[caption id="attachment_17129" align="alignleft" width="99"]अभय तिवारी[/caption]‘…क्योंकि नगर वधुएं अखबार नहीं पढ़तीं’ : बनारस और रंडियों का रिश्ता इतना पुराना है कि उसकी दखल कहावतों में भी हो गई है। फिर रंडियों से जुड़े मामले हमेशा दिलचस्प होते हैं। न सिर्फ़ इसलिए कि वे हमारे स्वभाव की मूल वृत्ति से जुड़ा व्यापार करती हैं बल्कि इसलिए भी कि एक आम शरीफ़ आदमी को उनके जीवन के बारे में अधिक कुछ मालूम नहीं होता। जिज्ञासा अलबत्ता ज़रूर होती है।