: स्ट्रिंगर बनने के बाद बॉस को पिलाते हैं दारू, कई स्ट्रिंगर बॉस को परोसते हैं लड़कियां : पैसे देकर प्रापर्टी डीलर और उगाही करने वाले बन गए स्ट्रिंगर : पी7न्यूज में इन दिनों बेहद बुरा हाल है. मनमानी का आलम ये है कि जिसकी जो इच्छा हो रही है, वह वो कर रहा है और कोई किसी को रोकने टोकने वाला नहीं है. पता चला है कि पी7न्यूज में कार्यरत कुछ लोग पैसे लेकर दलालों-प्रापर्टी डीलरों को स्ट्रिंगर बना रहे हैं और उनसे नियमित तौर पर दारू या लड़की की मांग कर रहे हैं. दिल्ली के कई इलाकों में दस से बीस हजार रुपये लेकर स्ट्रिंगर रखे गए हैं.
इस गड़बड़झाले की खबर पी7न्यूज मैनेजमेंट तक पहुंच चुकी है और इस रैकेट को लेकर जांच भी शुरू हो चुकी है. स्ट्रिंगर भर्ती का रेट दस से बीस हजार रुपये है. बॉस लोग हर रोज किसी एक एरिया के स्ट्रिंगर के यहाँ शराब पीने पहुंच जाते हैं. एक महीने में एक स्ट्रिंगर का नम्बर आ ही जाता है. इन बॉस लोगों का ये हाल है कि कभी ईस्ट दिल्ली शराब पीने पहुंच जाते हैं तो कभी बाहरी दिल्ली. कभी नार्थ ईस्ट का नम्बर आ जाता है. तरह मिलने के बहाने स्ट्रिंगरों के घर या ऑफिस बॉस लोग पहुंचे रहते हैं और पीने-पिलाने का दौर चलता रहता है. इसी कारण प्रापर्टी डीलर और उगाही करने वाले लोग भी पी7न्यूज के स्ट्रिंगर बन गये हैं. चर्चा तो यहाँ तक है कि दिल्ली के कुछ इलाकों के स्ट्रिंगर इस बॉस को लड़कियाँ तक पेश कर देते हैं.
सूत्रों का कहना है कि कई ऐसे लोग स्ट्रिंगर बना दिए गए हैं जिन्हें स्क्रिप्ट लेखन तक का शउर नहीं है. स्ट्रिंगर नियुक्ति के लिए न किसी का कोई टेस्ट लिया गया और न ही किसी पैरामीटर का निर्धारण किया गया. बताया जाता है कि कुछ तो ऐसे स्ट्रिंगर हैं जो दूसरे चैनलों के स्ट्रिंगरों की कापियों को उठा कर हूबहू पी7न्यूज में भेज देते हैं. सूत्रों का कहना है कि सहारा में रहे राजेश कुमार सिंह जो इन दिनों पी7न्यूज के हिस्से हैं, स्ट्रिंगर गड़बड़झाला की अपने स्तर से जांच करा रहे हैं. उन्हें कई स्ट्रिंगरों की करतूत की जानकारी मिली है. सूत्रों का कहना है कि राजेश इस मुद्दे को पर्ल प्रबंधन के सामने रखेंगे.
