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वेब-सिनेमा

न्यू मीडिया के कारवां में आवेश भी शामिल

: लांच किया नेटवर्क6 डाट इन : कहा जाता है कि सक्रिय ब्लागिंग की उम्र छह महीने होती है. कोई इसे साल भर तक खींच ले जाता है. फिर यदा-कदा लिखने लगता है अपने ब्लाग पर. पर कुछ ऐसे ब्लागर भी होते हैं जो ब्लागिंग से वेब का क ख ग घ सीख कर पोर्टल की तरफ छलांग लगा देते हैं. बावजूद इसके, हिंदी में ब्लागिंग व पोर्टल आर्थिक रूप से फायदे का सौदा कतई नहीं है, कई जर्नलिस्ट जो ब्लागर भी हैं, दनादन पोर्टल लांच कर रहे हैं. जर्नलिस्टों के साथ एक प्लस प्वाइंट ये जुड़ा है कि वे अपने संपर्क-संबंध के जरिए कई बार कुछ एक विज्ञापन जुटा कर पोर्टल के समुचित संचालन भर पैसे जुटा लेते हैं. लेकिन सबसे खास बात यह है कि नई जनरेशन के जर्नलिस्टों का परंपरागत मीडिया से तेजी से मोहभंग होने के साथ-साथ न्यू मीडिया के प्रति असीम प्यार का भाव पैदा हुआ है.

: लांच किया नेटवर्क6 डाट इन : कहा जाता है कि सक्रिय ब्लागिंग की उम्र छह महीने होती है. कोई इसे साल भर तक खींच ले जाता है. फिर यदा-कदा लिखने लगता है अपने ब्लाग पर. पर कुछ ऐसे ब्लागर भी होते हैं जो ब्लागिंग से वेब का क ख ग घ सीख कर पोर्टल की तरफ छलांग लगा देते हैं. बावजूद इसके, हिंदी में ब्लागिंग व पोर्टल आर्थिक रूप से फायदे का सौदा कतई नहीं है, कई जर्नलिस्ट जो ब्लागर भी हैं, दनादन पोर्टल लांच कर रहे हैं. जर्नलिस्टों के साथ एक प्लस प्वाइंट ये जुड़ा है कि वे अपने संपर्क-संबंध के जरिए कई बार कुछ एक विज्ञापन जुटा कर पोर्टल के समुचित संचालन भर पैसे जुटा लेते हैं. लेकिन सबसे खास बात यह है कि नई जनरेशन के जर्नलिस्टों का परंपरागत मीडिया से तेजी से मोहभंग होने के साथ-साथ न्यू मीडिया के प्रति असीम प्यार का भाव पैदा हुआ है.

खासकर उन जर्नलिस्टों के मन में जो परंपरागत मीडिया के धंधेपानी और राखी सावंती टाइप पत्रकारिता में खुद को फिट नहीं पाते और असहज महसूस करते हैं. कुछ नया करने को सोचते-विचारते रहते हैं, न्यू मीडिया वरदान की तरह सामने आया है. कई लोग तो घर खर्च चलाने के लिए कुछ और काम करते हैं और मिशनरी पत्रकारिता के लिए न्यू मीडिया को माध्यम बनाते हैं. कह सकते हैं न्यू मीडिया के जरिए फिर वह दौर लौट आया है कि कमाई-धमाई किसी और धंधे से, पत्रकारिता का पवित्र काम पूरी ईमानदारी से. ऐसी स्थिति में खबर के उन ठेकेदारों की पोल खुलनी ही है जो परंपरागत मीडिया में खबरें छापने और न छापने को लेकर बड़ी बड़ी सौदेबाजियां किया करते हैं. उन मालिकों के चेहरे से नकाब उठना ही है जो मीडिया की ताकत के बल पर काले धन के कुबेर बने बैठे हैं.

