: पीसीआई और मेरी यादें- अंतिम : राहुल जलाली और पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ : चित्रिता और एआर विग दोनों ही चुनाव हार गए. राहुल जलाली और पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ अध्यक्ष और महासचिव बन गए. एक दिन मैं किसी काम से पुष्पेन्द्र के कमरे में जाकर बैठ गया. इतने में वहां देखा कि दो व्यक्ति आ गए.
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संजीव आचार्य के कमेंट पर लड़की भयभीत हो गई
: पीसीआई और मेरी यादें- पार्ट पांच : प्रभात डबराल का कार्यकाल : चाँद जोशी के बाद प्रभात डबराल और एके धर की टीम विजयी हुई. क्लब में पहाड़ी यानी उत्तराखंड के पत्रकारों की अच्छी खासी संख्या है. प्रभात डबराल अपने व्यवहार से उत्तराखंडियों और अन्य पत्रकारों में बहुत पापुलर थे.
स्टेट्समैन अखबार के पत्रकार एमएल कोतरू अपने मकान में बार चलाते थे
: पीसीआई और मेरी यादें – पार्ट चार : प्रेस क्लब में घपले होते रहे. क्लब लुटता रहा. क्लब के लिए 7 नंबर रायसीना रोड पर एक जगह अलाट हुई. पदाधिकारी गण उसे 25 से 30 हज़ार रुपये रोज़ के रेट से किराए पर देने लगे. एक दिन इस कोठी को सरकार ने सील कर दिया. उसमें जो सामान रखा गया था उसका कहीं कोई पता नहीं है.
वह गर्लफ्रेंड के साथ नाचने लगा तो पत्नी ने चप्पलों की बौछार कर दी
: पीसीआई और मेरी यादें – पार्ट तीन : प्रेस क्लब में एक की हत्या हो गई, हत्यारे छूट गए क्योंकि सबने कहा- हत्या होते मैंने नहीं देखा: विजय पाहुजा प्रेस क्लब से मुर्गा-शराब उठाकर उस अड्डे पर ले जाते थे : दक्षिण एशिया के पत्रकारों का संघ बनाकर विनोद शर्मा दूसरा खेल खेल रहे थे : चेतन चड्ढा नामक पत्रकार शहर के जुआरियों का खास आदमी था :
एक रात क्लब सदस्यों ने हल्ला मचाया- शराब में मिट्टी का तेल मिला है
: पीसीआई और मेरी यादें – पार्ट दो : 1980 में इंदिरा गांधी दुबारा प्रधानमंत्री बनीं. उसी साल अगस्त में मुरादाबाद में दंगा हो गया. मैंने उस दंगे की तस्वीरें खींची थीं. उनमें से एक तस्वीर दुनिया के कई अखबारों में छपी थी. इस तस्वीर में वह घटना थी, जिसमें चार-पांच सूअर ईदगाह के पास एक आदमी की लाश को खाते दिख रहे थे.
इन्हें प्रेस क्लब आफ इंडिया में घुसते हुए डर लगता है
[caption id="attachment_20744" align="alignleft" width="151"]विजेंदर त्यागी[/caption]: पीसीआई और मेरी यादें – पार्ट एक : बात 1978 की है. वीएम सलूजा “पाना इंडिया” नाम की एक फोटो एजेंसी चलाते थे. मैं न्यूज़ की तस्वीरें लाकर उनको देता था. एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि 11:30 बजे प्रेस क्लब आ कर मिल लो, कोई ज़रूरी काम है. मैं निर्धारित समय पर प्रेस क्लब पहुंच गया, लेकिन क्लब के अंदर जाने की हिम्मत नहीं बटोर सका.
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ प्रेस क्लब से बर्खास्त, चारसौबीसी का मुकदमा दर्ज
: घोटाले में भागीदार रहे परवेज अहमद, जयंतो भट्टाचार्या और रितु वर्मा भी प्रेस क्लब से सस्पेंड : प्रेस क्लब आफ इंडिया के महासचिव रहे पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ इन दिनों बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान जो-जो घपले-घोटाले, गड़बड़ियां की थीं, उसका परिणाम अब सामने आ रहा है. इसी कारण उनके खिलाफ 420, 406 और 120B में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है.
