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दुख-दर्द

पत्रकारिता का कोर्स कर बन गया ब्लैकमेलर

उसने जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन में बैचलर की डिग्री ली है. वह डीयू (दिल्ली यूनिवर्सिटी) से ग्रेजुएट है. कैमरा हैंडल करने में उस्ताद है. पत्रकारिता में कई जगह भाग्य आजमाया पर उसकी किस्मत ने साथ नहीं दिया. कई और धंधे किए पर कहीं जम नहीं पाया. आखिरकार वह बन गया एक शातिर ब्लैकमेलर. इस काम के लिए उसने एक एनजीओ का सहारा लिया. हम बात कर रहे हैं सुभाष कुमार शर्मा की. ‘लड़का होगा या लड़की’ की पहचान के लिए किए जाने वाले प्रतिबंधित प्री नेटल डायग्नोस्टिक टेस्ट (पीएनडी टेस्ट) के स्टिंग ऑपरेशन के नाम पर डॉक्टरों को डरा धमकाकर उनसे पैसे ऐंठने वाले शख्स को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसकी पहचान नजफगढ़ निवासी सुभाष कुमार शर्मा के रूप में हुई. उसके पास से एक कार, पोर्टेबल डीवीडी प्लेयर, एक सीडी, 4 मोबाइल, एक वायरलेस सेट और दो पैन कार्ड बरामद हुए. उसके गिरोह में कई लोग हैं.

<p style="text-align: justify;">उसने जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन में बैचलर की डिग्री ली है. वह डीयू (दिल्ली यूनिवर्सिटी) से ग्रेजुएट है. कैमरा हैंडल करने में उस्ताद है. पत्रकारिता में कई जगह भाग्य आजमाया पर उसकी किस्मत ने साथ नहीं दिया. कई और धंधे किए पर कहीं जम नहीं पाया. आखिरकार वह बन गया एक शातिर ब्लैकमेलर. इस काम के लिए उसने एक एनजीओ का सहारा लिया. हम बात कर रहे हैं सुभाष कुमार शर्मा की. 'लड़का होगा या लड़की' की पहचान के लिए किए जाने वाले प्रतिबंधित प्री नेटल डायग्नोस्टिक टेस्ट (पीएनडी टेस्ट) के स्टिंग ऑपरेशन के नाम पर डॉक्टरों को डरा धमकाकर उनसे पैसे ऐंठने वाले शख्स को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसकी पहचान नजफगढ़ निवासी सुभाष कुमार शर्मा के रूप में हुई. उसके पास से एक कार, पोर्टेबल डीवीडी प्लेयर, एक सीडी, 4 मोबाइल, एक वायरलेस सेट और दो पैन कार्ड बरामद हुए. उसके गिरोह में कई लोग हैं.</p>

उसने जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन में बैचलर की डिग्री ली है. वह डीयू (दिल्ली यूनिवर्सिटी) से ग्रेजुएट है. कैमरा हैंडल करने में उस्ताद है. पत्रकारिता में कई जगह भाग्य आजमाया पर उसकी किस्मत ने साथ नहीं दिया. कई और धंधे किए पर कहीं जम नहीं पाया. आखिरकार वह बन गया एक शातिर ब्लैकमेलर. इस काम के लिए उसने एक एनजीओ का सहारा लिया. हम बात कर रहे हैं सुभाष कुमार शर्मा की. ‘लड़का होगा या लड़की’ की पहचान के लिए किए जाने वाले प्रतिबंधित प्री नेटल डायग्नोस्टिक टेस्ट (पीएनडी टेस्ट) के स्टिंग ऑपरेशन के नाम पर डॉक्टरों को डरा धमकाकर उनसे पैसे ऐंठने वाले शख्स को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसकी पहचान नजफगढ़ निवासी सुभाष कुमार शर्मा के रूप में हुई. उसके पास से एक कार, पोर्टेबल डीवीडी प्लेयर, एक सीडी, 4 मोबाइल, एक वायरलेस सेट और दो पैन कार्ड बरामद हुए. उसके गिरोह में कई लोग हैं.

