जर्नलिस्ट्स यूनियन फॉर सिविल सोसाइटी (जेयूसीएस) ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता के छात्र मो. आदिल हुसैन को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा निलंबित करने की निंदा करते हुए इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया। संगठन ने मांग की कि विश्वविद्यालय प्रशासन तत्काल मो. आदिल हुसैन का निलंबन वापस ले।
संगठन के प्रभारी शाह आलम, विजय प्रताप और अवनीश राय ने कहा कि आदिल हुसैन लंबे समय से अलीगढ़ विश्वविद्यालय प्रशासन की छात्र विरोधी और भ्रष्टाचार की नीतियों को सूचना के अधिकार के तहत और मीडिया के माध्यम से उजागर करते थे। विश्वविद्यालय प्रशासन को यह नागवार गुजरा और उसने उनका निलंबन कर दिया जबकि सूचना का अधिकार कानून का इस्तेमाल करना और मीडिया में अपनी बात रखना हमारा अधिकार है।
आदिल ने विश्वविद्यालय में लोकल इंटेलीजेंस यूनिट और सीसीटीवी कैमरों पर भी सवाल उठाया था। जिस विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए जरूरी किताबें न हो और बिजली पानी की व्यवस्था न हो उस विश्वविद्यालय में सीसीटीवी कैमरों के खरीद के बहाने विश्वविद्यालय प्रशासन पैसों के बंदरबाट में जुटा है। ऐसे ही सवालों को उठाने और लगातार वेब साइट्स पर लिखने के कारण उन पर यह आरोप विश्वविद्यालय प्रशासन लगा रहा है कि वह विश्वविद्यालय की छवि खराब कर रहे हैं।
अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल हाफिज गांधी ने भी विश्वविद्यालय प्रशासन के इस तुगलकी फरमान की निंदा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय लगातार अपने ऊपर उठ रहे सवालों को दाबने के लिए छात्रों का निलंबन कर देता है। जो छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन है। इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ravishankar vedoriya 9685229651
June 7, 2010 at 12:36 pm
agar university koi baat chatra hit mai nahi karti to uski aawaj utana koi galt baat nahi hai adil ne esa kiya to kya galat kiya uska nilamban vapas lena chahiye
desh deepak singh lucknow
June 7, 2010 at 7:23 pm
chillana bandkaro aur kuch kar key dikhao
KK
June 7, 2010 at 11:36 pm
वाह भाई वाह शाह आलम, विजय प्रताप और अवनीश राय ये महान लोग किसी के पक्ष मे खडे हो तो समझ लीजै कि दाल में कुछ काला है। भइया कालेज में सीसीटीवी कैमरा लग गया तो उपद्रवियों को तो बुरा लगेगा।
AADIL RAZA
August 4, 2010 at 11:44 am
IS KAAM KE BERODH HONA CHIYA