हाईकोर्ट, प्रेस क्लब और जंतर-मंतर : एक रोजनामचा
कल दिल्ली हाईकोर्ट गया था. एचटी मीडिया ने जो मानहानि का मुकदमा कर रखा है उसी की तारीख थी. कोर्ट में क्या क्या हुआ और आगे क्या होने वाला है, उसकी जानकारी आप नीचे के वीडियो लिंक पर क्लिक करके देख-सुन सकते हैं. वहां से जब फ्री हुआ तो प्रेस क्लब आफ इंडिया गया. खाना खाने. प्रेस क्लब में नए लोग जबसे चुनाव जीतकर आए हैं तबसे जाना नहीं हुआ.
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया की स्थिति पर श्वेत पत्र
सम्मानित सदस्यों, यहां पर आपसे कुछ बातें साझा करनी जरूरी हो जाती है. जिस समय वर्तमान मैनेजमेंट ने कार्यभार संभाला उस समय दिवालिएपन की वजह से क्लब बंद होने के कगार पर खड़ा था और क्लब 1.5 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की देनदारियां थीं. पिछले मैनेजमेंट की घोर लापरवाही और कुप्रबंधन के कारण 33.50 लाख रुपये से अधिक की धनराशि सरकारी संस्थाओं में नहीं जमा की थी, जिसमें वैट, पीएफ, ईएसआई आदि शामिल है.
रामचंद्रन – संदीप हरा सकेंगे परवेज – पुष्पेंद्र को?
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) में तलवारें तन चुकी हैं. 13 नवंबर, शनिवार को मतदान होना है. कई बार से कई कई लोग पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ को हराने-हटाने में लगे रहते हैं लेकिन पुष्पेंद्र हैं कि अपनी जगह से टस से मस नही होते. इस बार पुष्पेंद्र हटाओ का नारा दिया जा रहा है. परवेज – पुष्पेंद्र के खिलाफ जो पैनल मैदान में है उसमें अध्यक्ष पद के उम्मीदवार टी आर रामचंद्रन (जी फाइल्स) और महासचिव पद के उम्मीदवार संदीप दीक्षित (द हिन्दू) हैं.
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने महिलाओं से किया दुर्व्यवहार!
महिला संगठन एडवा (All India Democratic Women’s Association) की तरफ से एक विज्ञप्ति आई है. इसमें प्रेस क्लब आफ इंडिया (पीसीआई) के महासचिव पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ के घटिया व्यवहार के बारे में काफी बातें कही गई हैं. विज्ञप्ति के मुताबिक पीसीआई की दो महिला कर्मियों ने, जो एडवा की पदाधिकारी भी हैं, कुलश्रेष्ठ पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाया है. पूरी प्रेस रिलीज इस प्रकार है- Subject : Objectionable behaviour on the part of the Secretary General, Press Club of India :
विरोध के बावजूद क्यों जीतते हैं पुष्पेंद्र?
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ प्रेस क्लब आफ इंडिया के सबसे महत्वपूर्ण पद, सेक्रेटरी जनरल पर फिर आसीन होंगे। यह हम नहीं कह रहे। प्रेस क्लब आफ इंडिया की राजनीति से जुड़े कई वरिष्ठ विश्लेषक बता रहे। आखिर पुष्पेंद्र में ऐसा क्या है कि वे लगातार तीन साल से सेक्रेटरी जनरल पद पर जीतते आ रहे हैं और चौथे बार भी अपने पैनल के साथ मैदान में हैं। सूत्रों के मुताबिक पुष्पेंद्र के वोटर ज्यादातर वो लोग हैं जो प्रेस क्लब आते ही नहीं। इनसे पुष्पेंद्र अपने रिश्ते बेहतर बनाकर रखते हैं और इन लोगों के हर काम के लिए हाजिर रहते हैं। दूसरे साउथ इंडियन वोटरों की बड़ी संख्या भी पुष्पेंद्र के पैनल को आंख मूंदकर वोट करती है। तीसरे प्रगतिशील और वामपंथी रुझान वाले लोग भी परवेज-पुष्पेंद्र की जोड़ी की तरफ आकर्षित होते हैं। इन्हीं कई कारणों से पुष्पेंद्र बार-बार जीत जाते हैं।
‘A CALL FOR CHANGE’ और ‘Save The Press Club!’
