हाल-फिलहाल इतने बड़े पैमाने पर इस्तीफे किसी और अखबार में नहीं हुए हैं। दैनिक भास्कर, ग्वालियर वीरान हो चुका है। एक साथ 18 लोगों ने इस्तीफे दे दिए हैं। इस्तीफे देने वाले सभी मीडियाकर्मी ग्वालियर से ही लांच होने जा रहे पीपुल्स ग्रुप के अखबार पीपुल्स समाचार से जुड़ गए हैं या जुड़ने वाले हैं। भास्कर प्रबंधन में अफरातफरी की स्थिति है। स्टेट हेड अभिलाष खांडेकर सात दिनों तक ग्वालियर में डेरा डाले रहे। पद व पैसे बढ़ाकर रोकने की कोशिश करते रहे पर कोई नहीं रुका। अब जो बचे हुए हैं, कहीं वे भी न चले जाएं, इसलिए भास्कर प्रबंधन इनके पद व पैसे बढ़ा रहा है। सूत्र कहते हैं कि हरिमोहन शर्मा ने अपने अपमान का बदला ले लिया। भास्कर जैसे बड़े ग्रुप को सबक सिखा दिया। ज्ञात हो कि कभी दैनिक भास्कर, ग्वालियर के संपादक रहे हरिमोहन शर्मा को बीच में भोपाल बुला लिया गया था और उन्हें स्टेट एडिटर (सैटेलाइट) नामक नए पद पर बिठाकर कुछ नया काम करने को कहा गया।
हरिमोहन की भोपाल भास्कर के वरिष्ठों से बनी नहीं और प्रभावशाली वरिष्ठों ने कान भर-भर के हरिमोहन का पत्ता साफ करा दिया। सूत्र बताते हैं कि हरिमोहन शर्मा को अपमानित करके निकाला गया। उन्हें इतना भी वक्त नहीं दिया गया कि वे अपना पक्ष रख पाते या नई नौकरी तलाश पाते। महीने भर तक घर बैठे रहे हरिमोहन बाद में पीपुल्स ग्रुप से जुड़ गए और उन्हें ग्वालियर एडिशन लांच करने की जिम्मेदारी दे दी गई। ग्वालियर भास्कर के संपादक रह चुके हरिमोहन को ग्वालियर भास्कर में काम करने वाले सभी छोटे-बड़े लोगों की स्थिति पता थी। इसलिए उन्होंने हर एक को उसके पद व पैसे के अनुपात में अच्छी खासी बढ़ोतरी करके पीपुल्स आने के लिए राजी कर लिया। यह कवायद अंदर ही अंदर काफी दिनों से चल रही थी। भास्कर प्रबंधन जमीनी स्थितियों से अनजान बना रहा और ऊपर के आदेश थोपता रहा। नतीजन संपादक से लेकर सब एडिटर तक, भास्कर ग्वालियर से विदा हो गए।
संपादक दिनेश मिश्रा ने इस्तीफा देकर हिंदुस्तान, मेरठ में आरई के रूप में ज्वाइन कर लिया। अनिल शर्मा को भास्कर प्रबंधन ने नया संपादक बनाकर भेजा। इस बीच, भास्कर, ग्वालियर के एडिशन कोआर्डिनेटर मनोज पमार ने भी इस्तीफा दे दिया। अब नीचे के 17 लोगों ने इस्तीफे देने की खबर आ गई। इतने सारे लोगों के इस्तीफा देने के बाद भास्कर प्रबंधन कई लोगों का तबादला कर ग्वालियर भेज रहा है। पर इससे भी एक दिक्कत पैदा हो रही है। जो लोग वर्षों से ग्वालियर भास्कर में काम कर रहे हैं, उनसे जूनियर लोग ज्यादा पैसे पर ग्वालियर पहुंच गए हैं। इनसे पुराने लोगों में कुंठा पैदा हो रही है। ग्वालियर भास्कर की आंतरिक राजनीति भी कुछ इस तरह की हो गई है कि भास्कर के अंदर बैठे ही कई लोग अपने कर्मियों को इस्तीफा देने के लिए उकसा रहे हैं। इसके पीछे मंशा यही है कि जितने ज्यादा लोग इस्तीफा देंगे, और जितनी ज्यादा क्राइसिस पैदा होगी, उतना ही आकस्मिक लाभ मिलने की संभावना बनेगी।
भास्कर, ग्वालियर से जिन 18 लोगों ने इस्तीफे दिए हैं, वे सभी संपादकीय, ग्राफिक व पेज मेकिंग के लोग हैं। इनके नाम इस तरह हैं-
- रमन पोपली
- संजय श्रीवास्तव
- प्रदीप बोहरे
- प्रवीण मिश्रा
- हरीश चंद्रा
- अभिषेक द्विवेदी
- शशांक घोष
- फिरोज खान
- गरिमा श्रीवास्तव
- धमेंद्र शर्मा
- दीपक श्रीवास्तव
- परवेज शर्मा
- बंटी सितोले
- राजेंद्र ठाकुर
- राकेश शुक्ला
- रजनीश दुबे
- लाजपत अग्रवाल
- भारत भूषण शर्मा
(दो लोगों की बात चल रही है और ये भी जल्द इस्तीफा दे देंगे)
एक अन्य सूचना के मुताबिक दैनिक आदित्याज, ग्वालियर में कार्यरत अतुल सक्सेना ने पीपुल समाचार, ग्वालियर में ज्वाइन करने जा रहे हैं। अतुल 17 वर्षों से पत्रकारिता में हैं और पत्रकारिता की शुरुआत दैनिक भास्कर, ग्वालियर से की थी। अभी तक वे दैनिक अदित्याज़ में पहला पन्ना देख रहे थे।