नोएडा : माननीय कांशीराम प्रेस क्लब ट्रस्ट यहां प्रेस क्लब के निर्माण के अपने संकल्प को जल्दी ही मूर्त रूप प्रदान करेगा। ट्रस्ट ने प्रस्तावित क्लब के निर्माण के लिए भूमि हासिल कर ली है। यह जानकारी ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेन्द्र भाटी ने राष्ट्रीय पत्रकार कल्याण ट्रस्ट और यू.पी. वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन की संयुक्त बैठक में दी। श्री भाटी ने इस बात पर खेद जताया कि स्थानीय विकास प्राधिकरण ने प्रेस क्लब की उत्कट आवश्यकता को पूरा करने की लगातार उपेक्षा की है, जबकि पिछले दशक मे नोएडा प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया का राष्ट्रीय केन्द्र बन चुका है।
बैठक मे सर्वसम्मति से क्लब की संकल्पना और भवन निर्माण की रूपरेखा तय करने के लिये एक उपसमिति का गठन किया गया जिसमे धीरज कुमार भारद्वाज, अनिल गुप्ता, संजय शर्मा, हाकिम सिंह, विक्रम पहलवान, राजकुमार, रोहताश सिंह चौहान, विशाल आनंद तथा धीर सिंह शामिल हैं।
श्री भाटी ने बताया कि प्रेस क्लब के लिये गांव सपर्फाबाद निवासी करण यादव ‘पहलवान’ ने 200 गज भूमि दान स्वरूप प्रदान की है। यह भूमि सेक्टर-68 स्थित गांव गढ़ी चौखण्डी में है। उन्होंने यह भी कहा कि वस्तुतः प्रेस क्लब के निर्माण हेतु कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। बैठक की अध्यक्षता राजकुमार अग्रवाल ने की। इसमे ट्रस्ट के महामंत्री हाकिम सिंह, मनोज वत्स, धीरज कुमार, अकरम चौधरी, प्रवेश चौधरी, सावन गोयल, आर.वी. यादव, पवन राज, राजकुमार अग्रवाल, हेमेन्द्र सिंह, मुकेश चौधरी, सुरेश चौरसिया, विनोद तकियावाला, अमित कुमार सिंह, संजीव दूबे, एल.एम. तिवारी, धीर सिंह सैनी, मामराज तोमर और विनय राजपूत की उपस्थिति उल्लेखनीय थी।
Dhiraj Kumar 'Bhardwaj'
June 5, 2010 at 3:29 pm
priy bhati ji pahle to aapko bahut bahut is kadam ke lie badhai. mujhe khushi hai ki aap patrkaro ke hit ke lie hamesha prayasrat rahte hai. rashtriya patrkar kalyan trust ki apar saflata ke baad aap ke dwara kashiram press club ka gathan karna ek srahniy prayas raha. mujhe aasha hai aap bhavishya me isi tarh patrkaro ke hit ke lie kam karte rahenge. ham sabhi mdhya pradesh ke patrkar aapko tahe dil se is kadam ke lie dhanybad dete hai.
Dhiraj Kumar 'Bhardwaj'
June 5, 2010 at 3:32 pm
priy bhati ji pahle to aapko bahut bahut is kadam ke lie badhai. mujhe khushi hai ki aap patrkaro ke hit ke lie hamesha prayasrat rahte hai. rashtriya patrkar kalyan trust ki apar saflata ke baad aap ke dwara kashiram press club ka gathan karna ek srahniy prayas raha. mujhe aasha hai aap bhavishya me isi tarh patrkaro ke hit ke lie kam karte rahenge. ham sabhi mdhya pradesh ke patrkar aapko tahe dil se is kadam ke lie dhanybad dete hai.
sanjeev dubey
June 5, 2010 at 3:45 pm
priy bhati ji pahle to aapko bahut bahut is kadam ke lie badhai. mujhe khushi hai ki aap patrkaro ke hit ke lie hamesha prayasrat rahte hai. rashtriya patrkar kalyan trust ki apar saflata ke baad aap ke dwara kashiram press club ka gathan karna ek srahniy prayas raha. mujhe aasha hai aap bhavishya me isi tarh patrkaro ke hit ke lie kam karte rahenge. ham sabhi mdhya pradesh ke patrkar aapko tahe dil se is kadam ke lie dhanybad dete hai.
mukesh yadav
June 5, 2010 at 7:07 pm
चलो ठीक अब उन पत्रकारों का भला हो जाएगा जिन्हें सिर्फ दारू पीकर गांव, देहात और गरीबी की याद सताती है…अब टुन होकर बेचारे कम से कम देश हित में सोच सकेंगे
Dr Matsyendra Prabhakar
June 6, 2010 at 7:32 am
Badhai ho Bhai Narendra Bhati ji, NOIDA men yah kam to NOIDA Athority ya Zila Prashasan ko khud karna chahie tha, par prashasan ko LOKTANTRA ko mazboot karne ke kam men dilchaspi kahan aur kab hoti hai, bhadhai ke patra ‘PAHELVAN’ Karan Yadav ji bhi hain jinhon ne sadasayata se Press Club ke liye zmeen uplabdh karai hai. Abhi to main apne bayen pair ka ghutna tootne se LKO men hoon, vapas aane par mere layak koi sahyog ban saka to avashya karna chahoonga. Keep it up, May GOD bless you always.