‘A CALL FOR CHANGE’ और ‘Save The Press Club!’ नाम से जारी दो अलग-अलग अपीलों में नदीम खेमे ने प्रेस क्लब को लेकर अपनी प्राथमिकताओं व विचारों से सभी सदस्यों को अवगत कराया है। इन अपीलों में ढेर सारे तथ्य दिए गए हैं। कई सारी बातें कहीं गई हैं। जीतने पर नदीम पैनल क्या-क्या करेगा, इसे भी बताया गया है। प्रेस क्लब की वर्तमान दशा क्या है और इस दशा तक पहुंचने में कौन-कौन से कारण जिम्मेदार रहे हैं, यह सब इन अपीलों में उल्लखित है। इन दोनों अपीलों को यहां इसलिए प्रकाशित किया जा रहा है ताकि मीडियाकर्मी देश के सबसे बड़े प्रेस क्लब के अंदर की राजनीति से वाकिफ हो सकें।
नदीम खेमे ने पुष्पेंद्र से पूछे 26 सवाल
प्रेस क्लब आफ इंडिया का माहौल गरम हो गया है। चुनाव प्रचार जोरों से चल रहा है। एक दूसरे पर शब्दों और आरोपों के जहर बुझे तीर चलाए जा रहे हैं। फिलहाल टक्कर नदीम और पुष्पेंद्र पैनलों के बीच है। नदीम का पैनल पुष्पेंद्र के पैनल को मात देने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है। पुष्पेंद्र पर कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं तो उनसे कई सवाल भी पूछे जा रहे हैं। नदीम खेमे ने पुष्पेंद्र से 26 सवालों का जवाब देने को कहा है। ‘We demand to know from the Secretary General’ शीर्षक से जारी एक मेल में सेक्रेटरी जनरल उर्फ पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ से पूछे गए 26 सवालों की खासियत यह है कि इन सवालों में ही इनके जवाब भी छिपे हुए हैं। मेल में 26वें सवाल के बाद नदीम खेमे ने अपने पैनल के प्रत्याशियों का जिक्र कर सभी से इन लोगों को वोट देने की अपील की है। सवाल इस प्रकार हैं-
पुष्पेंद्र के लिए फिर चुनौती बने नदीम
24 को तय होगा, नदीम जीतेंगे या पुष्पेंद्र : नदीम अहमद काजमी कोर्ट में भले ही पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ के खिलाफ लड़ाई हार गए हों लेकिन वे दिल से अभी नहीं हारे हैं। वे एक और लड़ाई लड़ रहे हैं। इस बार वे सीधे जनता की अदालत में हैं। उन्होंने पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ को उखाड़ फेंकने के लिए जनता से वोट और सपोर्ट मांगा है। ये जनता कोई और नहीं बल्कि प्रेस क्लब आफ इंडिया, दिल्ली के मेंबर हैं। प्रेस क्लब के सालाना चुनाव सिर पर हैं। नामांकन और नाम वापसी जैसी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं। 24 अक्टूबर को डायरेक्ट वोट पड़ने का काम बाकी है। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ अपने पैनल के साथ फिर मैदान में हैं। अध्यक्ष पद के लिए परवेज अहमद मैदान में हैं। पुष्पेंद्र वैसे तो महासचिव पद पर तीन बार जीतकर हैट्रिक पूरी कर चुके हैं लेकिन लगता है उनका मन नहीं भरा है। वे किसी और को महासचिव पद देने के बिलकुल मूड में नहीं हैं।
24 अक्टूबर को होंगे पीसीआई के चुनाव
अवैध आंतरिक कमेटी के सभी फैसले निरस्त, लेन-देन की जांच कराने का फैसला : कोर्ट से जीत मिलने के बाद प्रेस क्लब आफ इंडिया के अध्यक्ष परवेज अहमद और महासचिव पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ वाली मैनेजिंग कमेटी की पहली बैठक में कई फैसले लिए गए। सबसे अहम फैसला हुआ पीपी बालाचंद्रन के नेतृत्व वाली अंतरिम समिति के 22 अगस्त से 17 सितंबर के कार्यकाल में हुए लेन-देन की जांच कराने का। कहा गया कि अवैध आंतरिक समिति ने गलत तरीके से प्रेस क्लब के पैसे को खर्च किया।
