सहारा समय, झारखंड के 9 रिपोर्टरों का इस्तीफा

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: आर्यन टीवी ज्वाइन किया : झारखंड में सहारा समय को बड़ा झटका लगा है. 9 रिपोर्टरों ने आर्यन टीवी ज्वाइन कर लिया है. इनके नाम इस प्रकार हैं- बलराम दुबे धनबाद, अजय अश्क बोकारो, बिपिन मिश्रा जमशेदपुर, विजय तिवारी दुमका, विनय तिवारी गढ़वा, अरुण मिश्रा रांची, गौतम लेलिन लोहरदग्गा, पंकज वर्मा सहाबगंज, राम शंकर वाजपेयी देवघर.

इन रिपोर्टरों के आर्यन न्यूज चैनल से जुड़ने से माना जा रहा है कि आर्यन की नेटवर्किंग काफी अच्छी हो गई है. आने वाले दिनों में कुछ और चैनलों को आर्यन टीवी झटका दे सकता है. ज्ञात हो कि वरिष्ठ पत्रकार संजय मिश्र आर्यन टीवी के हेड हैं. संजय सहारा समय बिहार-झारखंड के हेड हुआ करते थे, इसलिए उन्हें सहारा समय के बेहतर लोगों के बारे में पता है. वे अपनी उसी पुरानी टीम को आर्यन टीवी से जोड़ रहे हैं. सर्वेश कुमार सिंह और और भुजंग भूषण भी आर्यन टीवी में वरिष्ठ पद पर हैं. ये लोग इन दिनों चैनल को लांच कराने की तैयारियों में जोरशोर से जुटे हैं. माना जा रहा है कि बिहार में भी सहारा समय की टीम में  आर्यन टीवी के लोग सेंध लगा सकते हैं.

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Comments on “सहारा समय, झारखंड के 9 रिपोर्टरों का इस्तीफा

  • rajan mehta says:

    ये हाल तो जयपुर में भी है…..यहाँ अजय शर्मा की वजह से कई लोग सहारा को अलविदा कह चुके है तो वही कई लोगो को निकला जा चुका है.जिनमे दुर्गेश भटनागर को प्रबंधन ने बहार का रास्ता दिखा दिया. ऊँची बाते करने वाले दुर्गेश की हालत अब न घर की न घाट की हो गयी है. राजस्थान के ही tv99 को छोड़ कर गए थे ये कहकर की इस चैनल की क्या इज्जत है लेकिन दुबारा यही आ गए प्रबंधन के सामने हाथ पैर जोड़कर. में ये भी बता दूँ की उनको सहारा से इसलिये निकला गया की फ़ोन लाइन पर एंकर के किसी सवाल पर उनका जवाब था की ये तो पूछकर बताऊंगा. वो प्रोग्राम लाइव चल रहा था………..

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  • एक पीड़ित पत्रकार says:

    पिछले डेढ़ साल में सहारा समय बिहार / झारखण्ड में काम करने का अनुभव काफी कड़वा रहा है. डेस्क के लोग अपने को काफी बीजी बताते हैं. उनके पास समय नहीं की किसी भी रिपोर्टर की समस्या को सुने, ख़बरें लगायें, फोन रिसीव करें, सब वहाँ पे सो रहे हैं. वैसे भी कहा गया है की [u][b]”जो सोवत है वो खोवत है”[/b][/u]. ऊपर से एक-एक साल तक पेमेंट में देरी की जाती है. ऐसे में बेचारा रिपोर्टर क्या करेगा.सहारा समय में जो लगन से काम करते हैं उसको सुनने वाला कोई नहीं है. जो काम नहीं करते उनको प्रबंधन का पूरा संरक्षण मिलता है.
    —- एक पीड़ित पत्रकार >:(

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  • ............. says:

    ये सिर्फ फील्ड में ही नहीं है…अंदर नोएडा में भी हर चैनल में यही हाल है…काम करने वाले वरिष्ठों को हटा कर उनकी जगह चापलूसों को बैठा दिया गया है…काम करने वालों की कद्र नहीं है..और जो काम नहीं जानते वो बॉस बन गए हैं..अब तो भगवान मालिक है..क्योंकि हर साख पर…?

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  • बड़े बेआबरू होके तेरे कूंचे से जो निकले..बात जब निकली हैं तो दूर तलक तक जाएगी….शायद इस्तीफा देनेवाले ये रिपोर्टर आजकल यही जुमला गुनगुना रहे हैं…. 🙁

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