: पेड न्यूज़ के खिलाफ बिगुल फूंकने का फैसला : एंटी पेड न्यूज़ फोरम का गठन : हरिवंश, मुकेश कुमार, अमरनाथ, अजय कुमार समेत करीब 20 पत्रकार शामिल : फोरम बिहार चुनाव में पेड न्यूज पर नजर रखेगा : बिहार और झारखंड के पत्रकारों ने पेड न्यूज़ के खिलाफ कमर कस ली है। पत्रकारों और पत्रकारिता की साख को चौपट करने वाली इस बीमारी का विरोध करने के लिए वे एकजुट हो रहे हैं और आगामी 28 अगस्त को बाकायदा अपनी आवाज़ भी बुलंद करेंगे।
पत्रकारों ने पेड न्यूज़ को रोकने की दिशा में सक्रिय हस्तक्षेप करने की गरज़ से एंटी पेड न्यूज़ फोरम का गठन किया है। ये संगठन पेड न्यूज़ के कारोबार पर नज़र रखेगा और इस तरह की तमाम गतिविधियों को लोगों के सामने लाने की कोशिश भी करेगा। संगठन में कोई भी पद नहीं रखा गया है, केवल एक कोर कमेटी होगी जो सबसे सलाह-मशवरा करके काम करेगी। पेड न्यूज़ पर लगाम लगाने की दिशा में एंटी पेड न्यूज़ फोरम 28 अगस्त को महासम्मेलन करने जा रहा है। इसमें बिहार और झारखंड के ही नहीं देश के दूसरे हिस्सों से भी ऐसे पत्रकार शिरकत करेंगे जो पेड न्यूज़ के कारोबार को पत्रकारिता और लोकतंत्र के ख़िलाफ़ मानते हैं और कुछ करना चाहते हैं।
फिलहाल जो पत्रकार एंटी पेड न्यूज़ फोरम से जुड़ चुके हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं- अमरनाथ तिवारी (द पॉयनियर), अजय कुमार (बिहार टाइम्स डॉट काम), आनंद एस. टी. दास (एशियन एज), अभय कुमार (डेक्कन हेराल्ड), धर्मवीर सिन्हा (आज तक, झारखंड), गंगा प्रसाद (जनसत्ता), हरिवंश (प्रभात ख़बर), मणिकांत ठाकुर (बीबीसी), मनोज चौरसिया (स्टेट्समैन), मुकेश कुमार (मौर्य टीवी), निवेदिता झा (नईदुनिया), प्रियरंजन भारती (राजस्थान पत्रिका), सौम्यजीत बैनर्जी (द हिंदू), संतोष सिंह (इंडियन एक्सप्रेस), संजय सिंह (द ट्रिब्यून), सुजीत झा (आज तक, बिहार), श्रीकांत प्रत्यूष (ज़ी न्यूज़), सुरूर अहमद (स्वतंत्र पत्रकार), शशिधर खान (स्वतंत्र पत्रकार)।
फोरम बिहार, झारखंड और दूसरे राज्यों के पत्रकारों का सहयोग और समर्थन हासिल करने के लिए सीधे संपर्क कर रहा है। इस ख़बर के माध्यम से भी वह समस्त पत्रकारों, पत्रकार संगठनों और मीडिया संस्थानों से अपील करता है कि वे इस मुहिम को मज़बूती प्रदान करने के लिए 28 अगस्त को पटना में जुटें और सामूहिक तौर पर आवाज़ बुलंद करें। पेड न्यूज़ के ख़िलाफ़ इस मुहिम से जुड़ने के लिए या इस बारे में अपने सुझाव देने के लिए कृपया इस पते पर मेल करें- [email protected]
KUMAR BHAWESH
August 20, 2010 at 9:12 am
sahi pahal ke liye sabhi badhai ke patra hai
Binod Pandey
August 20, 2010 at 9:19 am
सार्थक पहल। बिहारी पत्रकारों को साधुवाद।
Harendra
August 21, 2010 at 5:00 pm
Malik n patrakar Pahle tay karo ki chunav post paid hoga ya prepaid.bihar me shamil savi k daman saf nahi.waise patrakarita k baad gamin samaj ka anuvaw batata hai ki print k patrakaro ki hasiyat ab kuchh v nahi. Log patrakar ka cast jan samajh jate hai,waise v kitne 4 rupya kharch k akhbar padhte hai. Harendra
SUBHASHSISH ROY
August 20, 2010 at 11:13 am
Seems going back to golden era of Journalism. Dont hesitate to call us for the mission if needed. Good wishes to you all.
