राइट टू इनफारमेशन उर्फ आरटीआई क्षेत्र में कार्य कर रही सामजिक संस्था ‘नेशनल आरटीआई फोरम’ वर्ष 2010 के लिए आरटीआई गैलेंट्री अवार्ड के लिए चयनित किये गए लोगों के नामों की घोषणा करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रहा है.
इस वर्ष के लिए सतीश शेट्टी गैलेंट्री अवार्ड मरणोपरांत अमित जेठवा को दिया जा रहा है. जेठवा एक पर्यावरणविद तथा सामाजिक कार्यकर्ता थे जो गुजरात के जूनागढ़ में गिर फोरेस्ट क्षेत्र में सक्रिय थे. इसके अलावा आमिर खान और सलमान खान के चिंकारा से जुड़े मामलों को भी उन्होंने आगे बढ़ाया था. इन्होने आरटीआई का समुचित प्रयोग करते हुए उस इलाके के कई सारे अवैध खनन के मामलों को उदघाटित किया और इस सम्बन्ध में गुजरात हाईकोर्ट में कई रिट भी किये, जिनमे अन्य प्रभावशाली लोगों के अलावा जूनागढ़ के बीजेपी सांसद दीनू सोलंकी को भी नामित किया. इन्हीं मामलों को लेकर उनकी ह्त्या 20 जुलाई 2010 को गुजरात हाईकोर्ट के नजदीक कर दी गयी. यद्यपि इस मामले में कुछ लोग गिरफ्तार हुए हैं पर ऐसा माना जा रहा है कि अभी पूर्ण न्याय नहीं हुआ है.
ललित मेहता गैलेंट्री अवार्ड बिश्वजीत मोहंती को दिया जा रहा है. वे वाइल्ड लाइफ सोसाइटी ऑफ़ उड़ीसा के मानद सचिव तथा ओपरेशन कच्छप के प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर हैं. वे कटक में कार्यरत एक चार्टर्ड एकाउंटेंट भी हैं. वे एक प्रभावशाली राजनेता भले ना हों, पर उड़ीसा के जनजीवन पर उनका सद्प्रभाव आसानी से महसूस किया जा सकता है. उन्होंने 15 साल पहले वाइल्ड लाइफ के क्षेत्र में कार्य करना शुरू किया और बाद में आरटीआई पर भी काफी काम किया. उनके द्वारा किये कए प्रमुख कार्यों में वन विभाग के वाहनों के दुरूपयोग का प्रकरण, फोरेस्ट रेंजर ट्रांसफर केस, पोस्को केस, वेदान्त केस शामिल हैं.
शशिधर मिश्र गैलेंट्री अवार्ड संजीव चतुर्वेदी को दिया जा रहा है. वे 2002 बैच के हरियाणा काडर के आईएफ़एस अधिकारी हैं. भ्रष्टाचार के विरुद्ध उनकी लड़ाई उनकी पहली डीएफ़ओ हिसार के रूप में पोस्टिंग से ही शुरू हो गयी जहां उनका मात्र स्थानान्तरण हुआ किन्तु फतेहाबाद की अगली पोस्टिंग में उन्हें वन मंत्री के करीबियों के खिलाफ कार्यवाही करने पर निलंबन तक झेलना पडा. इसके बाद उन्होंने आरटीआई का इस्तेमाल करते हुए न सिर्फ अपनी खुद की लड़ाई लड़ी और केंद्र सरकार से बिना शर्त बहाल हुए बल्कि अब इसका प्रयोग कर राज्य सरकार से जुड़े कई मामले, जैसे सरस्वती वाइल्ड लाइफ सेंकचुअरी, फतेहाबाद हर्बल पार्क जैसे केस उजागर भी कर चुके हैं. सतीश शेट्टी पुणे महाराष्ट्र के एक आरटीआई कार्यकर्ता थे जिन्होंने महाराष्ट्र में कई भूमि घोटालों को उजागर किया था. शशिधर मिश्र, जो खबरी लाल के नाम से चर्चित थे, बेगुसराय (बिहार) के आरटीआई कार्यकर्ता थे जिन्होंने कल्याण कार्यक्रमों के कई भ्रष्टाचारों को सामने लाया था जबकि ललित कुमार मेहता पलामू (झारखंड) के आरटीआई कार्यकर्ता थे जो राईट टू फ़ूड और राईट टू वर्क के क्षेत्र में काम करते थे.
इन तीनों लोगों की ह्त्या मात्र उनके सामाजिक कार्यों तथा आरटीआई का लोक-कल्याण के लिए इस्तेमाल करने के कारण उनके विपक्षियों द्वारा कर दी गयी. नेशनल आरटीआई फोरम ने ऐसे सभी आरटीआई शहीदों की याद में ये आरटीआई गैलेंट्री अवार्ड शुरू किये हैं जो ऐसे जुझारू और कर्तव्यनिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ताओं को दिए जायेंगे जिन्होंने आरटीआई की मदद से समाज को एक नयी दिशा दी हो. ये पुरस्कार एक नौ सदस्यीय जूरी द्वारा तय किये गए थे जिसके चेयरमैन उत्कर्ष कुमार सिन्हा थे.
लेखक अमिताभ ठाकुर नेशनल आरटीआई फोरम के प्रेसीडेंट हैं.
dhirendra pratap singh
September 3, 2010 at 5:34 am
thank u amitabh ji aaj samaj me aise logo ko protsahit karne ki sakt aavsykata h.khair saty ki rah sadiyo se hi kathin rahi h.lekin ye bhi dhruv saty h ki is pr chalane valo ki kami kabhi nahi rahi.
kyoki——
jab rath kranti ka tham jaye
chintan pr kai jam jaye
to samjho pidi har gai
purva ko pachhua maar gai.
thanks a lot.
raju
September 3, 2010 at 8:09 pm
kya nationlised bank bhi rti act me aate hain?
Hariom Kumar
September 4, 2010 at 7:09 am
ye bahut hi achha karya hai indian govt. Daura jab se is act. Ko parit kiya hai to kuch had tak har govt. Field me bhartachar me kami aayi hai thanku amitabh ji………