यशवंत जी, मैं उन लोगों का तहदिल से शुक्रगुजार हूं जो आज के युग में भी अपने से ज्यादा दूसरों की चिंता करते हैं। ऋषि नागर डे एंड नाइट अपने संस्थान से ज्यादा दैनिक जागरण की चिंता में लगे हुए हैं। यह वही संस्थान है जिसने उन्हें पत्रकार का खिताब दिया। निशिकांत ठाकुर ही ऐसे पहले शख्स थे जो उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में लेकर आए। वे जिन लोगों के संस्थान छोड़ने की बात कर रहे हैं, वे सभी खुद अपनी तरक्की की उम्मीद में यहां से गए हैं।
संस्थान ने किसी को जाने के लिए नहीं कहा। दैनिक जागरण में कौन आया, कौन गया, इसकी जानकारी वहां के लोगों से ज्यादा ऋषि नगर को होती है। मेरी उन्हें सलाह है कि जितना समय वह दैनिक जागरण की गतिविधियों को नोट करने में लगाते हैं, यदि उतना समय अपने काम में लगाएं तो उनके लिए शायद ज्यादा अच्छा होगा।
–सुशील खन्ना
उपसमाचार संपादक, दैनिक जागरण
लुधियाना
19.10.2009