ये लोग एक सवारी वाहन रोक कर उसके चालक और सवारियों से मारपीट कर रहे थे. इससे अफरा-तफरी का माहौल था. गुंडे विरोध करने वाले लोगों को दौड़-दौड़ा कर पीट रहे थे. इसी समय वहां से गुजर रहे श्री राय की गाड़ी पर जैसे ही उन गुंडो का नजर पड़ी, सभी आग बगूला हो गये. कहा कि प्रेस वाला है, समाचार छापेगा, मार दो साले को. अगले ही पल तीन चार गुंडे श्री राय पर पिल पड़े और गला दबाकर मारने की कोशिश की. इस हमले से श्री राय वहीं बेहोश हो गये. बाद में होश आया तो किसी तरह अपने कार्यालय पहुंचे. इस संबंध में सरायढेला थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की तलाश कर रही है.
हमले के खिलाफ प्रभात खबर में ‘शहर के सड़कों पर गुंडों का राज’ शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित की गई, हिन्दुस्तान और दैनिक जागरण ने सिंगल कॉलम में मामले को निपटा दिया. प्रभात खबर में अगले दिन प्रेस संगठनों और राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया भी जोरदार ढंग से छपी. मगर बाकी अखबार ने कोई फालोअप नहीं छापा. घटना को लेकर जिले के प्रेस कर्मी और प्रेस संगठन आंदोलित हैं. कोयलांचल संवाददाता संघ ने आंदोलन की चेतावनी दी है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए राजीतिक संगठन आवाज उठाने लगे हैं.
श्री राय का कहना है कि हमले को महज प्रेस से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. धनबाद में काबिज गुंडा राज का खमियाजा हर एक को भुगतना पड़ रहा है. इस हमले से मुझे जो चोट लगी है, उसका इलाज हो जाएगा. लेकिन गुंडों, मवालियों और रंगदारों का इलाज पहले जरूरी है. इसके लिए सभी को डटकर एकजुट होना चाहिए. वरना भविष्य में विरोध जताने के लिए आगे आने से हर कोई कतरायेगा.
sushil jha
August 3, 2010 at 7:56 am
धनबाद में गुंडा राज कोई नहीं बात नहीं है. जब से यहां की जमीन से कोयbे का उत्पादन शुरू हुआ उसी समय से गुंडो¨-मवाbियो¨ की पौध भी bगनी शुरू हो गयी. खदानो¨ के राïीयकरण के बाद इन पौधो¨ को भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मिbने bगे. इस वजह से कुछ माफियाओं व गुंडो¨ के वट वृक्ष हो गये, तो कुछ उनकी शाखाएं. दरअसb, काbे हीरे से हुई काbी कमाई ने समाज में एक पीढ़ी को उदंड बना दिया. शास्त्रो¨ में भी जिक्र है- अवैध तरीके से संग्रह किया गया धन मानवता का दुश्मन है. ऐसे धन से कुसंस्कृति का विकास होता है. मार- काट , हत्या, बbात्कार आदि कुत्सित प्रथाएं फbती-फूbती हैं. कोयbांचb की धरती इन घटनाओं की गवाह रही है.
ऐेसे मामbे जब आते हैं,तो राजनीतिक दbो¨ , समाजसेवियो¨ व पत्रकारो¨ को इसका डटकर मुकाबbा करना होगा. ऐसी घटनाओं पर चुप्पी साधने व खुद को अभिजात दिखाने के चक्कर में बीच-बचाव का रास्ता भी भविष्य के bिए खतरनाक होता है. झारखंड का प्रशासन कितना सजग है, यह कहने की जरूरत नहीं. इसके नमूने रोज सामने आते रहते हैं. यदि समाज के जिम्मेवार bोग खुb कर इस तरह की वारदातो¨ का विरोध नहीं करेंगे, तो वह दिन दूर नहीं जब शुभाशीष राय जैसे कोई युवा पत्रकार ही नहीं, बल्िक हर घर का नौजवान सरेआम सड़को¨ पर गुंडो¨ का शिकार होगा. और , हम या तो मूकदर्शक बने रहेंगे अथवा चौराहे पर सिद्धांत बघार कर गुंडो¨ का मनोबb बढाते रहेंगे.—-सुशील
sushil shukla
August 3, 2010 at 8:07 am
samaj me kanoon naam ki chidiya ud chuki hai aaj kal koi bhi surakchit nahi hai agar sarkar crime rokne me naakam hai to fir kya hoga is sarkar ka isko khatam hi kar dena chahiye……………..jo bhi hua bha bahut hi galat hua hai hum sab ko is per chintan karna chahiye…………
sunil kaushik kanina(Haryana)
August 3, 2010 at 10:50 am
Dhanbad mein gundagardi nayi bat nahi hai.Dusre akhbaron ko bhisochna chahiye kal unke sathbhi aisa ho sakta hai. sanghtan aur sahyaog jaruri hai.
Vivek Paul
August 3, 2010 at 5:11 pm
Eh to achchhi bat hai ki Subasis ji kaleja dikhakar FIR kiya hai. lekin unka sath dena jaroori hai. dekhna hai ki oha ke akhbar wale kitna jajbat se is mamle ko lete hai. hum sabhi patrakar sathi iski kari ninda karte hai. Subasis ji, ap jaldi thik ho jaiye. ehi hamari dua hai. itna dur se to aur khuch nahi kar sakta. afsos hai.
Imran Zaheer, Moradabad
August 4, 2010 at 9:06 am
इस हमले से क्या होगा कोई कारवाही होगी ? दुबारा ऐसा नहीं होगा इसकी कोई गारंटी है ? हम सुरक्षित रह पाएंगे ? सवाल अनेक है लेकिन उत्तर सिर्फ एक की ऐसा कभी नहीं होगा, क्यूकी हम आज तक एक नहीं हो सके है| साथी के साथ घटी ऐसी घटना को एक खबर बना कर परोस देने के बाद शांत हो जायेंगे | भगवान जाने हम कब एक हो कर संघर्ष करेंगे? हमें एक हो कर संघर्ष करना होगा तभी हम सुरक्षित रह पाएंगे | एक नहीं हुए तो ऐसे ही हादसे होते रहेंगे और हम भी एक खबर बन कर रह जायेंगे|