Subhashish Roy
[email protected]
Dr. Vishnu Rajgadia
August 20, 2010 at 12:27 pm
पेेड न्यूज विरोेधी अभियान का स्वागत है। लेकिन क्या इसमें अंडर बिलिग करके तथाकथित विज्ञापन के नाम पर प्रकाशित होेने वाली खबरों का विरोध भी शामिल है? यह अभियान एकांगी नहीं होेना चाहिए। पेड न्यूज केे खिलाफ असली अभियान तभी चल सकेगा जब इसके सभी रूपों पर चोट हो। इसमें इन बिंदुओं को शामिल किया जाना चाहिए-
1. किसी दल या प्रत्याशी को लाभ पहुंचाने की नीयत से दी गयी खबर, विश्लेषण, विशेष पेज, फोटो, सर्वेक्षण इत्यादि के रूप में प्रकाशित सभी साम्रगी पेड न्यूज है। इससे खास फर्क नहीं पड़ता कि आपने नीचे कहीं छोटे अक्षरों में विज्ञापन लिख दिया हो या इस धंधे के लिए कोई अन्य भ्रामक या मनमोहक शब्दावली का इजाद किया हो।
2. खबर, विश्लेषण, विशेष पेज इत्यादि के रूप में प्रकाशित ऐसे सभी पेड न्यूज के लिए एवज में जितने पैसे लिये जाते हंै, उससे बेहद कम राशि का बिल बनाया जाता है। इस तरह उम्मीदवारों और पार्टियों के काले धन का लाभ अखबार भी उठाते हैं। इस अभियान को यह तय करना चाहिए कि ऐसे अंडर बिलिंग विज्ञापनों को किस श्रेणी में रखेंगे? क्या यह हिसाब लिया जा सकता है कि पिछले चुनावों में जिन अखबारों ने विज्ञापनों के रूप में पूरे पेज और विशेष खंड प्रकाशित किये, उनकेे लिए जारी किया गया बिल उस प्रत्याशी से वसूली गयी राशि के बराबर था या उससे कम था?
इन बिंदुओं पर संतोषप्रद उत्तर मिलेे तो इस अभियान से जुड़ना चाहूंगा।
डाॅ. विष्णु राजगढ़िया
ब्यूरो चीफ, नई दुनिया, रांची
09431120500, 09308057070
[email protected]
http://rtistory.blogspot.com
deepak kr upadhyaya
August 20, 2010 at 12:47 pm
Thanks for this stap to all jurnalist of bihar and jharkand
deepak kr upadhyay
[email protected]
rakesh sharma
August 20, 2010 at 1:50 pm
IS PARYAAS KE LIYE SABHI SAATHIYON KO BADHAAI. PATARKAARITA JAGAT MAIN MAALIKON KI GUNDAAGARDI ROKNE KE LIYE PATARKAARON KO HI SAAMNE AANA PADEGA.
RAKESH SHARMA
KURUKSHETRA
ajayashk
August 20, 2010 at 2:16 pm
paid news ke khilaf awaz uthaney ke liye banaya gaya forum swagatyog hai, isesey jurna jaroor chahunga, lekin sirf virodh karney se hi swachach patarkarita ka kalank paid news ke gorakh dhandha ko khatam nahi kiya ja sakta, anti paid news forum ko chahiye ki wah yah pahal karey ki pichaley chunav me maja mar chukey thathakatih nispach news papers ki ek ek gatibidhi par purey chunav nazar rakhey aur jaha mamala garbar lage chunav aayog ko, press counshil ko suchit kar vaishey news papers ya electronic media par action ka anurodh karey, abhiyan se jurana jarur chahunga. bhai vishnu rajgaria ka comment bhi padha, thik sawal uthaya hai rajgariha ji ne, AJAY ASHK, BOKARO
Arun Sathi
August 20, 2010 at 3:12 pm
Arun Sathi
Sheikhpura
Bihar
Stinger Sadhna News./R. Sahara.
9835865580
i am With u. What i do.
alok singh
August 20, 2010 at 3:26 pm
sir,, पेड न्यूज़ के खिलाफ बिगुल फूंकने का फैसला..yeh to sahi hai bt uske khilaf jisne yeh bigul fukhi hai kya uske chavi ko dekh le kya wo pad news ka virodh kar payenge …. wo to पेड न्यूज़ kebal par zinda hai ……is media gagat mai .. श्रीकांत प्रत्यूष (ज़ी न्यूज़ ) no 1 media ke naam par dhanda chalne wale logo mai sumar …zee news ke sath sath PTN NEWS . aur apne news papper ke dwara balckmailing ka ajab dhanda ..aap chahhe to mai vedio bhi download kar sakta hun…so bhai sharma krao ……. kuch to sharm karo …. पेड न्यूज़ के खिलाफ बिगुल फूंकने का फैसला bahut baimani haiiii sare hamam mai nage hain sir..
neeraj jha
August 20, 2010 at 4:01 pm
koi to hai jo awaj uthane ki himmat rakhta hai
shabab anwar(journalist)
August 20, 2010 at 7:53 pm
lakh take ka sawl
jin logon ne yeh form bnaya hai kya woh apne snsthan main is burai ko rok sakenge? haergiz nahin,waise bhi in main se kai log already paid journalist hain
V.S.Nandan
August 20, 2010 at 8:43 pm
paid news birodhi abhiyan ka swagat hai,lekin kya ishme koi reporter shamil ho sakta hai,kyonki reporter to podhiya machhli hai.jise koi bhi maar sakta hai. ek reporter ke chahne ya na chahne se kya hoga,jab prabandhan na chahe, mai birodh nahi kar raha hun kebal schai yakt kar raha hun, ish abhiyan me jude log magarmachh hain,wahan podhiya machhli ki kya bisat……..