परवेज-पुष्पेंद्र ने विरोधियों को धूल चटाया
प्रेस क्लब आफ इंडिया में चल रहे विवाद पर कोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित कर दिया है। इस आदेश से परवेज अहमद और पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ वाली कमेटी को एक तरह से जीत हासिल हो गई है। कोर्ट ने अपने 18 पेजों के आदेश में नदीम अहमद काजमी द्वारा बुलाई गई ईजीएम (एक्स्ट्रा जनरलबाडी मीटिंग) और ईजीएम में बनाई गई निर्वाचित कमेटी भंग कर अंतरिम समिति बनाए जाने को अवैध करार दिया है। साथ ही अंतरिम समिति को 24 घंटे के अंदर सारे डाक्यूमेंट निर्वाचित कमेटी को सौंपने के आदेश दिए हैं। इस तरह पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ फिर प्रेस क्लब आफ इंडिया के महासचिव के रूप में सत्तासीन हो गए हैं। नदीम अहमद काजमी और बालाचंद्रन वाले गुट को कोर्ट ने एक तरह से लताड़ भी लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि जो ईजीएम बुलाई गई, उसके लिए नियमों का पालन नहीं किया गया। इजीएम के लिए सदस्यों को रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजना चाहिए था।
अदालत ने प्रेस क्लब में रिसीवर बिठाया
आर्थिक व सदस्यता संबंधी गड़बड़ियों की जांच व चुनाव कराने का काम भी रिसीवर संभालेंगे : दिल्ली में पटियाला हाउस कोर्ट ने प्रेस क्लब आफ इंडिया की किच-किच को खत्म करते हुए वहां अपना रिसीवर बिठाने का फैसला किया है। रिसीवर एकाउंट और मेंबरशिप की गड़बड़ियों की जांच-पड़ताल करने व नया चुनाव कराने का कार्य संपादित करेंगे। ज्ञात हो कि प्रेस क्लब के महासचिव पद से हटाए गए पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ आपसी लड़ाई को अदालत लेकर गए थे। उन्होंने ईजीएम बुलाकर खुद को हटाए जाने को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में चुनौती देते हुए ईजीएम के फैसले को खारिज करने व पुरानी कमेटी को बहाल करने का अनुरोध किया था। कोर्ट ने इस मामले की त्वरित गति से सुनवाई की। हर दूसरे दिन तारीख पड़ती रही और दोनों पक्ष अपने-अपने तर्कों को पेश करते रहे। कुल छह तारीखों के बाद कोर्ट ने आज फैसला सुना दिया। फैसले के मुताबिक गड़बड़ियों की जांच-पड़ताल के लिए रिसीवर नियुक्त किया जाएगा। रिसीवर हाईकोर्ट के कोई पूर्व या वर्तमान न्यायाधीश होंगे। कुछ लोगों का कहना है पूर्व जस्टिस चावला को रिसीवर नियुक्त कर दिया गया है।
‘बड़ी हास्यास्पद रिपोर्ट थी बी4एम पर’

प्रेस क्लब आफ इंडिया के दो सदस्यों ने भड़ास4मीडिया को भेजी पाती…
पुष्पेंद्र-परवेज की छुट्टी, अंतरिम समिति
वही हुआ, जिसकी संभावना थी। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ के साम्राज्य का असमय अंत हो गया। पुष्पेंद्र प्रेस क्लब आफ इंडिया (पीसीआई) के महासचिव पद पर हुआ करते थे। कल 22 अगस्त को जो आपात बैठक (ईजीएम) कोषाध्यक्ष नदीम अहमद काजमी की अगुवाई में बुलाई गई थी, उसमें बहुमत से महासचिव और अध्यक्ष के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दिया गया। इसके बाद पीसीआई की वर्तमान समिति को भंग कर प्रेस क्लब के अगले चुनाव तक संचालन हेतु अंतरिम कार्यकारी समिति का गठन किया गया। इस समिति का अगुवा (संयोजक) पीपी बालाचंद्रन को बनाया गया और समिति में संयोजक समेत कुल सात सदस्य (अजय कुमार, टीके राजलक्ष्मी, शाहिद फरीदी, गिरिजा शंकर, एस. सेन, वाईएस गिल) रखे गए हैं।
22 अगस्त को पुष्पेंद्र का क्या होगा?
