प्रेस क्लब आफ इंडिया में चल रहे विवाद पर कोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित कर दिया है। इस आदेश से परवेज अहमद और पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ वाली कमेटी को एक तरह से जीत हासिल हो गई है। कोर्ट ने अपने 18 पेजों के आदेश में नदीम अहमद काजमी द्वारा बुलाई गई ईजीएम (एक्स्ट्रा जनरलबाडी मीटिंग) और ईजीएम में बनाई गई निर्वाचित कमेटी भंग कर अंतरिम समिति बनाए जाने को अवैध करार दिया है। साथ ही अंतरिम समिति को 24 घंटे के अंदर सारे डाक्यूमेंट निर्वाचित कमेटी को सौंपने के आदेश दिए हैं। इस तरह पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ फिर प्रेस क्लब आफ इंडिया के महासचिव के रूप में सत्तासीन हो गए हैं। नदीम अहमद काजमी और बालाचंद्रन वाले गुट को कोर्ट ने एक तरह से लताड़ भी लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि जो ईजीएम बुलाई गई, उसके लिए नियमों का पालन नहीं किया गया। इजीएम के लिए सदस्यों को रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजना चाहिए था।
पर ऐसा नहीं किया गया। इजीएम के लिए जो एजेंडा नोटिस बोर्ड पर चिपकाया गया, उसमें इलेक्टेड बाडी को हटाने की बात नहीं कही गई थी। फिर निर्वाचित कमेटी को भंग किस आधार पर किया गया। ऐसा करना गलत था। जो बालाचंद्रन इजीएम को चेयर कर रहे थे, उन्हीं को अंतरिम कमेटी का चेयरमैन बना दिया गया। ऐसा करना कंपनी ला बोर्ड के नियमों के प्रतिकूल है। सूत्रों का कहना है कि कोर्ट के इस अंतरिम आदेश ने पुष्पेंद्र के विरोधियों को करारा झटका दिया है। खासकर कोषाध्यक्ष नदीम अहमद काजमी, जो पुष्पेंद्र पर कई तरह के आरोप लगाकर उन्हें इजीएम के जरिए पद से हटाने में कामयाब हुए थे, अब बैकफुट पर आ गए हैं। कोर्ट का फाइनल आर्डर अभी नहीं आया है। इसके लिए तारीख जल्द तय होगी। कोर्ट ने अंतरिम कमेटी के लोगों को साफ कहा है कि वह निर्वाचित बाडी के काम करने में कोई रुकावट न पैदा करें।
सूत्रों ने बताया कि कोर्ट की पिछली कार्यवाही में रिसीवर रखने के बार केवल विचार-विमर्श किया गया था। इस पर कोर्ट ने कोई फैसला नहीं लिया था। पर कई लोगों ने कोर्ट के विचार-विमर्श को फैसला मानकर मीडिया में बयान दे दिया, जिस पर कोर्ट ने गंभीर नाराजगी जताई थी। भड़ास4मीडिया ने भी गलत सूचना के आधार पर कोर्ट द्वारा प्रेस क्लब में रिसीवर बैठाए जाने की खबर प्रकाशित की थी। सही सूचना मिलते ही उस खबर को हटा दिया गया था। भड़ास4मीडिया को इस गलती के लिए खेद है।