के दो बिजनेस चैनलों में भारी-भरकम छंटनी के बाद पेट पर लात मारने के अभियान के दायरे में मराठी न्यूज चैनल आईबीएन-लोकमत भी आ चुका है। करीब 100 कर्मियों की छंटनी की तैयारी है। इनके चेक बनाने को एकाउंट में कह दिया गया। शिवसेना के हमले के बाद इस चैनल से छंटनी को फिलहाल कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया। सूत्रों के मुताबिक एकाउंट डिपार्टमेंट नोटिस पीरियड का चेक बनाकर रेडी कर चुका है। प्रबंधन की तरफ से हरी झंडी मिलते ही एचआर डिपार्टमेंट मीडियाकर्मियों को एक-एक कर या ग्रुप में, ‘हलाल’ करना शुरू कर देगा।
सूत्र बताते हैं कि छंटनी की यह आंधी ‘आईबीएन-लोकमत’ तक जाकर ही नहीं रुकेगी। इसका विस्तार ‘आईबीएन7’ और ‘सीएनएन-आईबीएन’ तक होने वाला है। सूत्र बताते हैं कि री-स्ट्रक्चरिंग का जो तर्क टीवी18 के हिंदी-अंग्रेजी बिजनेस चैनलों के लिए दिया गया, वही तर्क ‘सीएनएन-आईबीएन’ और ‘आईबीएन7’ पर भी लागू होता है। इन दोनों चैनलों का संचालन फिलहाल स्वतंत्र रूप से और अलग-अलग टीमों द्वारा होता है। प्रबंधन इन दोनों न्यूज चैनलों के लिए कई व्यवस्थाएं कामन करने की सलाह पर निर्णय ले चुका है। अब बात केवल वक्त की है।
शिवसेना के हमले से सकते में आया यह ग्रुप आंतरिक अशांति को यथासंभव टालना चाहता है लेकिन इस हाउस में काम कर रहे मीडियाकर्मियों के बारे में बस इतना ही कहा जा सकता है कि ‘बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी’! आज नहीं तो कल, जाना तो पड़ेगा ही। और, कोई साथ देने नहीं आने वाला है। छंटनी के शिकार दूसरों चैनलों के टीवी जर्नलिस्टों के दुखों से अभी तक अनभिज्ञ और इस सब उथल-पुथल से खुद को दूर होने का दिखावा करने वाले इन टीवी जर्नलिस्टों को उनके दुख में कोई उनके साथ खड़ा मिलेगा, कह पाना बहुत मुश्किल है।