फोटो ‘हींचते’ हैं मेरे शहर के फोटो पत्रकार क्योंकि फोटो हर कीमत पर, भले ही ‘मैनेज’ कर

राजेंद्र हाड़ासन् 1999 की एक रात कुछ पत्रकारों को सूचना मिली कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अजमेर आ रहे हैं। गहलोत कुछ माह पहले ही पहली बार मुख्यमंत्री बने थे और ‘सुशासन’ लाने के कारण ज्यादातर दौरे रेलगाड़ी से किया करते थे। रेल आने का समय रात करीब दो-ढाई बजे का था। एक संवाददाता, फोटोग्राफर के साथ रेलवे स्टेशन जा पहुंचा।

स्थानीय संपादक के जन्मदिन में बुलाया सौ-सौ रूपए लेकर

अजमेर से प्रकाशित एक दैनिक अखबार के स्थानीय संपादक की जन्मदिन पार्टी इन दिनों काफी चर्चा में है। मेहमानों से सौ-सौ रूपए लेकर जन्म दिन मनाया जाए तो चर्चा होना स्वाभाविक भी है। जन्म दिन पार्टी का आयोजन किया था रंगकर्मियों की एक संस्था ने। संस्था के संस्थापक और सबसे सक्रिय रंगकर्मी पत्रकारों के बीच भी अपनी काफी सक्रियता रखते हैं। इन्होंने अपने परिचितों को संस्था के भविष्य में होने जा रहे एक आयोजन की मीटिंग के नाम पर आमंत्रित किया।

तो आवभगत स्वीकार करते ही क्यों हैं पत्रकार?

सोमवार को अजमेर के केकड़ी कस्बे में ”शुद्ध के लिए युद्ध अभियान” के दौरान एक फर्म के विरुद्ध की गई रसद विभाग की कार्यवाही के दौरान फर्म मालिक और मीडिया कर्मियों के बीच खबर उजागर न करने को लेकर नौंक-झौंक हो गई। असल में हुआ ये कि जैसे ही मीडियाकर्मियों को पता लगा कि रसद विभाग का दल वहां पहुंच रहा है तो वे भी वहां रिपोर्टिंग करने को पहुंच गए। फर्म मालिक ने सभी की खूब आवभगत की और स्वागत-सत्कार किया।

संघियों ने मीडियावालों को उनकी औकात बता दी

: वे हमें दुत्कारते रहे, हम पूंछ हिलाते रहे : अजमेर के इतिहास में बीते पांच दिन पत्रकारिता और पत्रकारों के लिए बेहद शर्मनाक गुजरे। देश को दिशा देने की बात करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत अजमेर में रहे, अनेक बैठकें कीं, अनेक संभ्रांत लोगों से मिले, अच्छी-अच्छी आदर्शपूर्ण बातें की, मगर एक बार भी प्रेस से मुखातिब नहीं हुए। कितने दुर्भाग्य की बात है कि इस राष्ट्रवादी संगठन ने कथित देश हित की खातिर अनेक मंत्रणाएं कीं पर मीडिया को गांठा तक नहीं।

सिटी एडिटर को क्राइम रिपोर्टर ने किया जलील

: रिपोर्टर विक्रम को क्राइम बीट से हटाया गया : दैनिक नवज्योति, अजमेर के सिटी एडीटर ओम माथुर को उन्हीं के सीनियर क्राइम रिपोर्टर विक्रम चौधरी ने जमकर गालियां दीं और खरी खोटी सुनाई। बीच बाजार में हुई इस घटना के बाद विक्रम का बीट छीन लिया गया है।