rajkumar jain
October 24, 2010 at 6:30 pm
यह बात बिलकुल सही है कि फर्जी और माफिया तत्व ही अखबार और चैनलों के स्टिंगर बन बैठे हैं। उनका मानना होता है कि चैनल या अखबार की आईडी सुरक्षा ढाल का काम करती है। शराब माफिया और भू माफियाओं का इस लाइन में बोलबाला है। उन्होंने तो आफिस खोलकर काम शुरू कर दिया है। दो से तीन हजार रुपए के कर्मचारी या उन्हें कहें नरेगा मजदूर रख लिए हैं। उन्हें इस लाइन से कोई लेना देना नहीं है। इस काम से मिलने वाली राशि वे अपने मजदूरों पर खर्च कर देते हैं। बस वे तो पत्रकार समाज में शामिल हो गए। पत्रकार जी और सम्पादक जी बनते ही वे अपने काले कारनामों पर पर्दा डालना शुरू कर देते हैं।
क्यों बनाते हैं माफिया स्टिंगर : अखबार और चैनलों को चाहिए बिजनेस। विज्ञापन लेने में माफिया किस्म के लोग तेज होते हैं। क्योंकि इनकी प्रशासन और नेतागिरि में भी अच्छी पहुंच रहती है। ये भरे पेट वाले होते हैं। ये अरबों के काले धंधे पर सफेद परदा डालने के लिए अखबार और चैनल की आड लेते हैं और चैनलों को उनके मुताबिक विज्ञापन देने में कामयाब होकर अपनी रोटी सेकते रहते हैं।
मेरा एक चैनल विशेष से कोई लेना देना नहीं है देश के सभी चैनल और अखबार ऐसा कर रहे हैं। यहां तक कि अब इस क्षेत्र में नए ग्रुप तैयार करने वाले लोग ही अपराधी तत्व हैं। अब अधिकांश भू माफिया ही अखबार का धंधा शुरू कर रहे हैं और चैनल खोल रहे हैं।
राजकुमार जैन
अलवर
vikram
October 24, 2010 at 5:42 pm
p7 delki hi nahi rajasthan me bhi kai stringer asse hey jinki likhne ki to yogyata nahi hey per news ke name ya chanel ke name per passe vasul karne aate hey
ANURAG PATHAK BAHRAICH
October 24, 2010 at 8:30 pm
p7 news ke bare m ye sunkar dukh huwa ho sakta hai delhi m kuch galat log aise pado pe baith gaye jinhe apni garima or p7 ki garima ka khayal hi na ho lekin iska matlab ye nhi ki p7 ki puri unit kharab hai aaj bhi p7 m kai aise beuro chif hai jo apna kam puri imandari or lagan se kr rhe hai or iska udahran u.p. beuro ke office m dekha ja sakta hai jaha kam ki kimat hai daam ki nahi
deepak
October 24, 2010 at 9:57 pm
ऐसे लोग ही मीडीया की किरकिरी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं…इन्हें तत्काल प्रभाव से पद से निरस्त कर देना चाहिए……
kajim
October 25, 2010 at 1:08 am
sir yeh khabr bahut badiya hai, paise lekar stringer banane ki , mai bhi p7 ke liye paise de sakta hun…. kaun le raha hai…. muje bata dijiye……
VISHAL
October 25, 2010 at 2:52 am
SIR ,CHANNEL JAB STRINGAR KEE VALUE SAMAJHANE LAGAENGE TAB CHANNAL KA BHALA HO JAYEGA,CHANNEL MALIK OFFICE STAFF KA VETAN TO BADA DETE HAI STRINGAR KA STORY PAYMAENT KAM KAR DETE HAI OR MANTE HAI KI STRINGAR TO BAHUT KAMATA HAI ,AGAR CHANNEL STRINGAR KO PAISA DETA RAHE TO STRINGAR KO GALAT KARYA KARNE KEE JARURAT HI KYA HAI ,AUR JAB STRINGAR APANA AUR APANE BACHCHO KA PET PALANE KE LIYE PAISA KAMATA HAI JISKE LIYE USE GALAT KARYA BHI KARNE PADATE HAI TO CHANNEL KE ADHIKARI STRINGAR KA SOSHAN KARNE LAGATE HAI ,AB CHANNELON KA TO BHAGWAN HI MALIK HAI .