नॉएडा के एक पत्रकार की पीड़ा
June 6, 2010 at 11:32 am
नकली पत्रकारों का नकली संगठन
प्रिय दोस्तों
ये वही पत्रकार हैं जो पत्रकारिता के पेशे को बदनाम करने के लिए पैदा हुए हैं, इन्हें न तो पत्रकारिता की एबीसीडी मालूम है और ना ही इन्हें पत्रकारिता के मूल्यों से कोई सरोकार है, इनके लिए तो पत्रकारिता सिर्फ एक दलाली का जरिया है, भाटी जी से कोई ये पूछे कि उनके संगठन में जो लोग जुड़े हैं उसमे से पत्रकार कितने हैं, क्या किसी नेशनल मीडिया का कोई पत्रकार उनके संगठन का सदस्य है? क्या किसी बड़े न्यूज़ पेपर का कोई साथी उनके साथ है, जैसे दैनिक जागरण, अमर उजाला, हिंदुस्तान, टाइमस ऑफ़ इंडिया, रास्ट्रीय सहारा, इंडियन एक्सप्रेस, नवभारत टाइमस , नई दुनिया या किसी चैनल का का कोई पत्रकार?? अगर नहीं तो ये कैसा प्रेस क्लब,,??
एक बात और भाटी जी खुद को जिस यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसीएसन का हिस्सा बता रहे हैं, उसकी भी सच्चाई जान लीजिये, यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसीएसन यानी उपजा की असली बॉडी से इनका दूर-दूर तक कोई वास्ता ही नहीं है, दरअसल बिजनोर के एक सज्जन (पत्रकार) को जब उपजा ने संगठन से बाहर कर दिया तो उन महाशय ने एक नकली संगठन बना लिया, उसी संगठन में नकली पत्रकारों को भी शामिल कर लिया, अब चोर-चोर मौसेरे भाई लगे है दलाली के धंधे में. अब इसके लिए कोई भी पत्रकार साथी इन्हें बधाई देना चाहे तो बिलकुल दे सकता है, धंधेबाज हैं तो उन्हें सारे हुनर मालूम हैं कि कैसे कांशीराम का नाम बेच कर पैसा कमाया जाये….तो उन्होंने नॉएडा प्रेस क्लब के साथ कांशीराम का नाम जोड़ दिया, उन्हें लगता है कि ऐसा करने से बहन जी बहुत खुश होंगी और शाबाशी देंगी, पर वे शायद ये भूल गए कि नॉएडा के अफसरों से उनकी कोई करतूत छिपी नहीं है, दान की जमीन लेने के पीछे का खेल क्या है, ये किसी से छिपा नहीं है, इन दलाल पत्रकारों ने पहलवान जी को समझाया है कि आप की आबादी की जमीन हम बचवा सकते हैं पर उसके लिए आप जमीन का एक हिस्सा प्रेस क्लब के नाम कर दो, पहलवान जी के लिए तो ये सौदा फायदे का था तो वो राजी हो गए, पर पहलवान जी को शायद ये नहीं मालूम कि नकली पत्रकारों से दोस्ती का खामियाजा उन्हें कितना महंगा पड़ेगा, खैर भाटी जी तुम लगे रहो अपना उल्लू साधने में…..
jagdish chandra
June 7, 2010 at 6:39 am
bhati g, aapko is sahsik prayas k liye meri taraf se hardik badhai. press club ka sapna aapka pura ho gaya. aap “bhati nahi patrakaro ki lathi hai.” aapke saath saath aapke sabhi sahyogiyo ko hardik badhai jinhone aapke saath din raat mehnat kari.
gulshan saifi
June 7, 2010 at 7:12 am
kansi ram ek majboot waqtitav ke swami the unke naam ko patrkarita se jodna uchit hai me ish kadam ka swagut karta hoon
dhiraj dhillon
June 7, 2010 at 10:15 am
bhati ji ko badhai, pahalwan ji ka abhar.
