नव दुनिया, भोपाल से सूचना मिली है कि यहां से तीन मीडियाकर्मियों ने इस्तीफा दे दिया है. इनके नाम सुबीर दीक्षित, सुधीर कुमार और नवीन मिश्रा बताए जा रहे हैं. सुबीर दीक्षित लाइब्रेरियन थे. सुधीर कुमार और नवीन मिश्रा संपादकीय विभाग में कार्यरत थे.
सुधीर सेंट्रल डेस्क पर थे. इन तीनों में से दो सुबीर और नवीन राज एक्सप्रेस के हिस्से बनने जा रहे हैं. सुधीर के बारे में संभावना व्यक्त की जा रही है कि वे भास्कर या पत्रिका में से किसी एक जगह पर ज्वाइन कर सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि ये इस्तीफे इनक्रीमेंट में भेदभाव के चलते हुए हैं. कहा जा रहा है कि महीने भर के भीतर आधा दर्जन से ज्यादा लोग नव दुनिया से इस्तीफा दे सकते हैं.
Ronit Sharma
June 20, 2010 at 6:00 pm
नवदुनिया में पिछले एक वर्ष में संपादकीय विभाग में 10 से अधिक इस्तीफे ने स्थानीय संपादक की अक्षमता को उजागर कर दिया। अपने चहेतों को मनचाहा इंक्रीमेंट देने की नीति ने संस्थान का बंटाढार कर दिया। प्रबंधन को यदि भोपाल संस्करण को बचाना है तो बेहतर होगा की किसी पुराने वरिष्ठ को जिम्मा देकर स्थानीय संपादक को जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए। वैसे वर्तमान स्थानीय संपादक का इटीवी और राजस्थान पत्रिका का इतिहास देखा जाए तो प्रबंधन को इनका स्तर पता चल जाएगा।
ravishankar vedoriya 9685229651
June 21, 2010 at 12:09 pm
welcome welcome welcome…………………………………….
Manoj
June 22, 2010 at 11:53 am
नवदुनिया या नईदुनिया दोनों में डरपोक लोग बेठे हुए है, यहाँ पर काम करने वाले कर्मचारियों को अधिकारियो की तरफ से कोई मदद नहीं मिलती ताजा उदहारण तो आपके सामने है परन्तु में आपको १ बात और बता दू की पिछले साल अशोक पाटीदार जो की आई टी विभाग में थे उनके साथ भी इस संस्थान ने सहयोगात्मक रवैया ना अपनाकर उनको इस कंपनी से निकाल दिया, उनकी गलती सिर्फ इतनी थी की उन्होंने अपने से दूसरी समाज वाली लड़की से प्रेम विवाह किया था, बजाय अशोक पाटीदार को मदद करने के इस संस्थान ने उनको मझधार में ही छोड़ दिया, यहाँ के सम्पादकीय और मैनेजमेंट दोनों ही विभागों के अधिकारी केवल अपना ही भला चाहते है, छोटे कर्मचारी चाहे भाड़ में जाये
ajit sing
June 23, 2010 at 11:39 am
Ashok Patidar ke bare me sahi bat kahi hai, uske jesa Good knowledge wala IT engineer kisi press company me hai yahi bahut badi taslli ki bat hai, use kisi software company me kam karna chahiye
Ashok ke sath Rajesh Sirothiya, G Uppadhyay aur Sunil bhandari tino ne hi ashok ko vishvas me rakha aur bad me dhoka de diya
Himanshu
June 24, 2010 at 11:04 am
अशोक पाटीदार के बारे में सही बात कही है, उसी ने नईदुनिया का बिलासपुर संस्करण लॉन्च करवाया था और रायपुर आईटी विभाग में काफी परिवर्तन करके वहा के कंप्यूटर और सर्वर को सुधारा तभी वहा का स्टाफ आज भी अशोक को याद करता है, उन जेसा इंजिनियर मिलना नामुमकिन है, भोपाल के स्टाफ के बारे में तो में नहीं जनता पर नईदुनिया प्रबंधन को अब छोटे कर्मचारियों के उपर ध्यान देना होगा, उन्हें केवल संपादकीय या मैनेजमेंट विभाग तक ही सिमित न रहकर सभी डिपार्टमेंट पर ध्यान देना होगा, वेसे भी अशोक ने प्रेम विवाह ही किया है कोई गलत नहीं किया, भड़ास ४ मीडिया को इस मामले में को बहुत उपर तक उठाकर अशोक की मदद करना चाहिए
vandanA
June 24, 2010 at 12:37 pm
sahi hia bhaiya………………………
naidunia ka managament bahut bekar ho gaya hai…………
I love naidunia but i hate management…………..
Bhadas4 media pls kuch karo
Sahil M
June 24, 2010 at 12:41 pm
ashok ke bare me padkar bura laga
usne kabhi naidunia ke bare me bhala-bura nahi kaha……….
ashok ka mail id
[email protected]
use e-mail karke uska hoshla badao
manish t
June 24, 2010 at 12:46 pm
Bhopal se Bhagwan ne bhi isi karan se chod diya hia.
usne bhasker kota join kar hai……….
Good luck Bhagwan
&
Best of luck Ashok we well very miss u
Chajlani pariwar saudharo apna naidunia ka pariwar