दिल्ली के रायसीना रोड स्थित प्रेस क्लब आफ इंडिया (पीसीआई) में चल रहे घमासान का हल निकाले जाने की एक तारीख तय हो चुकी है- 22 अगस्त। इस दिन कोई हल निकल पाएगा, दावे से कोई कुछ नहीं कहा रहा। आर्थिक गड़बड़ियों, तानाशाही और कु-प्रबंधन जैसे आरोपों से घिरे महासचिव पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ को हटाने के मुद्दे पर कोषाध्यक्ष नदीम अहमद काजमी और उनके लोगों ने 22 को एक्स्ट्रा जनरलबाडी मीटिंग (ईजीएम) बुलाई है। ईजीएम बुलाने के लिए नदीम व उनके लोगों ने पीसीआई के अध्यक्ष से लिखित अनुरोध किया था। अनुरोध पत्र के साथ ईजीएम बुलाने के लिए जरूरी सदस्यों की कुल संख्या के वन-टेंथ (करीब 400) के हस्ताक्षर युक्त पत्र भी सौंपा। अध्यक्ष ने जब ईजीएम बुलाने का अनुरोध नहीं स्वीकारा तो नदीम व कमेटी के अन्य सात लोगों ने मिलकर ईजीएम की तारीख 22 अगस्त घोषित कर दी। इसकी सूचना प्रेस क्लब के नोटिस बोर्ड पर भी चिपका दी गई है। सभी सदस्यों को एक-एक कर ईजीएम के बारे में जानकारी दी जा रही है।
नदीम खेमे ने ‘पुष्पेंद्र हटाओ’ अभियान तेज किया
[caption id="attachment_15325" align="alignleft"]नदीम के मुद्दे पर पुष्पेंद्र द्वारा बुलाई गई बैठक के लिए जारी नोटिस[/caption]प्रेस क्लब आफ इंडिया (पीसीआई) में आंतरिक राजनीति अपने चरम पर है। नदीम खेमा पुष्पेंद्र को निपटाने की तैयारी में जुटा है। नदीम अहमद काजमी पीसीआई के कोषाध्यक्ष हैं और पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ महासचिव। बीते दिनों नदीम ने पीसीआई के एक करोड़ रुपये के घाटे में होने को लेकर जो मेल क्लब के सदस्यों को भेजा था, उसके चलते पुष्पेंद्र खेमा खासा नाराज है। नदीम को दंडित करने के लिए पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने मैनेजिंग कमेटी की बैठक शनिवार 18 जुलाई को बुलाई थी लेकिन अचानक इस बैठक को कैंसिल कर दिया गया। हालांकि भड़ास4मीडिया से बातचीत में तब पुष्पेंद्र ने किसी तरह की बैठक बुलाए जाने से ही इनकार कर दिया था लेकिन भड़ास4मीडिया के पास बैठक बुलाने का लिखित पत्र मौजूद है जिसमें खुद पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ के हस्ताक्षर हैं। इस पत्र को यहां बाईं तरफ प्रकाशित किया गया है।
पुष्पेंद्र-नदीम एक दूजे को हटाने में जुटे
प्रेस क्लब आफ इंडिया में ‘जंग’ जारी है। महासचिव पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ और कोषाध्यक्ष नदीम अहमद काजमी आमने सामने आ चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि क्लब के कोषाध्यक्ष नदीम द्वारा सभी सदस्यों को क्लब की आर्थिक स्थिति के बारे में भेजे गए मेल को क्लब को बदनाम करने की साजिश मानते हुए महासचिव पुष्पेंद्र के गुट की ओर से आज शाम चार बजे जनरल बाडी मीटिंग (जीबीएम) बुलाई गई है। इसका एजेंडा नदीम को दंडित करना है। सूत्रों का कहना है कि पुष्पेंद्र