अमित शर्मा
June 7, 2010 at 10:45 am
बहुत बढिया लिख गए मेरे अनाम मित्र.. आप कैसे साहसी पत्रकार है जो अपना नाम तक नही लि़ख सकते…? नोएडा मे किस नामचीन अखबार या चैनल का कौन पत्रकार किस से कितनी दलाली खा रहा है यह किसी से छिपा है क्या? बडी बात यह है कि कोई कुछ करने को आगे आता है तो आप जैसे ‘बेनाम’ बात बनाने पहुच जाते है. कुछ ना कर पाए तो बकवास ही सही. ऐसी बकवास करने वालो से घबराने की जरूरत नही है मित्रो… बहुत बहुत बधाई… आशा ही नही, विश्वास भी है कि आप एक शानदार प्रेस क्लब बनाएगे.
sonu attri E.N.A. news agency
June 7, 2010 at 12:28 pm
aapne bahut badhiya likha “kaagzi sher” maidan mai aane se pahle naam chhupa k ho gaya dher. aap agar asli patrakaar hote to aap zarur “sher” hote. par aapne naam chhupa kar apni buzdili ka prichay diya hai. aapke andar jo ” jalan aur zahar” chhupa tha wo is bahane bahar nikal ayaa. par mitra aapne “asli aur nakli” patrakaar ka parameter nahi bataya. kya aapko hi “Registrar newspaper of india”{R.N.I.}, ne saare desh ki patrakarita ki “agency” ya “theka” diya hai. chalo tuimne naam to chhupaya par ek baar asli aur nakli ptrakaar hone ka scientific example to do. fir bhi respected narendra bhati g, aur aapke sabhi sahayogiyo ko hardik badhai.jab kisi ki burai hoti hai to iska matlab hai ki wwo tarakki ki taraf badh raha hai. {kutto ka kaam hota hai bhokna aur haathi ka kaam hota hai mast hokar chalna} …..aap apne kaafile ko yuhi bdhate rahiye…
kubernath
June 7, 2010 at 1:36 pm
Dheeraj ji jis sangathan se jure ho to dheeraj rakhnahi chahiye aur sath hi sath ptrakarita ki dunia me 17 sal ka anubhav jo hai.
anuj kumar
June 8, 2010 at 7:47 am
भाटी जी के इस कदम का में स्वागत करता हूं कम से कम किसी ने तो नोएड़ा के पत्रकारों के बारें में इस स्तर से सोचा। बधाई हो भाटी जी।।।
मुकेश चौधरी,
June 8, 2010 at 9:18 am
[b]नकली पत्रकारों का नकली संगठन[/b] नाम से कमेंट देने वाले बड़े पत्रकार को मेरा प्रणाम.. शायद ये पत्रकार किसी बड़े मीड़िया संगठन से जुड़े है और किसी बड़े क्लब से जुड़े होंगे जैसे प्रेस क्लब आफ इंडिया आदि। राष्ट्रिय स्तर के पत्रकार है तभी ऐसा लेख लिखा होगा कि कहीं इस नये बनने वाले संगठन से उन्हें कोई चोट तो नहीं पहुंचेगी। खैर, शायद इन्हें ये नहीं पता होगा कि पत्रकार, पत्रकार ही होता है फिर चाहे वो अंतराष्ट्रीय, राष्ट्रीय अथवा क्षेत्रीय स्तर का हो। हर कोई खबर को अपने नजरिये और तरीके से उठाता है। कभी कभी तो राष्ट्रीय स्तर के बड़े पत्रकार भी ऐसी खबरों तक नहीं पहुंच पाते जहां की खबर क्षेत्रीय स्तर के पत्रकारों को होती है। किसी छोटे क्षेत्र में घटने वाली बड़ी खबर को पहले क्षैत्रीय स्तर के पत्रकार ही परखते है। राष्ट्रीय पत्रकार तो एसी कार में बैठ कर आते है और क्षैत्रीय स्तर के पत्रकारों से गिड़गिड़ाते हुए खबर, फीड,फोटो और वीडियो लेकर चले जाते है। ये बड़े पत्रकार उन्हें कभी अपने में शामिल तो होने नहीं देते। ऐसे में अगर क्षेत्रीय स्तर के पत्रकार अपने हक की लड़ाई के लिए कोई संगठन बनाते तो उन्हें चिढ़ मच जाती है। बहरहाल, रही बात दलाली की, तो पहले खुद अपने ही गिरेबान में झांक कर देखो कि वो कितना पाक साफ है क्या उसने कभी दलाली नहीं की है। मेरे मुताबिक लगभग हर तबके का पत्रकार अपने जीवन में कभी ना कभी तो दलाली जरूर करता होगा। यकीनन मेरी इस टिप्पणी से कुछ पत्रकार आहत हो सकते है लेकिन ये सच है और सच कड़वा होता है।