इसी क्रम में सक्रिय ब्लाग, उत्साही वेब राइटर और हिंदी जर्नलिस्ट आवेश तिवारी ने अपना एक न्यूज पोर्टल लांच किया है, ‘नेटवर्क6’ नाम से. नेटवर्क6 उन्होंने क्या सोच कर रखा, ये तो वही जानें लेकिन इस नाम से कहीं न कहीं नेटवर्क18 की बू आती है. खैर, उम्मीद करते हैं कि आवेश अपने कंटेंट के जरिए नेटवर्क6 को नाम की बजाय काम से याद करने लायक बनाएंगे.

आवेश इस पोर्टल के बारे में भड़ास4मीडिया को बताते हैं- ”सिर्फ हिंदुस्तान के ही नहीं, दुनिया के तमाम मुल्कों के आवेश तिवारीगुमनाम, अनाम पत्रकारों की वैचारिक साझेदारी का मंच बनेगा नेटवर्क6. www.network6.in नाम से ऑनलाइन हो चुके पोर्टल पर न आप सिर्फ ताजातरीन ख़बरें पढ़ सकते हैं बल्कि इंटरनेट रेडियो के माध्यम से दुनिया के अलग अलग-अलग हिस्सों में बैठे लगभग 35 उदघोषकों से ताजा ख़बरें सुन भी सकते हैं. अपने प्रयास को सफल बनाने के लिए नेटवर्क ने दुनिया भर में अपने संवाददाता नियुक्त किये हैं. ये वो लोग हैं जो कहीं से भी व्यावसायिक पत्रकारिता से नहीं जुड़े हैं.”

आवेश आगे बताते हैं- ”हम जल्द ही किसी भी टेलीविजन चैनल या अन्य किसी माध्यम से पहले खबर पहुँचाने में सफल होंगे, इसके लिए नेटवर्क6  की टीम दिन रात मेहनत कर रही हैं. नेटवर्क6  का विश्वास लीक से अलग हटकर पत्रकारिता करने में है, वैचारिक  बहसबाजी से ज्यादा सरोकार और समझ को प्रमुखता दिया जाना नेटवर्क की कार्यशैली का हिस्सा है. हिंदुस्तान में दूर दराज के ग्रामीण आदिवासी अंचलों के पत्रकार नेटवर्क के सबसे मजबूत स्तम्भ हैं जो हर पल ख़बरों पर बेहतरीन काम कर रहे हैं. नेटवर्क ने फिलहाल अपना पूरा ध्यान ख़बरों की गंभीरता को बनाये रखने और अलग अलग क्षेत्रों से जुडी स्टोरीज पर केन्द्रित कर रखा है. अगले हफ्ते से अलग अलग विषयों पर रेडियो रूपक भी प्रसारित किये जाने की बात है. जो भी पत्रकार इंटरनेट पत्रकारिता में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं उनके लिए नेटवर्क6 एक बड़ा मंच साबित हो सकता है. साथ ही जो लोग अंशकालिक तौर पर ये काम करना चाहते हैं, नेटवर्क6 उनका भी स्वागत करता है.”

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0 Comments

  1. Mahendra Agrawal

    August 21, 2010 at 2:29 pm

    awesh ko meri hardik subhkamnayai. agar khabar ko khabar ki hi tarah rakhy to thik hai. khabro ke sath koi samjhoita nahi hona chahia. u hi zela mai sahi patrakar nahi hai

  2. rajendra k. gautam

    August 21, 2010 at 3:06 pm

    dear friend avesh. it is great effort by u. u will make a niche in our society. as every body know who will run opposit direction. my best wihes with u.
    rajendra k. gautam
    spcecial correspondent
    daily news activist

  3. utkarsh

    August 21, 2010 at 3:06 pm

    badhai ho awesh ji, nai shuruat ke liye…. aapka naam hi aawesh hai ..ise banaye rakhiye…. jald hi likhunga

  4. yogesh tripathi lko

    August 21, 2010 at 4:09 pm

    sir bhadhai ho………………………….

