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TOI का कुख्यात विनीतवा डुबायेगा पीटीआई!

अब पीटीआई का भी बंटाधार होना तय है. टीओआई का मालिक विनीत जैन इस शानदार न्यूज एजेंसी के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स का नया चेयरमैन चुन लिया गया है. ये वही विनीत जैन है जिसने पेड न्यूज के चलन की शुरुआत की. टीओआई के पेज थ्री पर पैसे देकर घर की पार्टियों की तस्वीरें व खबरें छपवाने की शुरुआत करने वाला यह कुख्यात आदमी अब इस देश की सबसे बड़ी न्यूज एजेंसी का मालिक बन बैठा है. मालिक बनाए जाने का यह चुनाव पीटीआई के 63वें सालाना बैठक में किया गया. इस बैठक में मीडिया की कई हस्तियां शामिल थीं.

<p style="text-align: justify;">अब पीटीआई का भी बंटाधार होना तय है. टीओआई का मालिक विनीत जैन इस शानदार न्यूज एजेंसी के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स का नया चेयरमैन चुन लिया गया है. ये वही विनीत जैन है जिसने पेड न्यूज के चलन की शुरुआत की. टीओआई के पेज थ्री पर पैसे देकर घर की पार्टियों की तस्वीरें व खबरें छपवाने की शुरुआत करने वाला यह कुख्यात आदमी अब इस देश की सबसे बड़ी न्यूज एजेंसी का मालिक बन बैठा है. मालिक बनाए जाने का यह चुनाव पीटीआई के 63वें सालाना बैठक में किया गया. इस बैठक में मीडिया की कई हस्तियां शामिल थीं.</p>

अब पीटीआई का भी बंटाधार होना तय है. टीओआई का मालिक विनीत जैन इस शानदार न्यूज एजेंसी के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स का नया चेयरमैन चुन लिया गया है. ये वही विनीत जैन है जिसने पेड न्यूज के चलन की शुरुआत की. टीओआई के पेज थ्री पर पैसे देकर घर की पार्टियों की तस्वीरें व खबरें छपवाने की शुरुआत करने वाला यह कुख्यात आदमी अब इस देश की सबसे बड़ी न्यूज एजेंसी का मालिक बन बैठा है. मालिक बनाए जाने का यह चुनाव पीटीआई के 63वें सालाना बैठक में किया गया. इस बैठक में मीडिया की कई हस्तियां शामिल थीं.

चुनाव के बाद जो स्थिति है, उसके मुताबिक पीटीआई का वाइस प्रेसीडेंट मातृभूमि ग्रुप के प्रेसीडेंट & मैनिजिंग डायरेक्टर एमपी वीरेन्द्र कुमार को चुना गया. पीटीआई बोर्ड आफ डायरेक्टर्स के अन्य सदस्य हैं- विजय कुमार चोपड़ा, हिन्द समाचार, एनरवि, द हिन्दू, आर लक्ष्मीपति, दीनामलार, अबीक कुमार सरकार, आनंद बाजार पत्रिका, शेखर गुप्ता, इंडियन एक्सप्रेस, केएन संत कुमार, डेक्कन हेराल्ड, महेन्द्र मोहन गुप्ता, जागरण प्रकाशन, होरमुसजी एन कामा, बॉम्बे समाचार, रियाद मैथ्यू, मलयाला मनोरमा,  संजय नारायण, हिन्दुस्तान टाइम्स शामिल हैं. तीन लोग अखबारों की दुनिया से अलग ताल्लुक रखते हैं, उनके नाम हैं- ईवी चिटनीस, एसवी भरूचा, फली नरीमन.

