विदेशी पत्रकारों को मान्यता में मुश्किलों का जो मामला जापानी जर्नलिस्ट ने पीएम मनमोहन की पीसी में उठाया था, उसका असर दिखने लगा है. तब पीएम ने कहा था कि वे इस मामले की जांच कराएंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जुड़े वरिष्ठ लोगों ने एक बैठक कर विदेशी पत्रकारों की मान्यता के मामले की समीक्षा की. इसमें कई चौंकाने वाले तथ्य पता चले.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने गृह सचिव जी के पिल्लई, आईबी के प्रमुख राजीव माथुर और पीएमओ, विदेश मंत्रालय और सूचना व प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई. बैठक में विदेशी पत्रकारों को पीआईबी मान्यता के मुद्दे पर विचार हुआ. इस बैठक में पता चला कि विदेशी पत्रकारों को मान्यता से जुड़े आवेदन करीब 42 महीने से मंजूरी के इंतजार में हैं.
पीएमओ के अधिकारी लालफीताशाही के कारण लटके मामलों के बारे में जानकर हक्के बक्के रह गए. 50 से अधिक आवेदनों को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है. कई मामले साढे़ तीन साल से लटके हैं. इन आवेदनों के जल्द से जल्द निपटारे और सुरक्षा जांच के बाद हरी झंडी देने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. अब कार्यवाही सूचना व प्रसारण मंत्रालय और पीआईबी के जिम्मे है.
rajiv
June 25, 2010 at 1:21 pm
U.P.ME MANYTA KO LEKAR BADA GHAPLA HUA HAI…PRASAR BHARTI KE SAMVIDA KARMION AUR DD NEWS KA STINGERON KO MANYTA DE DI GYI HAI JAB KI BAKI PATRAKAAR AAJ TAK LAKHNAW KI OR DEKH RAHE HAIN…PAISA NA PAHUNCHNE SE HI DERI KARNE KE SAMAACHAR MIL RAHE HAIN.
Deepak
July 2, 2010 at 11:42 am
its gd effort but zaldi ho to achha hoga…………..