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बड़े हमले की चेतावनी दी थी ‘1857’ ने

वरिष्ठ पत्रकार एसएन विनोद के संपादन में नागपुर से निकलने वाले हिंदी दैनिक 1857 में आज  6 अप्रैल 2010 को पहले पन्ने पर लीड खबर प्रकाशित कर जो आशंका जताई गई थी, वही घटनाक्रम आज दिन में घटित हो गया. पहले पन्ने की खबर का शीर्षक है- ”बौखलाए नक्सली कर सकते हैं बड़ा धमाका”. सब हेडिंग है- ”चिदंबरम के डरपोक कहने से कमांडर भड़के”. इस खबर के जरिए हिंदी दैनिक 1857 ने पहले ही चेतावनी दे दी थी कि नक्सली बड़े धमाके की फिराक में है.

वरिष्ठ पत्रकार एसएन विनोद के संपादन में नागपुर से निकलने वाले हिंदी दैनिक 1857 में आज  6 अप्रैल 2010 को पहले पन्ने पर लीड खबर प्रकाशित कर जो आशंका जताई गई थी, वही घटनाक्रम आज दिन में घटित हो गया. पहले पन्ने की खबर का शीर्षक है- ”बौखलाए नक्सली कर सकते हैं बड़ा धमाका”. सब हेडिंग है- ”चिदंबरम के डरपोक कहने से कमांडर भड़के”. इस खबर के जरिए हिंदी दैनिक 1857 ने पहले ही चेतावनी दे दी थी कि नक्सली बड़े धमाके की फिराक में है.

खबर के अनुसार चिदंबरम ने नक्सलियों को डरपोक कहा तो नक्सली नेता इस बयान से बुरी तरह भड़क उठे हैं. नक्सलियों ने कहा कि वे केंद्रीय गृहमंत्री को जल्द ही दिखा देंगे कि वे डरपोक नहीं हैं. खबर में बताया गया है कि चिदंबरम के रवैये से बुरी तरह क्रोधित नक्सली गडचिरोली के अलावा पड़ोसी आन्ध्र प्रदेश व छत्तीसगढ़ में बड़ा धमाका करने की तैयारी शुरू कर चुके हैं. आज सुबह छत्तीसगढ़ के दंतेवाडा में नक्सलियों ने बड़ा धमाका करके लगभग सौ सीआरपीएफ के जवानों को मौत घाट उतारकर अपनी चेतावनी को अंजाम दे डाला है. केंद्रीय गृह मंत्री के लिए और भारत सरकार के लिए यह घटना एक बड़ी चेतावनी है.

हिंदी दैनिक 1857 के प्रधान संपादक एसएन विनोद कहते हैं कि उनके रिपोर्टर ने नक्सली कैंप में पदस्थ अपने सूत्रों के हवाले से जो खबर पता कि वह यही थी कि नक्सली चिदंबरम को बताना चाहते हैं कि वे जंगलों में छिपकर नहीं बैठे हैं और वे डरपोक भी नहीं हैं. चिदंबरम व केंद्रीय सरकार को थर्रा देने वाले घटनाक्रम के लिए नक्सली गुपचुप तरीके से लगे हुए थे. आज जिस तरीके से सीआरपीएफ जवान नक्सली हमले में मारे गए, उससे जाहिर है कि नक्सली अपनी ताकत का प्रदर्शन करना चाहते हैं और इस बारे में आज लीड खबर ‘1857’ में प्रकाशित की गई. एसएन विनोद के मुताबिक अगर पत्रकार अपने कर्तव्य का ईमानदारी से निर्वाह करे तो वह कई घटनाओं को होने से पहले ही सूंघ सकता है और उसे प्रकाशित कर सत्ता व सिस्टम को आगाह कर सकता है.