नकली पत्रकारों का नकली संगठन नाम से लेखक ने लेख तो अच्छा लिखा किंतु ये राष्ट्रीय स्तर के बड़े पत्रकार अपना नाम क्यों छुपा लिया है वो तो सबके सामने आना चाहिये। [b]पत्रकार तो वो होता साहब जो खुल कर मैदान में आते है।[/b]
[i][b]मेरी तरफ से नरेंद्र भाटी जी को हार्दिक बधाईँ।[/b][/i]
मुकेश चौधरी
पत्रकार, (राष्ट्रीय न्यूज चैनल)
मुकेश चौधरी,
June 8, 2010 at 9:19 am
[b]नकली पत्रकारों का नकली संगठन[/b] नाम से कमेंट देने वाले बड़े पत्रकार को मेरा प्रणाम.. शायद ये पत्रकार किसी बड़े मीड़िया संगठन से जुड़े है और किसी बड़े क्लब से जुड़े होंगे जैसे प्रेस क्लब आफ इंडिया आदि। राष्ट्रिय स्तर के पत्रकार है तभी ऐसा लेख लिखा होगा कि कहीं इस नये बनने वाले संगठन से उन्हें कोई चोट तो नहीं पहुंचेगी। खैर, शायद इन्हें ये नहीं पता होगा कि पत्रकार, पत्रकार ही होता है फिर चाहे वो अंतराष्ट्रीय, राष्ट्रीय अथवा क्षेत्रीय स्तर का हो। हर कोई खबर को अपने नजरिये और तरीके से उठाता है। कभी कभी तो राष्ट्रीय स्तर के बड़े पत्रकार भी ऐसी खबरों तक नहीं पहुंच पाते जहां की खबर क्षेत्रीय स्तर के पत्रकारों को होती है। किसी छोटे क्षेत्र में घटने वाली बड़ी खबर को पहले क्षैत्रीय स्तर के पत्रकार ही परखते है। राष्ट्रीय पत्रकार तो एसी कार में बैठ कर आते है और क्षैत्रीय स्तर के पत्रकारों से गिड़गिड़ाते हुए खबर, फीड,फोटो और वीडियो लेकर चले जाते है। ये बड़े पत्रकार उन्हें कभी अपने में शामिल तो होने नहीं देते। ऐसे में अगर क्षेत्रीय स्तर के पत्रकार अपने हक की लड़ाई के लिए कोई संगठन बनाते तो उन्हें चिढ़ मच जाती है। बहरहाल, रही बात दलाली की, तो पहले खुद अपने ही गिरेबान में झांक कर देखो कि वो कितना पाक साफ है क्या उसने कभी दलाली नहीं की है। मेरे मुताबिक लगभग हर तबके का पत्रकार अपने जीवन में कभी ना कभी तो दलाली जरूर करता होगा। यकीनन मेरी इस टिप्पणी से कुछ पत्रकार आहत हो सकते है लेकिन ये सच है और सच कड़वा होता है।
नकली पत्रकारों का नकली संगठन नाम से लेखक ने लेख तो अच्छा लिखा किंतु ये राष्ट्रीय स्तर के बड़े पत्रकार अपना नाम क्यों छुपा लिया है वो तो सबके सामने आना चाहिये। [b]पत्रकार तो वो होता साहब जो खुल कर मैदान में आते है।[/b]
[i][b]मेरी तरफ से नरेंद्र भाटी जी को हार्दिक बधाईँ।[/b][/i]
मुकेश चौधरी
पत्रकार, (राष्ट्रीय न्यूज चैनल)
ravishankar vedoriya
June 9, 2010 at 12:02 pm
sabse badi baat hai koi naye sanghatan ki surubaat hona jo ki achhi baat hai un patrakaro ki awaj uper utkar aaygi jo kewal apne kaam mai lage rahte jinhe kisi inaam ki jarurat nahi hoti keval kaam ka sahi aaklan chate hai badai ho
रितेश श्रीवास्तव
June 9, 2010 at 4:35 pm
बहुत बढिया पत्रकार बन्धुओ, आपने मायावती प्रशासन को बहुत शानदार आइना दिखाया है. माननीय कांशीराम जी का नाम और प्रेस का संयोग एक ऐसा कदम है जो उन्हें सदा के लिए मीडीया से जोड़ देगा. हैरत की बात यह है कि इस दिशा में सरकार और प्रशासन ने कोई पहल नहीं की बल्कि खुद पत्रकारों ने इसका बीडा़ उठाया है. धीरज सर को बहुत बहुत बधाई
रितेश श्रीवास्तव, न्यूज 24