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शोषण करते हैं रीजनल चैनल

नमस्कार जी, मैं पहले तो आपको अपने बारे में बता दूं कि मैं हरियाणा के सिरसा जिले के डबवाली कस्बे का रहने वाला एक अखबार का पत्रकार हूं। पहले मैं भी एक टीवी चैनल का पत्रकार था लेकिन चैनल द्वारा मुझे वेतन न देने के कारण मैंने टेलीविजन की पत्रकारिता छोड़कर समाचार पत्र स्वीकार कर लिया है। वास्तव में आज रीजनल चैनलों की भीड़ सी उमड़ आई है जिनका केवल एक ही मकसद है कि हरियाणा के पत्रकारों का शोषण किस प्रकार से किया जाए।

<p style="text-align: justify;">नमस्कार जी, मैं पहले तो आपको अपने बारे में बता दूं कि मैं हरियाणा के सिरसा जिले के डबवाली कस्बे का रहने वाला एक अखबार का पत्रकार हूं। पहले मैं भी एक टीवी चैनल का पत्रकार था लेकिन चैनल द्वारा मुझे वेतन न देने के कारण मैंने टेलीविजन की पत्रकारिता छोड़कर समाचार पत्र स्वीकार कर लिया है। वास्तव में आज रीजनल चैनलों की भीड़ सी उमड़ आई है जिनका केवल एक ही मकसद है कि हरियाणा के पत्रकारों का शोषण किस प्रकार से किया जाए।</p>

नमस्कार जी, मैं पहले तो आपको अपने बारे में बता दूं कि मैं हरियाणा के सिरसा जिले के डबवाली कस्बे का रहने वाला एक अखबार का पत्रकार हूं। पहले मैं भी एक टीवी चैनल का पत्रकार था लेकिन चैनल द्वारा मुझे वेतन न देने के कारण मैंने टेलीविजन की पत्रकारिता छोड़कर समाचार पत्र स्वीकार कर लिया है। वास्तव में आज रीजनल चैनलों की भीड़ सी उमड़ आई है जिनका केवल एक ही मकसद है कि हरियाणा के पत्रकारों का शोषण किस प्रकार से किया जाए।

पहले तो इन चैनलों के एडिटर, ब्यूरो चीफ अनेक जिलों में पत्रकार बनाने के लिए पत्रकारों से मोटी रकम वसूल करते हैं और उन्हें महीना का वेतन देने का झूठा आश्वासन देते है। जब एक पत्रकार को 4 से 6 महीने से ज्यादा का समय हो जाता है और वो पत्रकार चैनल के एडिटर से अपना वेतन मांगता है तो उसे चैनल से निकाल दिया जाता है। वैसे आजकल रीजनल चैनल पत्रकारों को केवल एक ही शर्त पर रखने को तैयार हो जाते हैं कि वे खबरों पर ज्यादा ध्यान न दें बल्कि अपने जिले से विज्ञापन कितना इकटठा कर सकते हैं, इसका हिसाब रखें और बताएं। इतना ही नहीं, जिस भी व्यक्ति का विज्ञापन टीवी चैनल पर प्रसारित करना है उसे उस विज्ञापन का बिल भी नहीं दिया जाता है। ऐसे में अगर कहीं पर विवाद भी हो जाता है तो चैनल के एडिटर तुरंत उस पत्रकार को अपने चैनल का पत्रकार मानने से मना कर देते हैं।

कुछ ऐसे ही रीजनल चैनल हैं- टाईम टीवी जो कि पटियाला से प्रसारित होता है, इसके अतिरिक्त डीटीवी, चैनल नंबर1 आदि। ऐसे अनेक चैनल हैं जो पत्रकारों पर ही विज्ञापन लाने का दबाव डालते हैं और अगर वही पत्रकार उन्हें महीना दो महीना विज्ञापन देता रहता है तो उसे मासिक वेतन भी मिलता रहता है। हमारा जिला एक पिछड़ा हुआ जिला है और हमारे दिल्ली में बैठे अफसरों, मत्रियों व पत्रकारों जैसे सूत्र भी नहीं हो पाते इसलिए हमारी आवाज सिरसा जिले में ही दबकर रह जाती है। मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप मेरे विचारों को अपने इस ब्लॉग में अवश्य ही स्थान दें और हमारे जैसे अनेक पत्रकारों की मदद करें। मेरी एक ही ख्वाहिश है कि आपके ब्लॉग के माध्यम से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की आंख खुले और ऐसे चैनलों पर अंकुश लगाया जा सके।

शकील खान

पत्रकार डबवाली

जिला सिरसा

प्रदेश हरियाणा।

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0 Comments

  1. ashish chaubey

    August 3, 2010 at 2:21 am

    Shakeel bhai hum aapki baaton se puri tarah ittefaak rakhte hain lekin dost channel chahe regional ho ya national sabki haalat kamobesh ek si hai… so dnt upset… aajka daur to journalist k shoshan ka hi hai aur channel se paisa kamane wale rasookhdaar logon ko isse koi wasta nai ki kisi k ghar me diya jal raha hai ya nai inhe to matlab hai to bas apni kamai se phir chahe wo kaise bhi ho bhale reporter ko kuch mile ya nai…..

  2. shubha

    August 4, 2010 at 6:22 am

    bahut achche.

  3. unknow

    August 4, 2010 at 6:09 pm

    Shakeel bhai isme dosh kiska h. Time TV, Channel No. 1, DTV, Standerd World koi bhi ho. jab vo reporter se paisa mangte h tab reporter virodh kyo nahi karta. Tab to paisa dekar reporter ban jata h or blackmaling shuru kar deta h or jab hata diya jata h to channel ko dosh. ye channel nah dukandari h or isme judne wala bada bebkuf hota h. ye koi patrakarita h.

  4. sanjay tiwari

    August 5, 2010 at 2:21 pm

    Hi Shakil, Baat to tumhari sahi hai par dukh ki baat yeh hai ki tumhari is problem ka abhi koi solution nahi hai…..hamara samaj bada hi ajibo garib hota ja raha hai, har koi bas yahi chah raha hai ki kaise aur kahan se paise bana liya jaye…..khair, har raat ke baad subah aati hai so always think positive….maine bhi Sirsa se hi ( National collage, Sirsa) padai ki hai so tumhare dukh se khud ko juda hua mahshus kar raha hoon…[email protected]

  5. Satish Modi

    August 10, 2010 at 11:46 am

    bhai aap dabwali ke kon se hissse me rehte hain ,
    dabwali me aapko dekha hi nahii
    aur jo channels ka naam aap bata raheee ho wo
    pichle 2 saal se main kar raha hun

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