Ajay
October 25, 2010 at 5:17 am
Ye Haall to Sabhi channalo ka hai har jah yahi haal hai.
jai prakash
October 25, 2010 at 4:45 pm
yani sab kuch par darshita ke dayre me nahi ho raha .aur is gadbad ke liye doshi koi ek nahi hoga behtar hoga ki aise log fouran bahar jayen.kyunki channel teji se aage badh raha hai.
prabhat khurdiya
October 26, 2010 at 12:45 am
ये खबर पड़कर दुःख हुआ लेकिन उससे जादा दुःख इस बात का की कुछ दिल जले अपने दिल की बडास निकलने के लिए भड़ास फॉर मीडिया को हत्यार की तरह इस्तमाल कर रहे है इस खबर को पड़कर साफ़ समजा जा सकता है की ये एक सोची समझी साजिश है जिसके माद्यम से चेनल को बदनाम करने की कोसिस की गई है क्योकि यदि बॉस खाऊ पियु है तो वो सभी से पैसा लेगा सभी से लड़की की मांग करेगा लेकिन हैरानी की बात है की इस खबर में केवल दिल्ली के स्टिंगर को निशाना बनाया गया क्या और स्टिंगर क्या बॉस के रिश्ते नाते दार है इस लिए यदि बॉस लालची है तो वो सभी से अपनी फरमाइस पूरी कराएगा न की किसी विशिट से
prabhat khurdiya
October 26, 2010 at 12:48 am
ये खबर पड़कर दुःख हुआ लेकिन उससे जादा दुःख इस बात का की कुछ दिल जले अपने दिल की बडास निकलने के लिए भड़ास फॉर मीडिया को हत्यार की तरह इस्तमाल कर रहे है इस खबर को पड़कर साफ़ समजा जा सकता है की ये एक सोची समझी साजिश है जिसके माद्यम से चेनल को बदनाम करने की कोसिस की गई है क्योकि यदि बॉस खाऊ पियु है तो वो सभी से पैसा लेगा सभी से लड़की की मांग करेगा लेकिन हैरानी की बात है की इस खबर में केवल दिल्ली के स्टिंगर को निशाना बनाया गया क्या और स्टिंगर क्या बॉस के रिश्ते नाते दार है इस लिए यदि बॉस लालची है तो वो सभी से अपनी फरमाइस पूरी कराएगा न की किसी विशिट से
prabhat khurdiya
October 26, 2010 at 12:50 am
सुरेंदर प्रभात खुर्दिया (आजाद पत्रकार )राजस्थान ये खबर पड़कर दुःख हुआ लेकिन उससे जादा दुःख इस बात का की कुछ दिल जले अपने दिल की बडास निकलने के लिए भड़ास फॉर मीडिया को हत्यार की तरह इस्तमाल कर रहे है इस खबर को पड़कर साफ़ समजा जा सकता है की ये एक सोची समझी साजिश है जिसके माद्यम से चेनल को बदनाम करने की कोसिस की गई है क्योकि यदि बॉस खाऊ पियु है तो वो सभी से पैसा लेगा सभी से लड़की की मांग करेगा लेकिन हैरानी की बात है की इस खबर में केवल दिल्ली के स्टिंगर को निशाना बनाया गया क्या और स्टिंगर क्या बॉस के रिश्ते नाते दार है इस लिए यदि बॉस लालची है तो वो सभी से अपनी फरमाइस पूरी कराएगा न की किसी विशिट से
anurag mishra
October 26, 2010 at 2:09 am
dear sir ye kewal electrinic media mein hi nahi balki print media me bhi hai aur isiley aaj reporter ko repoerter kam dalal jayada kaha jata hai
Akhilesh chandra
October 26, 2010 at 5:18 am
Lucknow me bhi aye se bahut se news paper aur magzine Nikal rahi hai, jinhe patrakarita se koyi matlab nahi,wo kewal apni black money ko white aur dalali chamka rahe hai.
amitt
October 26, 2010 at 6:13 am
waqt-waqt ki baat hai….
Archana
October 26, 2010 at 6:05 pm
Managemnt ne bhi to apne fayede k liye ek saal mein 3 input head badal diye…. Ab vo input head stringer to badlenge hi na…
anu
October 26, 2010 at 7:41 pm
p7 ke bare me yah sunkar hairani ho rahi hai ki beuro yah karne lage hai. aise logo ke khilaf kadi karwahi p7 ke prabandhan ko karni chahiye jisse channal ki jo paratishtha dhomil huyi hai usko bachaya ja sake……………..