डीसीपी (नॉर्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट) एन. एस. बुंदेला के मुताबिक सुभाष डीयू का ग्रैजुएट है और उसने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन में बैचलर डिग्री भी ले रखी है. वह कैमरा हैंडल करने में भी एक्सपर्ट है. पढ़ाई के बाद उसने कई जगहों पर नौकरी करने और अपना बिजनेस जमाने की कोशिश की, लेकिन जब हर जगह उसे नाकामी ही मिली, तो उसने बेटी बचाओ समिति नाम के एक एनजीओ में नौकरी कर ली और डॉक्टरों के स्टिंग ऑपरेशन करके उनसे मोटी रकम वसूलने लगा.

डीसीपी के मुताबिक सुभाष अपने गिरोह में शामिल किसी महिला को फर्जी कस्टमर बनाकर किसी रेडियॉलजिस्ट के क्लिनिक पर भेजता था, जहां वह महिला अल्ट्रासाउंड, एक्स रे व अन्य छोटे मोटे टेस्ट करवाती थी. उसी दौरान महिला डॉक्टर के साथ बातचीत करके उनसे अच्छी पहचान बना लेती थी. फिर कुछ दिन बाद वह महिला किसी अन्य गर्भवती को अपने साथ उस क्लिनिक पर ले जाती थी और डॉक्टर से उसका पीएनडी टेस्ट करने के लिए कहती थी. वैसे तो पीएनडी टेस्ट गैरकानूनी है, लेकिन वह यह कहकर डॉक्टर को टेस्ट करने के लिए मनाने की कोशिश करती थी कि जिस गर्भवती को वह अपने साथ लाई है, वह बहुत गरीब घर की है और उसकी पहले से एक बेटी है. अगर इस बार भी उसे बेटी हुई, तो ससुराल वाले उसे घर से निकाल देंगे.

जो डॉक्टर टेस्ट करने के लिए तैयार हो जाता था, उसका फर्जी कस्टमर बनकर आई महिला अपने बैग में रखे खुफिया कैमरे से टेस्ट करते वक्त, गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिंग के बारे में बताते वक्त और फीस लेते वक्त स्टिंग ऑपरेशन कर लेती थी. फिर सुभाष कैमरे में दर्ज हुई रेकॉर्डिंग की सीडी बनाता था और उसे टेस्ट करने वाले डॉक्टर को दिखाकर यह कहते हुए डराता धमकाता था कि अगर उसे मोटी रकम नहीं दी, तो वह उस सीडी को नामी न्यूज चैनलों के हवाले कर देगा और उसका क्लिनिक सील करवा के और उसे जेल भिजवा देगा और उसका करियर बर्बाद कर देगा. सुभाष की ब्लैकमेलिंग से डरकर डॉक्टर मनमानी रकम उसके हवाले कर देते थे.

एक डॉक्टर ने पुलिस में इनके खिलाफ कंप्लेंट दर्ज कराई थी. डीसीपी के मुताबिक अशोक विहार फेज -1 में रहने वाले एमबीबीएस और एमडी (रेडियॉलजिस्ट) डॉ. सुनील फेके ने पुलिस को बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट की कैंटीन में एक शख्स उनसे मिला, जिसने कुछ रेडियॉलजिस्ट और डॉक्टरों के स्टिंग ऑपरेशन की सीडी दिखाकर उनसे 18 लाख रुपये मांगे. उस शख्स ने डॉक्टर को उनके क्लिनिक में किए गए स्टिंग ऑपरेशन की सीडी भी दिखाई.

डॉक्टर ने बताया कि डरकर उन्होंने 2 लाख रुपये उस शख्स को दे भी दिए थे, लेकिन वह और पैसों की मांग कर रहा था. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया. जांच के दौरान ऑपरेशन सेल की टीम को नजफगढ़ स्थित एनजीओ बेटी बचाओ समिति के कर्मचारी सुभाष पर शक हुआ और जब पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो सुभाष ने अपना जुर्म कबूल लिया. उसने पुलिस को बताया कि पिछले दो सालों के दौरान वह दिल्ली, यूपी और एमपी में इस तरह के 12 स्टिंग ऑपरेशन करवा चुका था. पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों को तलाश रही है.

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0 Comments

  1. Manoj

    June 10, 2010 at 4:54 am

    ishi khabro par keval dhukh hi jataya ja sakta he. ese log hamara nam badanam kar rahe he.