‘1857’ में प्रकाशित खबर को पढ़ने के लिए क्लिक करें… बौखलाए नक्सली कर सकते हैं बड़ा धमाका

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0 Comments

  1. dharmind

    April 7, 2010 at 5:47 pm

    purushottam kumar singh अगर ख़बर अच्‍छी है तो ये वाह वाही लूटने की क्‍या जरूरत है पहले ही चेता दिया था। अगर खुफिया तंत्र ही सरकार का मजबूत होता तो माओवाद बढ़ता नही। रही बात माओवाद विचारधारा है तो श्रीलंका में क्‍यों खत्‍म हो गया। विचारधारा कभी खत्‍म नहीं होती ये मैं भी मानता हूं। जो विचारधारा भटककर गलत उद्देश्‍यों के लिए जवानों का खून बहा रही हो वे बेहद हानिकारक है और ऐसी विचारधारा का खात्‍मा जरूरी है। नेपाल में राजशाही खत्‍म हुई माओवादी लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव भी जीते लेकिन बताओ उनके प्रतिनिधिओं का कहा सत्‍ता में जगह मिल रही है। रही बात चाइना की तो वहां लोकतंत्र नहीं बंदूकतंत्र है। जो सरकार की बात नहीं मानता उसे जेल की हवा खानी पड़ती है आपको मालूम है सिनेमाकर्मी तक गुलाम हैं। ठीक कहा आपने ये हिंदुस्‍तान इसलिए गृह मंत्री बातचीत का बार बार न्‍योता दे रहे हैं। नहीं तो लिट्टे को जिस तरह श्रीलंकन आर्मी ने समाप्‍त किया एक सप्‍ताह में प्रभावित राज्‍यों से नक्‍सलवाद खत्‍म हो सकता है। लेकिन ये लोकतंत्र है। यहां सबको मौका दिया जाता है।

  2. dharmind

    April 6, 2010 at 3:00 pm

    आज ही ख़बर प्रकाशित हुई है और आज ही हमला तो बताओ सरकार कैसे तैयार होती। हमला सुबह छह बजे के लगभग हुआ है और अख़बार ही तीन बजे के लगभग छपा होगा। बस क्रेडिट लेने की होड़ में लगे हैं। आपने लिखा है कि पहले ही आगाह किया था। कब आगाह किया हमले के पहले आपका अख़बार मार्केट में आ गया क्‍या। जब लोगों ने ये अख़बार पढ़ा होगा बदकिस्‍समती से ये हमला हो चुका था और हमारे वीर 75 जवान शहीद हो गए। ख़बरों का क्रेडिट लेने से पहले ये सोचना जरूरी है कि इन नक्‍सलियों से कैसा निपटा जाए।

  3. Prashant Wankhede

    April 6, 2010 at 8:41 pm

    Jab patrakar soch sakte hai ki naksali chidambaram ke bayan ka muh tod jawab denge to suraksha vibhag q nahi soch sakta. suraksha vibhag se yeh bhool kaise hui. ki naksali Unke bayan ka jawab nahi denge. Wah to Dawa Kar Rahein hai Ki “140 Kutta mara karke” (naxali ke language mein). Yeh patrkar aur akhbar to yeh batana chahta hai ki apna suraksha vibhag kitna Durdrushti rakhta hai.

  4. prakash

    April 7, 2010 at 3:54 am

    naxali muhim ko hawa dene par bhi kadi karyavahi honi chahiye.

  5. purushottam kumar singh

    April 7, 2010 at 7:59 am

    Yaswant Da , is main koi sak nahi ki S.N. Vinod jee ke team main kabil patrakaron ki kami nahi hogi. Aur ye bhi daad dena hoga S.N. Vinod je ka jinhone is khabar ko lead diya,warna Sania mirja aur Soaib Malik ke nautanki ko pura pej dene wale media houses is tarah ke khabron ko kapolkalpit batakar chapte hi nahi.Haan ye aur baat hai ki hamla akhbar aane ke saath ho chuka tha,iske liye puri tarah se Sarkar dosi hai.Uper ek Sazzan ne comment kiya hai ki “आज ही ख़बर प्रकाशित हुई है और आज ही हमला तो बताओ सरकार कैसे तैयार होती। “.Unse mera sawal hai ki kya akhbar ko padh kar hi Sarkar ready hogi,aur agar aisa hi hai to phir jarurat hi kya hai inteligence ki.Mere uper wale comment colmn me Prakash je ne kaha hai ki “naxali muhim ko hawa dene par bhi kadi karyavahi honi chahiye.”. To bandhu hum log Great India ke niwasi hain na ki CHINA ke.Naxal ek vichar dhara hai, aur vichar dhara marti nahi hai,ye aur baat hai ki is vichar dhara ko manne wale raaste se hant kar bhi chal pare hain. To Bhandu Great India main wo kaun si chiz hai jis main SAMAY ke saath VHATKAW nahi aaya hai.

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