abhuday
October 27, 2010 at 12:10 pm
इस पूरी रिपोर्ट में बस एक बात ही खटकती है की क्यों एक ख़ास हिस्से और ख़ास चैनल को निशाना बनाया गया है ! भाई बड़े बड़े पुराने चैनल्स भी तो यही करते हैं ! ज़ब हमास के अन्दर लगभग सभी किसी ना किसी स्तर पर नंगे हैं तो किसी एक पर ऊँगली उठाना ठीक नही !
rashid sidek
October 27, 2010 at 7:25 pm
लगता है की पि -सेवन चेनल में कोई गद्दार किसी अन्य चेनल से लात खाकर भरती हो गया है एक कहावत है सावन के अंधे को चारो और हरा-हरा दिखाई देता है इस लिए वो सभी को अपनी तरह चोर समज रहा है यदि चनल को अपनी मान प्रठिस्ता बचानी है तो पहले उस गद्दार को पहचान कर लात मार कर बहार का रास्ता दिखाना चाहिए क्योकि जो आदमी चेनल से अपने परिवार को पाल रहा है और उसी चेनल को बदनाम कर रहा है
rajiv gupta
October 27, 2010 at 7:40 pm
राजीव गुप्ता दिल्ली से
इस खबर में निष्पक्षता कही भी नजर नहीं आती क्योकि इस खबर में एक विशेष समूह को निशाना बनाया गया में जानना चाहता हूँ की खबर लिखने वाले को क्या ये नहीं पता की जिस थाली में खाते है उसमे छेद नहीं करते और भी लोग चेनल में स्टिंगर पद पर कार्यरत होगे क्या उनकी छवि चेनल के प्रति निष्ठावान है मेरे विचार में ये सोची समझी साजिस है इस लिए चेनल मनेजमेंट को गद्दार को दण्डित करना चाहिए
harpal singh
October 27, 2010 at 8:00 pm
किसी अन्य पर ऊँगली उठाने से पहले अपनी छवि को आईने में देख लेना चाहिए हमारी न्यूज़ वेबसाइट है अगर खबर लिखने वाला अपने आप को जाया सफ़ेद पोश समझ रहा हो तो अपना नाम व पता उजागर करे ताकि उसकी भ्रस्ट को सर्व जगत के सामने रखा जा सके लिखी हुई न्यूज़ पूरी तरह झूटी और चेनल हेड को बदनाम करने की साजिस को बयाँ कर रही है
vijay thakur sadhna news
October 28, 2010 at 4:09 pm
is baat se main bhi sahamat hoon ki boss yaani beuro is tarah se karte hain lekin ek hi channel ko lekar nahi balki sabhi channel ko lekar likhani chahiye … kyonki hamam ke andar to sabhi nange hote hai…..
manish sharma
October 28, 2010 at 11:22 pm
mujhe to lagta hai ki jisne ye khabar likhi hai vo khud bhot bda brast aadmi hai jo kisi wajah se khunas khake aise ulul julul harkat kr rha hai
vivek kumar rai
October 30, 2010 at 4:52 am
;D;D;D;D;D;D;D;D;D
A.K. Singh
November 2, 2010 at 9:53 pm
I don’t think so.
anuj mamar
November 4, 2010 at 11:12 pm
पी ७ न्यूज को बदनाम करने की ये सोची समझी साजिस है क्योकि पी ७ ही एक ऐसा न्यूज चेनल है जो कम समय में लोगो के बीच अपनी पहचान बना चुका है जब कोई न्यूज चेनल चालू होता है और वह तरक्की करता दिखाई देता है और लोगो को उस चेनल में जगह नही मिलती तो जलन होती ही है क्योकि तरक्की से कुछ लोग जलते है अनुज ममार नरसिहपुर म.प्र.
Raju Khokhar, Gujarat
November 11, 2010 at 1:32 pm
शाहेब, जब से P7 न्यूज़ चेनल शुरू हुआ हे में गुजरात के अमरेली जिल्ले के लिए रिपोर्टिंग कर रहा हु !
आज तक मुज को गुजरात हेड या दिल्ही ये बताने की जरुरत नहीं पड़ी हे के मेरा पेमेंट कब मिलेगा ?
