पत्रकारिता की आड़ में हो रहे अपराध की कलई खुली : रायबरेली जिले में पुलिस से बचने के लिए अनेक अपराधी पत्रकारिता का आवरण ओढकर अपना बचाव करने में जुटे हैं और कुछ अपराधी मानसिकता के लोग पत्रकारिता की आड़ में अपराध करने में जुटे हैं। थाना गुरूबख्शगंज में एक लूट की घटना का खुलासा करते हुए पुलिस ने पत्रकारिता के क्षेत्र में घुसे अपराधियों की भी पोल खोलकर रख दी हैं। बीती 24 मई को बच्चू लाल पुत्र मंगल निवासी रजवापुर ने 9500 रुपये स्टेट बैंक से अपने घर में होने वाले तिलक हेतु निकाले थे। नकदी लेकर वह गांव जा रहे थे तभी एक मोटर साइकिल पर सवार तीन युवकों ने उन्हें ओवरटेक किया। तीनों अपना मुंह ढके हुए थे। तीनों ने उससे नकदी छीन लिया और भाग गए। थाने में अपराध संख्या 619-10 धारा 392 भादवि दर्ज हुआ।
पुलिस अधीक्षक अजय मोहन शर्मा ने घटना स्थल का निरीक्षण भी किया था और इस सम्बंध में पुलिस सीओ लालगंज राहुल श्रीवास्तव और गुरूबख्शगंज के थानाध्यक्ष को लुटेरों की गिरफ्तारी के सम्बंध में आवश्यक निर्देश दिए। उसी के बाद से पुलिस ने घटना के दिन तीन युवकों को मुंह बांधे मोटर साइकिल पर जाते पता भी लगा लिया। कोंसा मोड़ के कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को लुटेरों की मोटर साइकिल का नम्बर यूपीजे 9230 बताया। पुलिस ने पड़ताल की तो कस्बे के राघवेंद्र सिंह नामक युवक के बारे में पता चला।
स्वयं को पत्रकार कहने वाला राघवेंद्र सिंह कस्बे में टैक्सी बुकिंग का धंधा चलाता है जो एक तरह से ग्रामीणों को ठगने का धंधा है। वह बुकिंग करके एडवांस ले लेता था लेकिन कभी गाड़ी नहीं भेज पाया जिससे बकायेदार उसे घेरे रहते थे और उन लोगों का पैसा चुकाने के लिए राघवेंद्र सिंह इसी तरह की घटनाएं करता रहता था। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एसओ गुरूबशगंज और एसओजी प्रभारी पीके तिवारी ने नाकेबंदी करके तिराहे के पास उक्त नम्बर की मोटर साइकिल पर सवार दो युवकों को धर दबोचा। इन्होंने अपना नाम राघवेंद्र सिंह और विकास सिंह बताया और लूट की घटना को अंजाम देना भी स्वीकार किया।
लुटेरों ने यह भी बताया कि उनका एक और साथी अखिलेश सिंह भी घटना में शामिल था। पुलिस ने लुटेरों के पास से लूट का शिकार हुए बच्चूलाल से लूटी गई रकम के शेष 2000 रुपये तथा लूट के पांच मोबाइल फोन बरामद किए। गिरफ्तार दोनों लुटेरे गढी दूला राय के निवासी हैं और इसी गांव का तीसरा लुटेरा अखिलेश सिंह फरार है। पुलिस अधीक्षक ने लूट की घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 2500 रुपये के नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।
पुलिस अधीक्षक अजय मोहन शर्मा ने पत्रकारों से वार्ता में सभी जिला स्तरीय पत्रकारों से संकेत में कहा कि यदि इस तरह के अपराधी किस्म के लोग अखबारों से जुड़े हों तो इसे देखना चाहिए और अपराधियों को अखबारों की ओर से कतई आश्रय नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि गिरफ्तार लुटेरे उन्नाव जनपद में भी सक्रिय होकर वारदात कर चुके हैं और नगर क्षेत्र में भी उनका आना जाना था। पुलिस दोनों स्थानों से लुटेरों के पनाह दाताओं और उनकी सक्रियता के अड्डों की पड़ताल कर रही है।
ravishankar vedoriya
June 14, 2010 at 11:02 am
agar is tarah se koi bhi apne laabh ke liye patrikarita ka yadi pryog karta hai to wah bahut bada doshi hai ese logo ko kadi se kadi saja deni chaheye sath hi sabhi media group ko kisi ko bhi apne yaha kaam per rakne se pahle puri janch kar lena chaiye
Vishal
June 16, 2010 at 11:55 am
तमाम अखबार जिले में प्रतिनिधियों को ने पैसा नहीं देते उल्टा उन्हें वहां का प्रतिनिधि नियुक्त करने के लिए धन लेते हैं…..पत्रकारिता की ताकत का गलत इस्तेमाल करने वाले ही पैसा देकर पत्रकार बनते हैं और उनसे ऐसी घटनाओं की उम्मीद करना गलत न होगा….और उससे सम्बंधित अख़बार या संस्थान को उसके ऐसे कृत्या पर अचंभित नहीं होना चाहिए,,,