अरुप चटर्जी और प्रेम शंकरन के यहां भी पड़े छापे : मधु कोड़ा एंड कंपनी के भ्रष्टाचार में मीडिया के लोग भी शामिल हैं। इसके संकेत कल पड़े देशव्यापी छापे से मिले हैं। ये छापे मीडिया के लोगों के यहां भी पड़े। फिलहाल दो नामों के बारे में जानकारी मिली है। इनमें एक हैं अरुप चटर्जी और दूसरे प्रेम शंकरन। प्रेम शंकरन दैनिक अखबार सन्मार्ग, रांची के डायरेक्टर हैं। प्रेम शंकरन के घर, सन्मार्ग आफिस और होटल पर एक साथ छापे पड़े। इन छापों में क्या मिला, इसकी जानकारी नहीं हो पाई है। उधर, ‘न्यूज 11’ नामक एक रीजनल न्यूज चैनल रांची से लांच करने में जुटे पत्रकार से प्रबंध निदेशक बने अरुप चटर्जी के घर-दफ्तर पर भी छापे पड़े हैं। इन छापों के बाद ‘न्यूज 11’ का प्रोजेक्ट विवादों में पड़ गया है। सूत्रों का कहना है कि धनबाद का एक सामान्य पत्रकार, जो कभी साइकिल से चलता था और स्ट्रिंगर के रूप में कार्यरत था, देखते ही देखते बेहिसाब संपत्ति का मालिक बन बैठा और तरह-तरह की नई गाड़ियों से चलने लगा। अरुप को मधु कोड़ा के खासमखास विनोद सिन्हा का करीबी माना जाता है।
सूत्रों के मुताबतिक अरुप ने मधु कोड़ा और अर्जुन मुंडा के मुख्यमंत्रित्व काल में सत्ता से बेहतर रिश्ते बनाकर काफी कुछ वारा-न्यारा किया। सहारा समय के रांची ब्यूरो चीफ पद से हटाए जाने के बाद अरुप ने कोड़ा के करीबियों को साधते हुए न्यूज चैनल लांच करने की योजना तैयार कर इसके फायदे समझाए। अरबों-खरबों में खेलने वाले कोड़ा के करीबियों के लिए न्यूज चैनल पर करोड़ों रुपये लगाना बाएं हाथ का खेल था, सो इन लोगों ने अरुप को आगे कर न्यूज चैनल लाने की योजना पर काम करने को मंजूरी दे दी। इसके बाद प्रणामी कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी का गठन किया गया और अरुप को इसका मैनेजिंग डायरेक्टर बना दिया गया। चैनल का नाम भी तय कर दिया गया, ‘न्यूज 11’। अरुप ने ढेर सारे पत्रकारों को अच्छे पैसे पर नियुक्त करना शुरू कर दिया। अभी कल ही प्रभात खबर के देवघर संस्करण के स्थानीय संपादक सुशील भारती ने न्यूज 11 ज्वाइन करने के लिए प्रभात खबर से इस्तीफा दिया।
सूत्रों का कहना है कि सुशील भारती ही अरुप चटर्जी को धनबाद में पत्रकारिता में लेकर आए थे इसलिए अरुप अब सुशील को उपकृत करते हुए अच्छे पैकेज पर ‘न्यूज 11’ का ग्रुप एडिटर बनाकर ला रहा है। इससे पहले मधु शील जैसे लोग भी साधना छोड़कर ‘न्यूज 11’ के हिस्से बन चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक अरुप चटर्जी की मंशा थी कि झारखंड चुनावों से ठीक पहले न्यूज चैनल लांच कर और पैसे के बल पर इसका डिस्ट्रीब्यूशन ठीक कर न सिर्फ चुनावों में अच्छा बिजनेस किया जाए बल्कि चुनाव बाद प्रदेश में बनने वाली सरकार पर भी दबदबा बनाए रखा जाए। पर अरुप के इन सारे सपनों पर पलीता लगता दिख रहा है। सबसे दुख की बात तो ये है कि अरुप के चक्कर में कई चैनलों व अखबारों के अच्छे मीडियाकर्मी भी अपनी-अपनी नौकरियां छोड़कर ‘न्यूज 11’ से जुड़ चुके हैं। अब जब यह पता चल रहा है कि ‘न्यूज 11’ और कुछ नहीं बल्कि कोड़ा एंड कंपनी की भ्रष्टाचार से बनाई गई रकम की ही एक पैदावार है तो इस चैनल से जुड़े मीडियाकर्मियों के पैरों तले से जमीन खिसकती नजर आ रही है। सूत्रों का कहना है कि इस चैनल से जुड़े व जुड़ रहे लोगों का भी वही हश्र हो सकता है जो वायस आफ इंडिया समेत कई उन नए चैनलों से जुड़े लोगों का हुआ जो सिर्फ पैसे के लालच में प्रतिष्ठित ब्रांडों की नौकरी छोड़कर चले आए और बाद में न घर के रहे न घाट के। सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग की टीम जल्द ही इन छापों में मिले दस्तावेजों के बारे में खुलासा करेगी।
अगर आपको अरुप चटर्जी, प्रेम शंकरन, न्यूज 11, कोड़ा के भ्रष्टाचार में मीडिया की संलिप्तता आदि पर कुछ कहना है, इनके बारे में कोई नई जानकारी देनी है तो हमें मेल कर सकते हैं, आपकी पहचान को हर हाल में गुप्त रखा जाएगा, हमारी मेल आईडी है, [email protected]