नदीम खेमे ने ‘पुष्पेंद्र हटाओ’ अभियान तेज किया

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नोटिसप्रेस क्लब आफ इंडिया (पीसीआई) में आंतरिक राजनीति अपने चरम पर है। नदीम खेमा पुष्पेंद्र को निपटाने की तैयारी में जुटा है। नदीम अहमद काजमी पीसीआई के कोषाध्यक्ष हैं और पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ महासचिव। बीते दिनों नदीम ने पीसीआई के एक करोड़ रुपये के घाटे में होने को लेकर जो मेल क्लब के सदस्यों को भेजा था, उसके चलते पुष्पेंद्र खेमा खासा नाराज है। नदीम को दंडित करने के लिए पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने मैनेजिंग कमेटी की बैठक शनिवार 18 जुलाई को बुलाई थी लेकिन अचानक इस बैठक को कैंसिल कर दिया गया। हालांकि भड़ास4मीडिया से बातचीत में तब पुष्पेंद्र ने किसी तरह की बैठक बुलाए जाने से ही इनकार कर दिया था लेकिन भड़ास4मीडिया के पास बैठक बुलाने का लिखित पत्र मौजूद है जिसमें खुद पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ के हस्ताक्षर हैं। इस पत्र को यहां बाईं तरफ प्रकाशित किया गया है।

पुष्पेंद्र ने भले ही बैठक बुलाकर उसे कैंसिल कर दिया लेकिन तय समय व स्थान पर बैठक करने नदीम खेमा पहुंच गया। नदीम के साथ प्रेस क्लब के छह अन्य एक्जीक्यूटिव कमेटी मेंबर थे। बैठक के लिए सात लोगों का होना जरूरी होता है। इन सातों ने बैठक कर एक प्रस्ताव भी पारित किया। यह प्रस्ताव जल्द से जल्द ईजीएम (इमरजेंसी जनरल बाडी मीटिंग) बुलाने के संबंध में था। नदीम खेमे ने मीटिंग के फैसले को प्रेस क्लब के नोटिस बोर्ड पर भी लगा दिया है। साथ ही अध्यक्ष परवेज अहमद से को पत्र भेजकर ईजीएम जल्द से जुल्द बुलाने की मांग कर डाली है। बैठक में नदीम के अलावा सविता श्रीवास्तव, अवतार नेगी, केएन जोशी, अरुणा सिंह, अजय वर्मा और विजय शंकर चतुर्वेदी मौजूद थे। सूत्रों का कहना है कि अगर अध्यक्ष ईजीएम बुलाने की तारीख घोषित नहीं करते हैं तो फिर नदीम खेमा अपनी तरफ से नियमों के मुताबिक ईजीएम की तारीख घोषित कर देगा। इस ईजीएम में पुष्पेंद्र को महासचिव पद से हटाने का प्रस्ताव पेश किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक ईजीएम से पहले नदीम खेमा पुष्पेंद्र के कार्यकाल और करतूतों पर एक चार्जशीट पेश करेगा। इसी चार्जशीट के आरोपों पर बहस के बाद पुष्पेंद्र को हटाने या न हटाने के संबंध में फैसला लिया जाएग। ईजीएम बुलाने के लिए 300 सदस्यों के हस्ताक्षर का पत्र तैयार कर प्रेस क्लब अध्यक्ष परवेज अहमद के पास भेजा जा चुका है।

नदीम ने भड़ास4मीडिया से कहा कि वे सिद्धांत और नैतिकता की लड़ाई लड़ रही है। जिस तरह का अनाचार प्रेस क्लब में फैला है, वह बर्दाश्त के काबिल नहीं है। जो लोग भी प्रेस क्लब की गरिमा की रक्षा चाहते हैं, उन्हें महासचिव के पद से पुष्पेंद्र को हटाने के अभियान को समर्थन देना चाहिए। इस पूरे प्रकरण को लेकर भड़ास4मीडिया ने पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ से बातचीत करने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। उनके मोबाइल पर संदेश भी छोड़ा गया लेकिन कोई जवाब नहीं आया।

एक अन्य घटनाक्रम के मुताबिक प्रेस क्लब की स्क्रूटनी कमेटी के कनवीनर प्रमोद पुष्करणा ने क्लब के सभी सदस्यों को एक मेल भेजकर अपनी सदस्यता के बाबत जरूरी दस्तावेज जमा करने को कहा है। मेल इस प्रकार है-


18-07-2009

NOTICE 

As per decision taken in the meeting of Scrutiny Committee on 18-07-09, all the ordinary members are requested to submit their credentials within one month. This procedure will start from managing committee members.

In case of any doubt on any ordinary membership, it may be informed to Scrutiny Committee for which secrecy will be maintained.

It is also decided that no membership will be terminated, only category will be changed if necessity arises.

(Pramod Pushkarna)

Convenor

Scrutiny Committee


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