इंडियन एक्सप्रेस की पत्रकार ऋतु सरीन को ‘राजनीति रिपोर्टिंग व विश्लेषण’ में उत्कृष्ट कार्य के लिए और राजकुमार केसवानी को ‘पर्यावरण पत्रकारिता’ में उल्लेखनीय योगदान के लिए बुधवार को दिल्ली में ‘प्रेम भाटिया सम्मान’ से नवाजा गया. प्रतिष्ठित पत्रकार प्रेम भाटिया के नाम पर स्थापित न्यास की ओर से यह सम्मान चौदह साल से दिया जा रहा है. अब तक 12 पत्रकारों को राजनीतिक रिपोर्टिंग और चार पत्रकारों को पर्यावरण क्षेत्र में उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए यह सम्मान दिया जा चुका है.
इसके अलावा बीस युवा पत्रकारों को शोध के लिए छात्रवृत्ति दी गई है. इंडियन एक्सप्रेस के समाचार अन्वेषण ब्यूरो की प्रमुख ऋतु सरीन ने इस अवसर पर कहा, ‘प्रेम भाटिया फाउंडेशन से जुड़े अनुभवी पत्रकारों की ओर से इस सम्मान के लिए चुना जाना बहुत प्रोत्साहित करने वाला है. मुझे इस बात की भी खुशी है कि फाउंडेशन ने मुख्यधारा के राजनीतिक लेखन को सम्मानित करने के पिछले कुछ वर्षों के अपने चलन से हटते हुए इस बार गहन विश्लेषण वाली रिपोर्टिंग को सम्मानित करने का फैसला किया.’
दैनिक भास्कर से जुड़े रहे राज कुमार केसवानी आजकल ‘भोपाल पोस्ट’ नाम की वेबसाइट चलाते हैं. उन्होंने इस मौके पर कहा, ‘ऐसा सम्मान मिलना गौरव की बात है. भोपाल गैस त्रासदी पर लड़ाई लंबे समय से चल रही है. लकिन इस मुद्दे पर जागरूकता पिछले कुछ समय में ही बढ़ी है. इस सम्मान ने इस बात को भी रेखांकित किया है कि भोपाल गैस त्रासदी एक दुर्घटना भर नहीं थी.’
समारोह में पंद्रहवें प्रेम भाटिया स्मृति व्याख्यान के तहत- ‘उभरता चीन, उन्नतशील भारत और बहुकेन्द्री विश्व’ पर पूर्व राजनयिक चंद्रशेखर दासगुप्ता ने भारत व चीन की समानताओं-विभिन्नताओं की चर्चा करते हुए कहा, ‘चीन ने सत्तर के दशक के अंत में देंग जियाओपिंग के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर आर्थिक सुधार शुरू किए. जबकि भारत में नब्बे के दशक की शुरुआत में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव और वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने व्यापक आर्थिक सुधारों को आरंभ किया.’
दासगुप्ता ने कहा, ‘भारत-चीन संबंध आने वाले समय में और बेहतर होंगे, बशर्ते कि कोई भी पक्ष दूसरे की नीयत और क्षमताओं को गलत अर्थ में न ले या कम कर के न आंके. वर्तमान दौर से यह आभास मिलता है कि दुनिया बहुकेन्द्री व्यवस्था की ओर बढ़ रही है. वर्ष 2025 तक कई देश दुनिया में शक्ति के स्वायत्त केन्द्र होंगे. अमेरिका दुनिया की बड़ी ताकत बना रहेगा लेकिन चीन अमेरिका को बराबर टक्कर देने वाले प्रतिद्वंदी के रूप में उभर सकता है. बहुकेन्द्री विश्व में भारत की गुट निरपेक्षता की नीति बहुआयामी विदेश नीति का रूप भी ले सकती है.’
dev shrimali
August 17, 2010 at 7:28 am
KESHWANI JI BAHU AYAMI VYAKTITV KE PATRKAR HAI .HAM SABHI KE LIYE ADARSH BHEE .MUBARK HO
— DEV SHRIMALI NDTV GWALIOR