santosh
August 21, 2010 at 2:53 am
श्रीकांत प्रत्यूष (ज़ी न्यूज़ ) और पेड न्यूज के विपोधी हा —– हा —— हा —— हा हा———ऑख में धूल झोंको भाई लगे रहो लगे रहो —-नीरज भाई विडियों डाल ही दो
kundan karna
August 21, 2010 at 10:38 am
achhi bat hai sir a2z news patna
Shivkumar Rai, Khagaria
August 21, 2010 at 1:27 pm
पेड न्यूज विरोधी अभियान से जुड़े सभी पत्रकार ईमानदार ही हैं ऐसी बात नहीं. इनमें कई ऐसे भी हैं जिनके नाम का ‘डंका’ झारखंड से लेकर बिहार तक बजते रहता है.
शिवकुमार राय, खगड़िया.
ek anjana
August 21, 2010 at 5:43 pm
agar vakai me aisa ho saka to patrikarita par log fir bharosa karne legenge. abhi to janta mostle patrakaro ko blackmailer hi batati h. magar Sabse bada yaksh prashan yeh h…………………….kia ki print media industries ka management aur marketing deprtment k log aisa hone denge………..????? Chaliye agaaaz to ho gaya magar anjaam to ana abhi baki h mere dost…….
DEBASHISH BOSE
August 21, 2010 at 9:25 pm
I m with u. pl. send detail.
Debashish Bose
Madhepura
Mb. 9431254951
SUNIL KUMAR
August 22, 2010 at 5:51 pm
AbhiyanBhut Acha Hai, Lekin Media House ke manegment ke samne sabhi baune ho jayege.
amit kumar
August 24, 2010 at 8:05 pm
अच्छा है कि पेड न्यूज़ के विरोध में अभियान छेड़ने की पहल हुई है। लेकिन पहल में कौन-कौन से लोग शामिल हैं…ये बहुत अहम हो जाता है। क्योंकि इससे विश्वसनीयता बढ़ने या फिर प्रभावित होने की भी सूरत बन सकती है। इस पहल में जिन लोगों के नाम नज़र आ रहे हैं…उनमें से ज़्यादातर पत्रकारिता जगत के साफ-सुथरे नाम हैं….लेकिन कुछ एक की छवि ऐसी है कि सारा अभियान एक झटके में प्रभावित हो सकता है। बिहार में जिस तरह पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विश्वास यात्रा को कवर करने के लिए ज़्यादातर क्षेत्रीय चैनलों ने ख़बरों के कलेवर में सरकार प्रायोजित विज्ञापन परोसा…वो शर्मनाक था। बिहार के इतिहास में कभी पत्रकारिता का ऐसा बेईमान रूप सामने नहीं आया। पैसे लेकर ज़्यादातर चैनलों और अख़बारों ने मुख्यमंत्री की विकास यात्रा का कवरेज किया। सिर्फ सकारात्मक ख़बरें दिखाईं..लेकिन इन ख़बरों को विज्ञापन किसी ने नहीं बताया। सबने नीतीश कुमार की तारीफों के पुल बांधे और लाखों से लेकर करोड़ तक की राशि हासिल की। ये पैसा दिया गया..बिहार सरकार के खज़ाने से। इस प्रसंग पर क्रांतिधर्मी बिहार के नामचीन पत्रकार पूरी तरह चुप रहे। ना कोई विरोध ना कोई अभियान। ऐसे में आशंका है कि जब तक सब कुछ एक तरफ रखकर पत्रकारिता की सड़ांध को दूर नहीं किया जाता…तब तक कोई भी पहल कोई मायने नहीं रखेगी। इतने नामों में एक नाम अख़बार जगत का प्रभावी नाम है….जो चाहें तो अपने अख़बार में पेड न्यूज़ को जगह नहीं दे सकते। बाक़ी लोगों की व्यक्तिगत पहल बड़ा परिवर्तन लाने में किस प्रकार कारगर रहेगी..ये समझ से बाहर की बात है। सच तो ये है कि अगर ख़ुद पत्रकार के भीतर बेईमानी है तो फिर वो किसी ना किसी रूप में उसके काम में झलकेगी ही…सबसे बड़ा ख़तरा तो यही है। इसलिए जब चुनाव के समय पैसा बरसेगा तो फिर संस्थान के मालिक इसे बटोरने के लिए कुछ भी करने को तैयार होंगे। असल तैयारी तो उस हालात का मुकाबले करने की होगी…क्योंकि जब आदर्शों के लिए नौकरी को ठोकर मारने की बारी आएगी…तभी देखा जाएगा कि कितने सिर कटने को तैयार थे….और कितने बस गिनती पूरा कर रहे थे। ये लड़ाई सब कुछ दांव पर लगाकर पत्रकारिता को निष्कलंक बनाए रखने की है। आगे बढ़ रहे बंधुओं को शुभकामनाएं।
Amrendra®
August 25, 2010 at 11:17 am
I look forward to the organizing group means the setup they have branded; several journalists listed are well known for credentials in their black and their whites.