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हलचल

सहारा के पत्रकारों ने लखनऊ में दिखाई ताकत

क्वींस बैटन के लखनऊ में स्वागत के मौके पर पत्रकारों के साथ बदसलूकी को लेकर आज राजधानी लखनऊ में पत्रकारों की ओर से ऐतिहासिक विरोध जुलूस निकाला गया। इस मार्च में बड़ी संख्या में जिलों से आए पत्रकार शामिल हुए। हालांकि लखनऊ व प्रदेश के पत्रकार संगठन व उनके नेता इस मार्च से दूर ही रहे।

<p style="text-align: justify;">क्वींस बैटन के लखनऊ में स्वागत के मौके पर पत्रकारों के साथ बदसलूकी को लेकर आज राजधानी लखनऊ में पत्रकारों की ओर से ऐतिहासिक विरोध जुलूस निकाला गया। इस मार्च में बड़ी संख्या में जिलों से आए पत्रकार शामिल हुए। हालांकि लखनऊ व प्रदेश के पत्रकार संगठन व उनके नेता इस मार्च से दूर ही रहे।</p> <p>

क्वींस बैटन के लखनऊ में स्वागत के मौके पर पत्रकारों के साथ बदसलूकी को लेकर आज राजधानी लखनऊ में पत्रकारों की ओर से ऐतिहासिक विरोध जुलूस निकाला गया। इस मार्च में बड़ी संख्या में जिलों से आए पत्रकार शामिल हुए। हालांकि लखनऊ व प्रदेश के पत्रकार संगठन व उनके नेता इस मार्च से दूर ही रहे।

उत्तर प्रदेश प्रेस क्लब से डीएम आवास तक निकाले गए मार्च से पत्रकारों के संगठनों के बैनर तो दिखे पर नेता नदारद थे। प्रेस क्लब के अध्यक्ष, सचिव सहित कोई पदाधिकारी मार्च में नहीं दिखा। हां, ज्वाइंट सेक्रेटरी इफतिदा भट्टी जरूर शामिल हुए। इसके अलावा उपजा व श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के बड़े नेता इस मार्च से दूर ही रहे। उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त पत्रकार संघ के सचिव योगेश मिश्रा मार्च में मुंह दिखाने के लिए आए और कार में बैठ कर चलते बने। सहारा समूह के करीब-करीब सभी लोग इस मार्च में शामिल रहे।

सहारा ने जिलों से अपने पत्रकारों को बुला रखा था। जिलों से आए सहारा के पत्रकारों के साथ दूसरे अखबारों के पत्रकार भी लखनऊ पहुंचे। जिलों से लोगों को बसों और जीपों में बुलाया गया था। लखनऊ के करीबी जिलों सीतापुर, लखीमपुर, उन्नाव, हरदोई, गोंडा, बलरामपुर से भारी तादाद में सहारा कर्मी मार्च में हिस्सा लेने पहुंचे। सैकडों की तादा में पत्रकारों ने प्रेस क्लब से मार्च निकाल डीएम आवास पर जाकर एडीएम पाठक को ज्ञापन सौंपा।

मार्च की अगुवाई सहारा के यूनिट हेड राजेंद्र दिवेदी, किशोर निगम, विजय शंकर पंकज, ताहिर अब्बास, स्थानीय संपादक मनोज तोमर, अफरोज रिजवी, कमाल खान, मनमोहन, प्रशांत दीक्षित, कमल दुबे, कमल तिवारी, हेमंत शुक्ला व शिल्पी सेन कर रहे थे। गैर-सहारा के लोगों में जिला मान्यता प्राप्त पत्रकार संघ के अब्दुल वहीद, जुबेर, मोहसिन, जितेंद्र खन्ना, टाइम्स नाउ के प्रांशु, स्टार के उमेश पाठक, पंकज झा, जी के आलोक गुप्ता, सीएनईबी के नवल कांत, भट्टी, शिवसरन सिंह नजर आए। त्रिगुट समाचार पत्र के मालिक रजा रिजवी, प्रभात त्रिपाठी भी मार्च में थे। इस मार्च को देखकर लोग कह रहे थे कि सहारा ने अपने पत्रकारों के जरिए प्रशासन को ताकत का एहसास कराया है।

श्रमजीवी पत्रकार संघ के सूबे के अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी, उपजा के सर्वेश कुमार सिंह जन्होंने मामले को लेकर बयान दिया था, मौके पर कहीं नही दिखे। पत्रकार नेता हेमंत तिवारी मार्च खत्म हो जाने के बाद भीड़ का जायजा लेने और जरूरी जानकारी जुटाने पहुंचे। इस मार्च के जरिए पत्रकारों ने एडीएम आरके पांडे व एएसपी हरीश कुमार पर कार्रवाई की मांग की। पत्रकारों का कहना है कि कई वर्षों बाद इतनी बड़ी संख्या में पत्रकारों ने लखनऊ में विरोध प्रदर्शन किया। आमतौर पर बड़े से बड़े विरोध प्रदर्शन में भी 200 से ज्यादा पत्रकार शामिल नहीं हुए।

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0 Comments

  1. mazhar husain Journalist

    July 12, 2010 at 12:54 pm

    Sahara ne apni taqat dikhayi zile aur Lucknow ke patrkaar bhi sahmil huye ye bahut hi Achchi baat hai main is ka swagat kaeta hoon bas wahi log is Juloos me Shamil nahi huye jo Shayad Prashashan ki Chatukarita me hae waqt lage rahte hai waise agar Luknow ke hi sabhi patrkaar is Virodh Juloos me shamil ho jate to aur baat hoti Samajh me nahi aata Jo Ptrkaar is Virodh Juloos me shamil nahi huye wah apna munh kis wajah se Chupate fir rahe hai ya inhe koi Der sata raha hai ya Fir ye yah sonch rahe hai ki inke saatj aisa nahi ho sakta agar ye sare log aisa sonchte hai to kal jab inke saath kuch hoga to kaun inke sath khada hoga… kab inki band aankhe khulengi…..mujhe pata nahi yha warna main bhi is Virodh Juloos mein Shamil Zaroor hota Afsos hai…. Lekin main saaf kahna chata hoon ki Jo Patrkaar Apne saathiyo ke saath huye Durvyohaar par saath khade nahi huye unke upar Lanat hai …..

  2. ALAM KHAN (Editor) Tanda A.Nagar

    July 12, 2010 at 8:19 pm

    Thank’s sahara,
    Aap ne patarkaro ko kisi bhi tarah jama kar ke parshasan ke muh per karara tamacha marte huwe ham jaise media jagat ke logo ki laj bachai hai. Virodh me jo bhi log jaan boojh kar samil nahi huye hai unhone apne DALAL hone ka khula saboot pesh kar diya hai. Wo waqt door nahi jab wo log beezzat honge aur duniya tamasha dekhe gi.
    Ai Luknow ke beezzat huwe patarkar bhaio aap riyal Ezzat wale ho, beezzat to wo log hai jinhone aaj apna chehra chupa rakha tha.ALAM KHAN Editor ‘soochna ka niyam’ 590,Qasba Eest. TANDA. Ambedkar Nagar up 098393727098)

  3. sandhydeep kashiv

    July 12, 2010 at 10:08 pm

    na ispar wale na us par wale hum akhbaar wale.

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