Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

यूं क्रियेट हुई ग्रहण की ‘यूनिक फोटो’

[caption id="attachment_15466" align="alignnone"]वाह गुरु, लग नहीं रहा कि अपन सब भारत के वासी हैं![/caption]

बीते दिनों इलाहाबाद के एक फोटोग्राफर का कमाल पूरे मीडिया जगत के लिए उल्लेखनीय रहा। वह इसलिए कि उसके प्रायोजित चित्र को एक बड़ी फोटो एजेसी ने सभी अखबारों के लिए जारी कर दिया। किसने छापा, किसने नहीं, ये तो अखबारों की मर्जी, लेकिन फोटोग्राफर प्रायोजन के जरिए थोड़ी हकीकत-थोड़ा फसाना रचने में कामयाब रहा। अपने फोटोग्राफी नेटवर्क के लिए यह फोटो एजेंसी पूरी दुनिया में सबसे विश्वसनीय एजेंसी मानी जाती है।

बीते दिनों इलाहाबाद के एक फोटोग्राफर का कमाल पूरे मीडिया जगत के लिए उल्लेखनीय रहा। वह इसलिए कि उसके प्रायोजित चित्र को एक बड़ी फोटो एजेसी ने सभी अखबारों के लिए जारी कर दिया। किसने छापा, किसने नहीं, ये तो अखबारों की मर्जी, लेकिन फोटोग्राफर प्रायोजन के जरिए थोड़ी हकीकत-थोड़ा फसाना रचने में कामयाब रहा। अपने फोटोग्राफी नेटवर्क के लिए यह फोटो एजेंसी पूरी दुनिया में सबसे विश्वसनीय एजेंसी मानी जाती है।

कमोबेश रोजाना ही इस एजेंसी की फोटो हर अखबार इस्तेमाल करता है। इस एजेंसी के फोटोग्राफर दुनिया भर में फैले हुए हैं। वे और कोई नहीं, अपने-अपने क्षेत्रों के स्थानीय छायाकार ही होते हैं, जिनका इनसे अनुबंध होता है। इसी तरह इलाहाबाद से अनुबंधित इस एजेंसी का एक फोटोग्राफर पिछले माह 22 जुलाई को अपनी प्रायोजित फोटोग्राफी के जरिए दुनिया भर से वाहवाही लूटने में कामयाब रहा।

22 जुलाई को सूर्य ग्रहण का दिन था। संगम तीरे अथाह श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा था। फोटोग्राफर ने अक्ल दौड़ाई और सूर्य ग्रहण के समय संगम घाट पर स्नान कर रहे तमाम श्रद्धालुओं को उसने खास किस्म का चश्मा बांट दिया। चश्मा पहनने वालों को मालूम था कि अखबारों के लिए उनकी फोटो खिंचेगी। जिसे भी थमाया गया, सबसे दनादन चश्मा पहन लिया। सूर्य ग्रहण लगते ही सबकी टकटकी आसमान की ओर। फोटोग्राफर के इस कमाल के इंतजाम ने बिना हर्र-फिटकरी लगे रंग चोखा कर दिया। क्या बच्चे, क्या बूढे, जवान और महिलाएं, सब-के-सब इतने मनोयोग से ऊपर ताकने लगे, मानो कभी आसमान देखा ही न हो। और उधर अपनी तरकीब से अभिभूत जनाब छायाकार एक्सक्लूसिव फोटोग्राफी में मस्त। मजा आ गया। चकाचक फोटो बनीं। एजेंसी को मेल कर दी गईं। एजेंसी वाले भी फोटो देख मुग्ध। इन फोटुओं को झटपट जारी कर दिया।

उन्हीं तस्वीरों में से कुछ हम आपको भी दिखा रहे हैं। देखिए जरा ध्यान से। किस तरह संगम पर साधु-संत, महिलाएं काले चश्मे पहने हुए स्नान कर पुण्य लाभ भी उठा रहे हैं और सूर्य ग्रहण का मजा भी ले रहे हैं। देखकर लगता है कि इलाहाबाद में स्नानार्थी सदी के सबसे बड़े सूर्य ग्रहण को देखने के लिए कितने बेताब थे। इलाहाबाद से भेजी गईं ज्यादातर तस्वीरें एजेन्सी ने रिलीज कर दीं। ये तस्वीरें आसानी से बता रही हैं कि सब कुछ पहले से ‘सेट’ था। वैसे, प्रायोजन भी फोटोग्राफी कला का हिस्सा माना जाता है। कई बार फ्रेम, कांट्रास्ट, कलर, थीम आदि चीजों को प्रायोजित बोले तो, मन-मुताबिक बना कर उम्दा फोटो बनाई जाती है। इसलिए सूर्य ग्रहण के मौके के फोटो प्रायोजन को गलत नहीं कहा जा सकता।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपने मोबाइल पर भड़ास की खबरें पाएं. इसके लिए Telegram एप्प इंस्टाल कर यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia

Advertisement

You May Also Like

Uncategorized

भड़ास4मीडिया डॉट कॉम तक अगर मीडिया जगत की कोई हलचल, सूचना, जानकारी पहुंचाना चाहते हैं तो आपका स्वागत है. इस पोर्टल के लिए भेजी...

Uncategorized

भड़ास4मीडिया का मकसद किसी भी मीडियाकर्मी या मीडिया संस्थान को नुकसान पहुंचाना कतई नहीं है। हम मीडिया के अंदर की गतिविधियों और हलचल-हालचाल को...

टीवी

विनोद कापड़ी-साक्षी जोशी की निजी तस्वीरें व निजी मेल इनकी मेल आईडी हैक करके पब्लिक डोमेन में डालने व प्रकाशित करने के प्रकरण में...

हलचल

[caption id="attachment_15260" align="alignleft"]बी4एम की मोबाइल सेवा की शुरुआत करते पत्रकार जरनैल सिंह.[/caption]मीडिया की खबरों का पर्याय बन चुका भड़ास4मीडिया (बी4एम) अब नए चरण में...

Advertisement