दिल्ली के रायसीना रोड स्थित प्रेस क्लब आफ इंडिया (पीसीआई) में चल रहे घमासान का हल निकाले जाने की एक तारीख तय हो चुकी है- 22 अगस्त। इस दिन कोई हल निकल पाएगा, दावे से कोई कुछ नहीं कहा रहा। आर्थिक गड़बड़ियों, तानाशाही और कु-प्रबंधन जैसे आरोपों से घिरे महासचिव पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ को हटाने के मुद्दे पर कोषाध्यक्ष नदीम अहमद काजमी और उनके लोगों ने 22 को एक्स्ट्रा जनरलबाडी मीटिंग (ईजीएम) बुलाई है। ईजीएम बुलाने के लिए नदीम व उनके लोगों ने पीसीआई के अध्यक्ष से लिखित अनुरोध किया था। अनुरोध पत्र के साथ ईजीएम बुलाने के लिए जरूरी सदस्यों की कुल संख्या के वन-टेंथ (करीब 400) के हस्ताक्षर युक्त पत्र भी सौंपा। अध्यक्ष ने जब ईजीएम बुलाने का अनुरोध नहीं स्वीकारा तो नदीम व कमेटी के अन्य सात लोगों ने मिलकर ईजीएम की तारीख 22 अगस्त घोषित कर दी। इसकी सूचना प्रेस क्लब के नोटिस बोर्ड पर भी चिपका दी गई है। सभी सदस्यों को एक-एक कर ईजीएम के बारे में जानकारी दी जा रही है।
बीते एक अगस्त को कमेटी की जो गर्मागर्म बैठक हुई उसमें पुष्पेंद्र और नदीम के बीच जमकर बहस हुई। एक दूसरे को दोषी और आरोपी बताया-बनाया जाता रहा। इस बैठक में ईजीएम बुलाने की मांग की गई तो अध्यक्ष ने खारिज कर दिया। ज्ञात हो कि इसके पहले वर्ष 2005 और 2006 में ईजीएम बुलाई गई थी। तब भी इसी तरह का मसला उठ खड़ा हुआ था। एक बार तो खुद पुष्पेंद्र ने ही ईजीएम बुलाकर पीसीआई के तत्कालीन सत्तासीन लोगों को मुंहकी खिला दी थी।
इस साल प्रेस क्लब चुनाव अक्टूबर में होने प्रस्तावित हैं। संभव है कि 22 की बैठक में चुनाव होने तक किसी कमेटी के जरिए प्रेस क्लब के संचालन की मांग उठे और इस पर वोटिंग हो। प्रेस क्लब के 50 साल पुराने संविधान को भी तरोताजा करने की तैयारी है। 22 की बैठक में संविधान में कुछ संशोधन सुझाए जा सकते हैं। मसलन, लगातार दो बार चुनाव जीतने के बाद पांच साल तक चुनाव लड़ने से रोका जाए। कोषाध्यक्ष नदीम अहमद काजमी और उनके पैनल से पांच लोग जीत कर आए थे। कुल 21 की कमेटी में से 16 पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ के पैनल के लोग हैं। सूत्रों का कहना है कि पुष्पेंद्र के पक्ष के कुछ लोगों ने पाला बदल लिया है और कई लोग तटस्थ हो गए हैं। इस कारण पुष्पेंद्र के सामने 22 अगस्त को मुश्किल आ सकती है। फिलहाल तो 22 अगस्त को पुष्पेंद्र का क्या होगा, इसको लेकर प्रेस क्लब के बाहर-भीतर चर्चा सरगर्म है।