गुट अब किसी कीमत पर नदीम को क्लब के कोषाध्यक्ष पद से हटाने या दंडित करने के मूड में है। इसी कारण यह गुट क्लब के कई सदस्यों से नदीम को दंडित किए जाने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करवा चुका है। आज शाम चार बजे होने वाली इमरजेंसी मीटिंग में नदीम के खिलाफ दंडात्मक प्रस्ताव पारित कराए जाने की तैयारी पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ गुट ने कर ली है। अंकों का गणित भी पुष्पेंद्र गुट के पक्ष में है। इस मीटिंग में हंगामा होने के आसार हैं। नदीम गुट के लोगों ने बैठक में पुष्पेंद्र को घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है। नदीम के नेतृत्व में कई पूर्व व वर्तमान पदाधिकारी पुष्पेंद्र को महासचिव पद से हटाने के लिए पहले से ही हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं।
पीसीआई में जंग, पुष्पेंद्र हटाओ अभियान शुरू
दिल्ली के रायसीना रोड पर स्थित प्रेस क्लब आफ इंडिया में बगावत जैसी स्थिति पैदा हो गई है। क्लब के महासचिव पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ की हरकतों से खफा क्लब के कई पूर्व और मौजूदा पदाधिकारी अब एकजुट होकर ‘पुष्पेंद्र हटाओ अभियान’ चलाने में जुट गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 28 जून रविवार को दिन में जो कुछ हुआ उसके बाद से क्लब के कर्मचारी संगठन और क्लब के अन्य पदाधिकारी सकते में आ गए हैं। अभी तक लोग दबी जुबान से पुष्पेंद्र की कथित तानाशाही का विरोध करते थे लेकिन रविवार की घटना के बाद से सभी खुलकर बोलने लगे हैं।
फिर सत्ताधारी हुआ पुष्पेंद्र पैनल
प्रेस क्लब आफ इंडिया के चुनाव में परवेज अहमद अध्यक्ष और पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ महासचिव चुने गए। उपाध्यक्ष पद पर जयंत भट्टाचार्य और नरेंद्र भल्ला आसीन हुए। कोषाध्यक्ष बने नदीम अहमद काजमी। मैनेजिंग कमेटी के लिए चुने गए- अजय वर्मा, आनंद कुमार, अनूप सक्सेना, अरुण जेटली, अरुणा सिंह, आशीष कुमार सिंह, अशोक वानखेड़े, अवतार नेगी, जगदीश यादव, केएन जोशी, मानस बनर्जी, प्रमोद कुमार, प्रमोद पुष्करणा, रीतू वर्मा, सविता श्रीवास्तव और विजय शंकर चतुर्वेदी। अध्यक्ष बने परवेज अहमद ने कुल 458 वोट पाए।
‘पुष्पेंद्र की तानाशाही खत्म कराने में साथ दें’
18 अक्टूबर को प्रेस क्लब आफ इंडिया की नई टीम चुनी जाएगी। करुणा मदान महासचिव पद की प्रत्याशी हैं। वे पिछली बार उपाध्यक्ष रहीं। भड़ास4मीडिया के माध्यम से वे पूरे देश के पत्रकारों तक अपनी बात पहुंचाना चाहती हैं। हालांकि वोट देने का अधिकार प्रेस क्लब के सदस्यों को ही है, लेकिन करुणा का मानना है कि प्रेस क्लब आफ इंडिया को पूरे देश के लिए रोल मॉडल बनाया जाना चाहिए। यह काम नई सोच व नई उर्जा से लैस टीम ही कर सकती है। पेश है करुणा के विचार। आप उन्हें पढ़ें, सुनें और गुनें। – संपादक, भड़ास4मीडिया