  5. Pankaj Jha.

    August 21, 2010 at 5:56 pm

    avessh ji ko ashesh shubhkamna……!

  6. Arun Sathi

    August 22, 2010 at 4:21 am

    सफ़लता की शुरूआत यहीं से होती है. बधाई.

  7. ajay singh

    August 22, 2010 at 7:00 am

    avesh ke anadr bahut urjaa hai… jisako..network 6 ke roop me sahi pletform milaa hai…yaa yoon kahe ki ye usi urjaa ka beej hai…..jo nischit roop se sarokaar ki patrakaritaa karne walon ke liye ek vat vriksh ki tarah badhegaa

  8. satyendra bharill. guna m.p.

    August 27, 2010 at 7:03 am

    🙂 dhyey accha ho to manjil jarur milti hai. new media me ek sarthak shuruaat k liye me or se hardik badhai mitra.

  9. kumar harsh

    August 27, 2010 at 2:17 pm

    badhai ho awesh aur shubhkamnayen.

  10. palash singh

    August 28, 2010 at 10:02 am

    महोदय यशवंत जी,
    आपने 21 अगस्त को नेटवर्क 6 के बारे में लिखा ,लोगों ने शुभकामनायें भी दी , नेटवर्क 6 की हौसलाअफजाई भी की।बहुत अच्ठा।
    इसी तरन्नुम में एक और न्यूज पोर्टल है जो शायद आपकी निगााहों से बचा हुआ है,या यूं कहें कि उसे अपने लिए किसी प्रचार की जरूरत ही नहीं पड़ी, वह जिनके लिए लिखता है वो धन्ना सेठ नहीं आामजन होते हैं ।
    एक खुबी और है इस पोर्टल की कि जितनी बेबाकी से प्रशासन के खिलाफ लिखता है उतना ही नेता और धन्नासेठों की पोल खोलने किए प्रसि़द्ध है। मगर नेटवर्क 6 से भी एक कदम आगे की सोच रखने वाला ये न्यूजपोर्टल है….लीजेण्डन्यूज.इन।
    ये तो शायद ही किसी को पता हो कि इसने पूरे 12 वर्ष तक कृष्ण की पावन नगरी ‘मथुरा’ से ईवनिंग डेली निकाला और अपनी खबरों के दम पर प्रशासन की नाक में दम करके रखा।इसी के चलतेे स्थानीय पत्रकारों की डग्गेमारी व छीछालेदरी प्रवृत्ति से भी बराबर लोहा लिया। इसीलिए ज्यादातर मीडियाकर्मी जो कि मूलतः पत्रकार नहीं थे लीजेण्ड न्यूज को धराशायी करने के लिए जुटे रहे मगर जज््रबा तो देखिये कि लीजेण्ड की टीम ने एक नहीं दस कदम आगे रखते हुये एक साल पहले ही सीधे वेब वर्ल्ड में प्रवेश कर लिया और इस तरह लीजेण्ड न्यूज एक पोर्टल के रूप में हमें और भी तेजी से चमकता हुआ दिखा।
    चूंकि मेरा कार्यक्षेत्र कभी भी मीडिया नहीं रहा शायद इसीलिए मैं पारदर्शी तौर पर इतना कुछ जान पाया। लीजेण्ड की टीम में से कुछ एक को जानता हूं इसीलिए इतनी बेबाकी से बता सका ,हालांकि ऐसे लोगों की अब भी कमी नहीं है जो लीजेण्ड से ईर्ष्या रखते हैं खासकर मीडियाकर्मी । फिर भी लीजेण्ड ने जैसे इवनिंग डेली को एक मुकाम दिया आशा है उसका वेब पोर्टल भी लोगों को अपनी निर्भीक शैली से परिचित कराता रहेगा।
    आप चाहें तो इसे भी देख सकते हैं। पलाश सिंह,मथुरा

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