  2. ajay dwivedi

    June 10, 2010 at 6:06 am

    chor to dikhai de jate hai,,,,kisi ko dakait kyon nazar nahi aate…media ko bhi….

  3. shalabh bhadoria

    June 10, 2010 at 3:23 pm

    youvaon ko prvesh dene ke baad unko charitr nirman ki bhi shikccha deni jaruri he.tabhi veh ek accha or jimmedar patrkar ban payege.tomar

  4. ravishankar vedoriya

    June 11, 2010 at 11:08 am

    patrikarta ko majak samajne walo ko chorahe per khade kar goli maar deni chaiye ase hi logo ke karan is sehtra ko badnaam kar diya hai in logo ke karan hi achhe logo ko badnamm hona padta hai in logho kadi se kadi sja milini de

  5. Suresh Trehan

    June 11, 2010 at 1:00 pm

    Mujhe najafgarh ke is farji patrakar ki kartut per bahut dukh hua hai. yahan ase aur
    log bhi hain, unka kya kiya jaae

  6. prashant rajawat 9981139358

    June 11, 2010 at 2:38 pm

    berojgar patrakaro ka yahi hasra hoga.

  7. sunil panchal

    June 12, 2010 at 3:59 am

    yashwant jee ye to ek hi pakda gaya hai najafgarh mei to abhi aur bhi bahut saare magarmach hai jo media ka board laga kar apne aapko patrakaar batate hai asal mei in logo ka dhandha kuch aur hi hota hai in logo ka kaam hai bade bade chaneels aur newspapers ke patrakaro se dosti karke unki aad mei logo ko damkana aur paise aithna kai to aise farzee hai jo sarkari officers ke kilaaf khabar karwa karke baad mei un se jaa kar paise ainthe hai board media ka dhanda vasuli ka aur jab inke bare mei board lage sansthan se pucha jata hai to jawab milta hai ki ye hamare yaha kaam hi nahi karte hai mai chata hu ki govt aisa kanoon banaye ke sambandith police stations mei media sansthan dwara information beji chaiya ki hamare yaha se falla naam ka patrakaar hai reputed media ka board laga kar ye log sirf dusro ko damkaate rahte hai aur apne vasuli wale kaam ko anjaam dete rahte hai

  8. ravishankar vedoriya gwalior

    June 12, 2010 at 11:45 am

    mere ek sathi ne comment mai likha hai ki berojgaro ka yahi hoga to mera bhai rojgar karne ke aneko area hai usmai hath aajmana chaiye aapka esa kahna apka visvas nahi apki kamjori dikhata hai kisi ko black mai karna se aap youg nahi ban jate aap kamjor bante hai

  9. IKRAM WARIS LUCKNOW

    June 12, 2010 at 1:26 pm

    subhas ne media ko badnam karke navparveshi patrakaroun ki rahaoun me katen bicha diya hai. ek to mushkil se khain job milti hai. agar aise main is tarah ki story aati rahegi to bhala kaun apne orgnization me rakhega. itna hi nahi subhas ki shakal me kai patrakar blackmeling kar rahen hain. bas zarorat hai unke cherhe se nakab utthane ki.

  10. IKRAM WARIS LUCKNOW

    June 12, 2010 at 1:39 pm

    subhas ne media ko badnam karke navparveshi patrakaroun ki rahaoun me katen bicha diya hai. ek to mushkil se khain job milti hai. agar aise main is tarah ki story aati rahegi to bhala kaun apne orgnization me rakhega. itna hi nahi subhas ki shakal me kai patrakar blackmeling kar rahen hain. bas zarorat hai unke cherhe se nakab utthane ki.

  11. IKRAM WARIS LUCKNOW

    June 12, 2010 at 4:01 pm

    subhas ne media ko badnam karke navparveshi patrakaroun ki rahaoun me katen bicha diya hai. ek to mushkil se khain job milti hai. agar aise main is tarah ki story aati rahegi to bhala kaun apne orgnization me rakhega. itna hi nahi subhas ki shakal me kai patrakar blackmeling kar rahen hain. bas zarorat hai unke cherhe se nakab utthane ki.

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