भोपाल : शाम के बड़े अख़बारों में शुमार भोपाल से प्रकाशित ‘सांध्य प्रकाश’ के कर्मचारियों में भगदड़ मची हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पत्रकार संजय सक्सेना, आत्माराम सोनी, दीपक सोनी सहित लगभग एक दर्जन कर्मचारी संस्थान को अलविदा कह चुके हैं।
खबर है कि ‘सांध्य प्रकाश’ के कर्मचारियों को पिछले तीन माह से वेतन नही मिला है, इसी से त्रस्त होकर अखबार से जुड़े पत्रकारों और गैर-पत्रकारों ने ‘सांध्य प्रकाश’ छोड़ने में अपनी भलाई समझी। अखबार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सांध्य प्रकाश प्रबंधन का पूरा ध्यान दूसरे धंधों में लगा हुआ है जिसके कारण वह अखबार की बेहतरी की कोशिश नहीं कर पा रहे हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि भोपाल में लम्बे समय तक ‘सांध्य प्रकाश’ अखबार का जलवा रहा है। परंतु आज यह अखबार अपने मालिकों की धंधेबाज मानसिकता के कारण बंद होने की कगार पर है।
भोपाल से अरशद अली खान की रिपोर्ट
ravishankar vedoriya
July 3, 2010 at 11:59 am
managment ko chahiye ki karmchariyo ke bare mai socho apne bare mai bhi tabhi soch payege unhi ki mahnat ki kamai se paper chalta hai
sohan
July 4, 2010 at 12:35 pm
पता नहीं आजकल पत्रकारिता को क्या हो गया है? चौथा स्तंभ कहे जाने वाला मीडीया कहीं खो गया है। पत्रकारिता पूरी तरह से व्यवसाय में तब्दील हो गइ है। संस्थानों के मालिकों ने पत्रकारिता को पैसा कमाने का धंधा बना दिया है। इसी धंधेबाजी के कारण जहां एक और पत्रकारों को आजकल लोग ब्लेकमेलर के तौर पर देख रहें है। मालिको के कारनामों की सजा पत्रकारिता और पत्रकार भुगत रहें है। शायद इन्हीं कारणों से नई पीडी मीडीया में आने से घबरा रही है।