सोचिए जरा. जिस पीटीआई व भाषा को हम निष्पक्ष न्यूज एजेंसी मानते हैं, उसमें इन पेड न्यूज नामधारी कुख्यात मालिकों का सिक्का चलने लगा है तो आगे क्या होगा. ध्यान रखिए, ये वही लोग हैं जो इस दौर में मीडिया के पतन के लिए सबसे ज्यादा उत्तरदायी हैं. खासकर विनीतवा, जो टीओआई का मालिक है, वो पेड न्यूज का जनक है. टीओआई में किस प्यार व शातिराना तरीके से इसने पेड न्यूज को प्रवेश कराया है, ये पूरा पत्रकार जगत जानता है. इसका एकमात्र लक्ष्य होता है ज्यादा से ज्यादा मुनाफा बढ़ाना. हालांकि ये भी सच है कि टीओआई आज भी इंडियन एक्सप्रेस के बाद एक मात्र ऐसा बड़ा मीडिया समूह है जो खबरें छापता ज्यादा है, छुपाता कम है. लेकिन सत्ता शीर्ष पे बैठे लोगों के साथ डील करने में ये हाउस हाल-फिलहाल ज्यादा कुख्यात हुआ है.

वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय के नेतृत्व में निकलने वाली मैग्जीन प्रथम प्रवक्ता ने टीओआई ग्रुप की पोल खोली है जिसमें कहा गया है कि विज्ञापन व ब्रांडिंग की डील न होने के बाद टीओआई ने कामनवेल्थ गेम व कलमाड़ी के खिलाफ नकारात्मक अभियान चलाया और इसी के बाद पूरे देश में कामनवेल्थ गेम्स में भ्रष्टाचार की खबरों के छपने की शुरुआत हुई.

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0 Comments

  1. Animesh

    August 31, 2010 at 5:06 pm

    Khabar correct lekin vishleshan galat.

    PTI ke baare me jisko bhi thodi-bahut pata hai, woh yeh- ki PTI me bhale hi board aur chairman hon, yeh sab anshkaalik (part-time) thappa lagane wale hote hain, inka ekmatra swarth PTI service ki rate akhbaron ke liye kam rakhna hai, Baaki PTI ka bantadhar kar rahe hain is agency ke sarvesarva M K Razdan, jo pichle 17 saal se is post par baithe hue hain, aur PTI ko ghut-ghut kar maar rahe hain.
    Vineetva ke baare me baki aakalan sahi hai..(1) woh paid news ke janak hain (2) TOI aur ab NBT me Bollywood-Hollywood mahilaon ki adhnangi tasvirein chhapwane ke vo aur Sameerva praneta hain, jise anya akhbaron Hindustan, Jagaran, etc. ne bhi apna liya hai (3) Hindi patrikaon (sarika, Madhuri, Dinman) ko ek-ek kar band karwane me Sahu Samir Jain ka haath hai. Abhi thodi der pahle ek lekhak Raghuvir Sahay ko sideline kiye jaane ka vilaap kar rahe the, woh daur tabhi se shuru ho chuka tha. TOI group se padhe-likhe sampadakon ko bahar ka raasta dikhane ka kaam Sahu Samir Jain ne hi shuru kar diya tha.

    Bhadas ke pathak kya yeh bata sakte hain ki is waqt TOI aur NBT ke sampadak kaun hain? Labbolubab yeh- ki Bharat me ek bhi bada Hindi akhbar aisa nahin hai jo sachmuch janata ki awaaz ho. Angrezi me le-dekar Indian Express ek hai, lekin uske maalik bhi sara kuch Shekhar Gupta ko saunp kar Dubai me masti maar rahe hain. Bharat me sahi maaynon me freedom of press sirf samvidhan ke pannon par hain. Aap vyavastha ke khilaf likhana shuru karen, aur apni haddi tudvane ke liye taiyar bhi rahen. Example : Tehelka during Vajpayee regime.

  2. Neeraj Bhushan

    September 6, 2010 at 4:52 am

    It was early this century when Vineet Jain had become PTI Chairman. It was that time only around 2002 when disintegration of the news agency began. I am already joining those jots through my PTI Diary in my blog neerajbhushan.com

    It is sad that the same person is at the helms again, this year in 2010. Nothing much could be expected from him. No wonder the quality of news and views in the country has deteriorated. For PTI, it can well be said: “अंधेर नगरी चौपट राजा, टेक सेर भाजी टेक सेर खाजा.”

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