कई बार मुझे भी याद नहीं होता की इस महीने कितनी खबरे की हे ! फिर भी मेरा चेक रेग्युलर मिल ही जाता हे…
और खाश बात, हमारे गुजरात की खबरे भी P7 में बहुत चलती हे,
P7 की थोड़े ही समय में मिली कामियाबी से जलने वाले किसी “फेक” पत्रकार की जलन साफ़ दिख रही हे !
दोस्तों गभराने की जरुरत नहीं ! इस जूठ बोलने वाले का मु काल करदो !! खूब काम करो, खूब नाम कमाओ, (और पैसा भी)
P7 न्यूज़ चेनल हमारे साथ हंमेशा हे, रहेगा…
P7 परिवार को दीपावली/नए शाल की खूब शुभकामना.
EK SUBHCHINTAK
November 15, 2010 at 12:56 pm
YAH BAAT 100 PERSENT JHUTHI HAI BIHAR KE STREENGAR’S KE BILL KITNA HAI WAH NAHI JANTE PAR BIKUL TIME PAR CHEQUE AA JATA HAI.YAH KISI PHARJI PATRKAR NE KHABAR DI HAI ABHI TAK KA PAYMENT KE MAMLE ME SAB SE ACHHCHHA P7 HAI, SARM KARO YARO LIKNA OR SACH KO DIKHANE KI SANSKAR AGAR MAA BAAP NE DIYA HAI TO JISKA NAMAK KHA RAHE HO USE BADNAM NA KARO YAH NAMK USI KHOON ME JA RAHA HAI JIS SE TUMHARE MAA BAAP NE PAIDA KIYA HAI. PL. MERE BHAI P7 NEWS KO BADNAM KAR APNE SANSKAR KO NAA GIRAW.BHADASH 4 MEDIA SE GUJARISH HAI KI AISHI KHABRON PAR DHEYAN DENE SE PAHLE SACHCHAI JAAN LE. THANKS.MUZAFFARPUR KE AAWAZ
DHANRAJ BAGLE
November 16, 2010 at 10:01 am
P7 NEWS THODE HI WAQT ME SHANDAAR PRADARSHAN KAR LOGO KI LOKPRIY CHANNEL BAN RAHI HE ESE ME KIS ULLU KO YE PATAA CHALA HE ESI BAATE ….NAGETIVE SOCH RAKHNE VALE KABHI AAGE NAHI BADHATE…P7 HAM AAPKE SATH HE ..AAP KHUB TARKKI KARE….HATHI CHALATA HE TAB BHOKNE VALE KUTTO KI TADAT BADH JAATI HE …HAM SURAT GUJRAAT ME RAHNE VALE P7 NEWS DEKHATE HE …..DUSARI CHANNE SE ACHHA PRESENTATION HE AAPKA….RAHI BAAT BHOKNE VALO KI UNKI AAP PARAVAA NA KARE….AAP BAS ITNAA SOCH KAR CHALO ”AGAR AAPKE BAARE ME KOI BURA BOLATA YA SOCHATA BHI HE TO AAPKI TARKKI PAKKI HE ….JAI HIND JAY GUJRAT….
pushkar tiwari
November 25, 2010 at 12:14 pm
P-7 news se jalne wale log hi is tarah ki behooda baat kar rahe hain……main P-7 news ke liye sultanpur/ amethi u.p. se kaam kar raha hoon mujhe hamesha time se paisa mila hai aur boss logon ne sadaiv achchhe kaam ke liye protsahit kiya hai ……mujhe garv hai ki main P-7 ka ek hissa hoon…
debanarayan sethi
February 11, 2011 at 12:38 pm
aap ke ish khabar se main jarur naraj hun,kyun ki hum jab media main kam karte hain to ek media ki burai karne se pahele uski pratistha aur pratisthan ke bare main sochana jaruri hai,aap ish khabar ki kitni gaharahi tak pahunhe hain woh path se pata chal jata hai,agar apke pass sabutein hai aur chhapana thik nahin samajha to alag baat hai.